तेंदूपत्ता संग्रहण: शाख कर्तन और आवश्यक व्यवस्था संबंधी कार्यशाला संपन्न अधिक आमदनी के लिए अच्छी गुणवत्ता का तेंदूपत्ता संग्रहण जरूरी
रायपुर, 21 फरवरी 2020/ वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में वन विभाग द्वारा राज्यभर में तेंदूपत्ता संग्रहण की तैयारी तेजी से जारी है। इस तारतम्य में कल दुर्ग वन वृत्त स्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजनांदगांव स्थित पद्मश्री गोविंद राम निर्मलकर ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यशाला में तेंदूपत्ता शाख कर्तन और हर आवश्यक व्यवस्था के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री एम.टी. नन्दी, मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वनवृत्त श्रीमती शालिनी रैना, वनमण्डलाधिकारी दुर्ग श्री के.आर. बढ़ई तथा राजनांदगांव श्री बी.पी. सिंह सहित राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद, कवर्धा तथा खैरागढ़ वनमण्डल के विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री नंदी ने चर्चा करते हुए कहा कि चालू सीजन के दौरान अच्छी गुणवत्ता के तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए हर आवश्यक व्यवस्था समय पर सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य का सही ढंग से संचालन के लिए विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण के सुचारू संचालन होने पर लाभ में न चलने वाली समितियों में भी उत्तम गुणवत्ता का तेंदूपत्ता संग्रहण हो पाएगा और इन समितियों को भी अच्छी आमदनी मिल सकती है। श्री नन्दी ने इसके लिए तेंदूपत्ता संग्राहकों से लगातार सम्पर्क बनाए रखने के निर्देश दिए। साथ ही विभागीय अधिकारियों को उनकी समस्याओं का समय पर निदान करने के लिए निर्देशित किया।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री नन्दी ने अच्छी गुणवत्ता के तेंदूपत्ता संग्रहण सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान में सही ढंग से तेंदूपत्ता शाख कर्तन की कार्रवाई के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके तहत चक्रीय विधि से उसमें बूटा कटाई का कार्य रांपा अथवा तेज धार कुल्हाड़ी की सहायता से भूमि की सतह से कराया जाए। इससे तेंदूपत्ता के स्टम्प से कई शाखाएं निकलती है। जिसमें उत्तम गुणवत्ता का अधिक मात्रा में संग्रहण योग्य पत्ता निकलता है। श्री नन्दी ने यह भी बताया कि वन क्षेत्र में जहां आग लगती है, वहां का तेंदूपत्ता अपेक्षाकृत कमजोर तथा कम मात्रा में प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि इसका क्षेत्र में व्याप प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। बूटा कटाई की अवधि से संग्रहण के मध्य वन क्षेत्र में लगातार नजर रखना भी आवश्यक है। पूर्व भ्रांतियों के चलते तेंदूपत्ता के लालच में ग्रामीण ठेकेदारों के कहने पर वन क्षेत्र में आग भी लगा देते है। इस दौरान यदि अग्नि घटना घटित होती है तक तेंदूपत्ता के ठेकेदार के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई होने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
कार्यशाला में मुख्य वन संरक्षक श्रीमती रैना ने अच्छी गुणवत्ता का तेंदूपत्ता संग्रहण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अच्छी गुणवत्ता के तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रत्येक फड़ स्तर पर तेंदूपत्ता संग्राहकों की बैठक लेने के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए। वन मण्डलाधिकारी राजनांदगांव श्री सिंह द्वारा कार्यशाला में तेंदूपत्ता संग्रहण से लेकर भण्डारण तक की समस्त प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।