फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों को सामयिक सलाह
रायपुर, 18 फरवरी 2020/ कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को मौसम आधारित फसलों की सुरक्षा के लिए सलाह दी हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने देर से बोई गई गेहूॅं फसल 40-50 दिन का हो गया हो तो वहां यूरिया की दूसरी मात्रा छिड़काव करना उपयुक्त होगा। सरसों फसल में एफिड (मैनी) होने पर इमिडाक्लापिड 80 मि.ली. 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ छिड़काव किया जा सकता है।
कृषि वैज्ञानिकों ने आलू में पछेती अंगमारी रोग आने पर मेटालेक्जिल (1.5 ग्राम) या सायमांक्सीनील (2 ग्राम) दवा का प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। पिछले दिनों बादल छाए रहने के कारण साग-सब्जियों में एफीड, भटा में तना छेदक लगने की संभावना हैं। इसलिए किसानों के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन का प्रयोग जैसे फीरोमोन प्रपंच, प्रकाश प्रपंच या खेतों में पक्षियों के बैठने के लिए खूटी (बर्ड पर्च) लगाना लाभकारी होगा।