मंत्री श्री भगत शामिल हुए अमर शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर बुद्धू भगत जयंती समारोह में
बुद्धू भगत जयंती पर मेले के आयोजन हेतु प्रतिवर्ष एक लाख रूपये देने की घोषणा
धार्मिक व सांस्कृतिक परम्परा को बनाये रखते हुए समाज के लिए कार्य करने की अपील
रायपुर, 17 फरवरी 2020/ खाद्य, एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज बलरामपुर जिले के आदिवासी राजी पड़हा सेवा आश्रम वीर भूमि सरना शक्तिपाठ परसापानी में आयोजित अमर शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर बुद्धू भगत की 228 वीं जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने समाज के लोगों से धार्मिक व सांस्कृतिक परम्परा को बनाये रखते हुए समाज के लिये कार्य करने की बात कही। श्री भगत ने परसापानी राजी पड़हा आश्रम समिति को वीर बुद्धू भगत जयंती के अवसर पर मेले के आयोजन के लिए संस्कृति विभाग की ओर से प्रतिवर्ष एक लाख रूपये देने की घोषणा की।
परसापानी राजी पड़हा आश्रम वीर भूमि सरना शक्तिपीठ में आयोजित अमर शहीद वीर बुद्धू भगत जयंती कार्यक्रम में खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत ने वीर बुद्धू भगत के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में वीर बुद्धू भगत का अहम योगदान है। सरना शक्तिपीठ परसापानी में उरांव समाज के द्वारा अच्छा कार्य हुआ है और बच्चों को यहां अच्छी शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने समाज के उत्थान के लिए प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने को कहा जिससे बच्चे आगे की पढ़ाई कर सकंे। श्री अमरजीत भगत ने उपस्थित लोगों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीर बुद्धू भगत के बलिदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। श्री भगत ने उपस्थित उरांव समाज के लोगों से अपनी धर्म व संस्कृति की रक्षा करते हुए शराब की बुरी आदत को छोड़ने की अपील की। उन्होंने आदिवासी राजी पड़हा सेवा आश्रम द्वारा संचालित स्कूलों को हर संभव शासन द्वारा मदद देने की बात कही। उन्होंने अमर शहीर वीर बुद्धू भगत जयंती के अवसर पर समाज के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में सामरी विधायक श्री चिंतामणी महाराज एवं लुण्ड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम ने भी उपस्थित जनसमुदाय को अमर शहीद वीर बुद्धू भगत जयंती कार्यक्रम पर बधाई एवं शुभाकामनाएं देते हुए समाज के विकास में सहयोग करने की बात कही। कार्यक्रम में संस्था के छात्र-छात्राओं एवं समाज के लोगों द्वारा आदिवासी संस्कृति पर रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर परसापानी राजी पड़हा आश्रम समिति के सदस्यों सहित भारी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।