शराब कांग्रेस सरकार के उगाही का जरिया बना, गंगाजल की कसम भूली कांग्रेस: श्रीचंद सुन्दरानी
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुन्दरानी ने प्रदेशभर में शराब माफियाओं द्वारा तस्करी की शराब के रोजाना करोड़ों रुपए के चलाए जा रहे कारोबार के खुलासे को प्रदेश सरकार के लिए शर्मनाक बताया है। सुन्दरानी ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी का नारा देकर सत्ता पर काबिज कांग्रेस की सरकार प्रदेश में शराब तस्करी के इस गोरखधंधे से आंखें मूंदे बैठी है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुन्दरानी ने कहा कि इस खुलासे का सबसे हैरतभरा तथ्य यह है कि अकेले बस्तर जिले में यह गोरखधंधा एक लाख रुपए के रोजाना कारोबार के साथ चल रहा है और पूरे प्रदेश में रोजाना तस्करी करके दो करोड़ रुपए की शराब खपाई जा रही है। प्रदेश सरकार हर बार शराबबंदी को लेकर जुमलेबाजी करके प्रदेश को झूठ परोस रही है और प्रदेश के गांव-गांव और गली-गली में मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों से तस्करी की शराब सरकार और आबकारी विभाग के संरक्षण में खपाई जा रही है। सुन्दरानी ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता सम्हाली है, प्रदेश के शराब माफियाओं ने मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों के शराब माफियाओं के साथ सांठ-गांठ करके इस गोरखधंधे को फैला लिया है। स्थिति यह है कि प्रदेश के गांवों और ढाबों में एमपी पैक तथा दीगर राज्यों की शराब खुलआम बिक रही है। आबकारी विभाग छोटे-मोटे प्रकरण दर्ज कर खानापूर्ति कर रहा है जबकि सरकार व अधिकारियों के संरक्षण में माफियाओं का गोरखधंधा फल-फूल रहा है। प्रदेश सरकार शराबबंदी के नाम पर कमेटी बनाने और जुमले उछालने के अलावा और कोई सार्थक पहल करने की नीयत नहीं दिखा रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुन्दरानी ने कहा कि हाल ही बस्तर जिले में शराब के इस गोरखधंधे के खुलासे के बाद यह तथ्य भी सामने आया है कि प्रदेश के अन्य 20 जिलों में भी शराब का यह अवैध कारोबार बेखटके चल रहा है। अकेले बस्तर जिले में एक लाख रुपए के रोजाना कारोबार का खुलासा तो हैरतभरा है ही, प्रदेश के दीगर जिलों में हर दूसरे दिन 12 लाख रुपए की तस्करी की अवैध शराब खप रही है। इस हिसाब से प्रदेशभर में रोजाना दो करोड़ रुपए की शराब खपाई जा रही है। सुन्दरानी ने इसके लिए प्रदेश सरकार की बदनीयती को जिम्मेदार ठहराते हुए इस खुलासे को प्रदेश सरकार के लिए शर्मनाक बताया और कहा कि शराबबंदी के मुद्दे पर भी प्रदेश सरकार के छलावे और वादाखिलाफी की पोल खुल गई है। अब प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर अपनी नाकामियों की कीमत चुकाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।