खाद्य प्रसंस्करण औद्योगिक नीति की प्राथमिकता श्रेणी में: श्री मनोज कुमार पिंगुवा
रायपुर, 11 फरवरी 2020/ प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग श्री मनोज कुमार पिंगुवा ने राज्य में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र मे निवेश की संभावनाओं को उजागर करते हुए राज्य सरकार द्वारा की गई पहल पर प्रकाश डालते हुए औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत प्रदाय लाभों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, औद्योगिक नीति की प्राथमिकता श्रेणी में है। श्री पिंगुवा ने राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास में योगदान देने के लिए स्थानीय व्यापारियों को आमंत्रित भी किया। प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग आज यहां खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और छत्तीसगढ़ शासन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सहयोग से यूनियन चैम्बर आॅफ कामर्स द्वारा आयोजित खाद्य प्रसंस्करण काॅन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। इसमें छत्तीसगढ़ व्यापार समुदाय और फार्मर प्रोड्यूसर आॅर्गनाईजेशन के लगभग 120 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। काॅन्क्लेव में राज्य में खाद्य प्रसंस्करण को मजबूत करने के लिए नवीनतम तकनीकों पर प्रतिनिधियों द्वारा चर्चा की गई।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. डी.एन. पुरूषोत्तम ने कहा कि भारत के ’’धान के कटोरे’’ के रूप में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण की असीम संभावनाएं हैं, जिसका विकास किया जाना है। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने बताया कि राज्य में कृषि एवं बागवानी की कई किस्मों का उत्पादन किया जा रहा है, जिनकी उत्पादकता में निरंतर वृद्धि हुई है। राज्य के फार्मर प्रोड्यूसर आॅर्गनाईजेशन (एफ.पी.ओ.) ने छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंडियन चेम्बर आॅफ काॅमर्स की निदेशक सुश्री मधुपर्णा भौमिक ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र प्रौद्योगिकी पर विचार साझा करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र संबंधी औद्योगिक गतिविधियों को और बेहतर बनाने पर विशेष जोर दिया।
उद्घाटन सत्र के पश्चात् ’अवसर और प्रौद्योगिकी उन्नयन’ विषय पर एक सत्र आयोजित किया गया। वाणिज्य और उद्योग विभाग के विशेष कत्र्तव्यस्थ अधिकारी श्री आलोक त्रिवेदी ने तकनीकी सत्र के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बहुत अधिक अवसर हैं जिसका वर्तमान में समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसे बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति किसानों पर निर्भर करती है, इसलिए किसान वर्ग को सशक्त बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तर के बुनियादी ढांचे के साथ फूड पार्क विकसित कर रही है।
आई.आई.एफ.पी.टी., गुवाहाटी के प्रोफेसर श्री विनोद कुमार यादव ने छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण में संभावनाओं और अवसरों पर प्रस्तुति में उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए उठाये गये महत्वपूर्ण कदमों के साथ ही आई.आई.एफ.पी.टी. द्वारा ली गई। विभिन्न गतिविधियों और अनाज, फल, सब्जियों, मसालों के लिए उपयुक्त तकनीकों पर प्रकाश डाला।
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅॅफ पैकेजिंग के उप निदेशक श्री बिधान दास ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए आधुनिक पैकेजिंग संबंधी महत्वपूर्ण तकनीकों की जानकारी देते हुए खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उपयोग की जा रही वैज्ञानिक पैकेजिंग सामग्री और पारंपरिक पैकेजिंग सामग्री प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भी किया।
छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्व विद्यालय के प्रोफेसर, डाॅ. सुधीर उप्रित ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के प्रभाव, सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट, सी.एफ.टी.आर.आई. के प्रोफेसर श्री निवास ए. ने अनाज विज्ञान प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए अनाज प्रसंस्करण और सी.एफ.टी.आर.आई. द्वारा विकसित की जा रही प्रमुख प्रौद्योगिकी में नवाचारों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के मिलिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विकसित की जा रही मशीनरी के बारे में भी जानकारी दी।
एसवी काॅलेज, आॅफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाजी रायपुर के डीन डाॅ. एस पटेल ने प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के माध्यम से उद्यमिता विकास के बारे में विचार व्यक्त करते हुए नाबार्ड और इलाहाबाद बैंक के प्रतिनिधियों ने विभिन्न स्तरों पर वित्त पोषण के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को सहयोग प्रदान करने अनुभव को भी साझा किया। इस अवसर पर राज्य वाणिज्य और उद्योग विभाग के अपर संचालक श्री प्रवीण शुक्ला और श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव सहित राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड और विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के उद्योगपतिगण उपस्थित थे।