बिलासपुर। गणतंत्र दिवस पर स्कूल से लौट रही छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले पांचों दरिंदों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सरकंडा क्षेत्र में रहने वाली स्कूली छात्रा अपनी छोटी बहन के साथ देवकीनंदन स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखकर घर लौट रही थी, जब दोनों जबड़ापारा चौक पहुंची तो उनके पड़ोसी दीपक सिंह ने अपनी कार में लिफ्ट देकर उसे घर छोड़ने कहा। उस कार में दीपक सिंह के साथ उसके कुछ दोस्त भी सवार थे। शुरू में तो छात्रा ने मना किया लेकिन जोर देने पर वह अपनी बहन के साथ दीपक सिंह की आई 10 कार क्रमांक सीजी 13 सी 3331 में बैठ गई। लेकिन आरोपी दोनों स्कूली छात्राओं को घर छोड़ने की बजाय उन्हें लेकर बिरकोना क्षेत्र के सुनसान इलाके में पहुंच गए। जहां सबने चाऊमीन और कोल्ड ड्रिंक खाया पिया। इसी बीच दीपक ने आपने दो और साथियों योगेश वर्मा और राहुल देवांगन को भी वहीं बुला लिया। इसी बीच छात्रा ने लघुशंका जाने की बात कही तो योगेश वर्मा उसे टॉयलेट दिखाने के नाम पर पास के जर्जर मकान में ले गया। जहां उसने स्कूली छात्रा के साथ अश्लील हरकत करना शुरू कर दिया। जब पीड़ित छात्रा ने उसे ऐसा करने से मना किया तो योगेश ने अपना बेल्ट निकाल कर उसे मारा पीटा और उसे डरा धमका कर उसके साथ अनाचार किया जिसके बाद यह बात किसी को नहीं बताने की धमकी दी और मौके से फरार हो गया। इस घटना के बाद कार चालक ने पीड़िता और उसकी छोटी बहन को सरकंडा पुल के पास छोड़ा और सब भाग गए। घर लौट कर पीड़ित छात्रा ने आपबीती अपने पिता और सहेली को बताई। जिसके बाद सरकंडा थाने में पास्को एक्ट और धारा 376, 34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई। पुलिस ने जबड़ा पारा पुराना पुल के पास से अशोकनगर बिरकोन तक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज चेक किए तो उन्हें कार के लोकेशन और मालिक की जानकारी हुई। जिसके आधार पर आई 10 कार के मालिक दीपक सिंह ठाकुर को पुलिस ने सबसे पहले गिरफ्तार किया। दीपक सिंह के मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस जबड़ा पारा स्थित उसके घर पहुंची लेकिन दीपक सिंह घर से फरार था। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि दीपक सिंह राजकिशोर नगर में अपने दोस्त के यहां छुपा हुआ है और रायपुर भागने की फिराक में है।
इसके बाद पुलिस ने तत्काल घेराबंदी कर दीपक सिंह को घटना में प्रयुक्त कार के साथ धर दबोचा। जिससे पूछताछ में अन्य आरोपियों का खुलासा हुआ ।दीपक ने बताया कि योगेश वर्मा राहुल देवांगन और अन्य तीन नाबालिग दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था। लेकिन पुलिस ने जब आरोपियों की तलाश शुरू की तो सभी फरार पाए गए। लेकिन पुलिस ने सभी संभावित ठिकानों पर तलाश जारी रखी। इसी बीच घटना में शामिल तीन नाबालिग आरोपी अरपा नदी के पास पकड़े गए। लेकिन मामले का मुख्य आरोपी योगेश वर्मा और उसका साथी राहुल देवांगन लगातार अपना लोकेशन बदल रहे थे । दोनों लगातार अलग-अलग नंबरों का भी इस्तेमाल कर अपने घर वालों से संपर्क कर रहे थे। रात होने तक ये दोनों भी पकड़ लिए गए। पुलिस ने घटना के 24 घंटे के भीतर ही सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि स्कूली छात्रा के साथ बलात्कार योगेश वर्मा ने ही किया था और दोनों छात्रा अपनी मर्जी से कार में सवार हुई थी ।इसलिए उन पर अपहरण का मामला नहीं बन रहा है । फिर भी अपराधी का साथ देने पर तीन नाबालिग आरोपियों के साथ अन्य भी मामले में आरोपी बनाए गए हैं। जिन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। इस पूरे मामले को निपटाने में थाना प्रभारी जयप्रकाश गुप्ता के साथ साइबर सेल के हेमंत आदित्य मनोरमा तिवारी जितेश सिंह प्रमोद सिंह बलबीर सिंह सोनू पाल लगन खांडेकर और आशीष राठौर की विशेष भूमिका रही लेकिन इस मामले में एक ओर पुलिस वाहवाही लूटने की जुगत में लगी है वही दूसरी तरफ पुलिस की कार्य शैली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं क्योंकि मुख्य आरोपी योगेश ने 2 दिन पहले ही सरकंडा क्षेत्र में दो युवकों के साथ मारपीट की थी जिसकी शिकायत भी थाने में दर्ज थी। अगर पुलिस उसे समय रहते गिरफ्तार कर लेती तो फिर संभवतः पीड़ित छात्रा के साथ यह वारदात न हो पाती। ।