पीएम मोदी को इकोनॉमिक्स की समझ नहीं, देश के एक करोड़ युवाओं से छिना रोजगार : राहुल
राहुल गांधी की जयपुर के अलबर्ट हॉल में युवा आक्रोश रैली
जयपुर, 28 जनवरी । कांग्रेस नेता एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज में पिछले एक साल में एक करोड़ युवाओं का रोजगार छिन गया। सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर लंबे-लंबे भाषण देने वाले मोदी बेरोजगारी पर मौन हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि हम गरीबों, मजदूरों, किसानों और युवाओं को पैसा देते थे, जिससे बाजार की खपत बढ़ती थी और ग्रोथ होती थी लेकिन मोदी ने इकोनॉमिक्स नहीं पढ़ी। इसलिए उन्हें यह बात समझ नहीं आती और यही कारण है कि देश की आर्थिक व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। मोदी सरकार सिर्फ देश के दस-पंद्रह उद्योगपतियों की जेब भर रहे हैं। राहुल ने कहा कि यूपीए सरकार के समय देश की ग्रोथ रेट नौ फीसदी थी, जो अब घटकर पांच प्रतिशत रह गई है। हिंदुस्तान की सरकार देश में हिंसा फैला रही है, इस कारण विदेशी कम्पनियां निवेश से कतरा रही हैं। युवा जब उनसे सवाल करते हैं तो उनपर गोलियां चलाई जाती हैं।
राहुल गांधी मंगलवार को जयपुर के अलबर्ट हॉल में आयोजित युवा आक्रोश रैली को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर राहुल गांधी ने ‘नेशनल अन-एप्लॉयमेंट रजिस्टर’ लॉन्च किया। देश में बढ़ती बेरोजगारी व मंहगाई तथा भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की चरमराती अर्थव्यवस्था के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
राहुल ने कहा कि देश का युवा मौजूदा हालात को जानता है। हर देश के पास कोई न कोई पूंजी होती है। अमेरिका के पास हथियार, सबसे बड़ी नेवी, एयरफोर्स और आर्मी है। सऊदी के पास तेल है लेकिन हिन्दुस्तान के पास करोड़ों युवा हैं और यही हमारी पूंजी हैं। पूरी दुनिया यह मानती है कि भारत का युवा दुनिया को बदल सकता है। लेकिन आज मैं दुख से कहता हूं कि 21वीं सदी का हिंदुस्तान अपनी पूंजी को बर्बाद कर रहा है। आज हिंदुस्तान का युवा कॉलेज स्कूल में जाकर पढ़ता है लेकिन पढ़ाई के बाद उसे रोजगार नहीं मिलता।
कांग्रेस नेता ने आर्थिक नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इकोनॉमिक्स नहीं पढ़ी है क्योंकि अर्थव्यवस्था तब चलती है जब गरीबों के जेब में पैसा आता है। यूपीए सरकार के समय हम सरकार का पैसा किसानों और गरीबों को देते थे। गरीबों और मजदूरों की जेबों में पैसा आता था तो वे माल खरीदते थे और वही माल बनाने के लिए उद्योग धंधे चलते हैं। उन्हीं फैक्ट्रियों में हिंदुस्तान की युवाओं को रोजगार मिलता और पूरी दुनिया से निवेश आता था। हालांकि मोदी ने किसानों को बर्बाद कर दिया, मनरेगा को खोखला कर दिया, भोजन के अधिकार को बंद कर दिया, नोटबंदी के बाद गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) लागू किया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर की कंपनियां चीन का मुकाबला करने के लिए हिन्दुस्तान आना चाहती हैं लेकिन देश में अशांति और हिंसा के माहौल के कारण निवेश से कतरा रही हैं। वे कहते है कि हिंदुस्तान की सरकार देश में हिंसा फैला रही है, हिंसा के माहौल में हम निवेश क्यों करें।
राहुल गांधी ने कहा कि देश के युवाओं में वह ऊर्जा और क्षमता है, जो दुनिया को बदल सकता है। आप अपनी आवाज दबने न दें। आपको डरने की जरूरत नहीं। आप बेरोजगारी और हिंदुस्तान के भविष्य पर सवाल उठाते रहेंं। उन्होंने कहा कि जो भी देश को बांटने और तोड़ने की कोशिश करता है, धर्म के नाम पर लड़ता-लड़ाता है। उसे समझ होगा कि देश को बांटने का कोई फायदा नहीं। हिंदुस्तान चीन से मुकाबला दुश्मनी से नहीं वरन प्यार करेगा और इसी तरीके से मेड इन इंडिया, मेड इन चाइना को पीछे छोड़ सकता है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी रैली को संबोधित करते हुए केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की।