आगनबाड़ी केंद्रों में अब स्थानीय भाषा एवं बोली में दी जाएगी स्कूल पूर्व शिक्षा : मुख्यमंत्री की पहल पर सचिव ने कलेक्टरों को जारी किया आदेश

आगनबाड़ी केंद्रों में अब स्थानीय भाषा एवं बोली में दी जाएगी स्कूल पूर्व शिक्षा : मुख्यमंत्री की पहल पर सचिव ने कलेक्टरों को जारी किया आदेश
रायपुर, 28 जनवरी 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य सरकार ने आगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अब स्थानीय भाषा या बोली स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा दी जाएगी। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने समस्त जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर बच्चों को यथासंभव उनकी मातृभाषा में पढ़ाने के लिए कहा है।
कलेक्टरों को आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली अनौपचारिक स्कूल पूर्व शिक्षा में छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, भतरी, सरगुजिया, कोरवा, पाण्डो, कुड़ुख तथा कमारी जैसी स्थानीय भाषा और बोलियों का समावेश करने कहा गया है। अनौपचारिक स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए उपलब्ध संसाधनों और पाठन सामग्री का स्थानीय भाषा या बोली में अनुवाद कराया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय भाषाओं के जानकार अधिकारी, कर्मचारी या कार्यकर्ता की पहचान कर उनके माध्यम से अन्य सभी कार्यकारियों को प्रशिक्षित करने कहा गया है। इसके लिए प्रत्येक जिले में प्रशिक्षकों की सूची तैयार की जाएगी। पत्र में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए भाषा के विकास के लिए उचित संदर्भ तैयार करने कहा गया है, जिसका आंगनबाड़ी केन्द्रों में दी जा रही अनौपचारिक शिक्षा में उपयोग किया जा सके। इसके लिए कलेक्टरों के मार्गदर्शन और निर्देश पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एक सप्ताह में कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *