गृह मंत्री से की मुलाकात, मल्टीप्लेक्स में छत्तीसगढ़ी फिल्मों को स्थान देने की मांग की

गृह मंत्री से की मुलाकात, मल्टीप्लेक्स में छत्तीसगढ़ी फिल्मों को स्थान देने की मांग की

गृहमंत्री से की मुलाकात, मल्टीप्लेक्स में छत्तीसगढ़ी फिल्मों को स्थान देने की मांग की

रायपुर। छत्तीसगढ़ी फिल्म से जुड़े कलाकारों, निर्माता, निर्देशकों एवं अन्य तकनीकी कलाकारों का एक दल आज संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू से उनके निवास पर मिला। प्रतिनिधि मंडल ने संस्कृति मंत्री के सम्मुख अपनी मांग एवं समस्याएं रखी, जिसमें प्रमुख रूप से मल्टीप्लेक्सों में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का प्रदर्शन न होना एवं मल्टीप्लेक्स मालिकों से सहयोग प्राप्त न होना है।

 

प्रतिनिधि मंडल ने संस्कृति मंत्री के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि वर्तमान समय में एकल सिनेमाघरों की संख्या बहुत कम है। जो सिनेमाघर हैं उनकी  भी संख्या कम होते जा रही है। ऐसे समय में मल्टीपलेक्स मालिकों के द्वारा छत्तीसगढ़ी फिल्मों को यह कह कर स्क्रीन नहीें दिया जाना कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों के दर्शक मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने के काबिल नहीं, वे मंहगे टिकट एवं पाॅपकाॅर्न आदि नहीं खरीद सकते, बहुत ही शर्मनाक एवं निंदनीय है। साथ ही प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि फिल्म विकास निगम की स्थापना तो राज्य में हो चुकी, किन्तु उस पर कुछ काम नहीं हो पाया है । हम चाहते हैं कि दूसरे राज्यों के मराठी व भोजपुरी सिनेमा की भांति छत्तीसगढ़ी फिल्मों को भी व्यापक प्रचार-प्रसार एवं सुविधाएं उपलब्ध हो। मल्टीप्लेक्सों की पहुंच केवल छत्तीसगढ़ के कुछ ही शहरों में है। छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवकों के लिए छोटे शहरों में भी एकल सिनेमा के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। टूरिंग टाॅकीज के लिए नियमों में सरलता लानी चाहिए। साथ ही छत्तीसगढ़ी सिनेमा को कर से पूर्णतः छूट देना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक छत्तीसगढ़ी सिनेमा की पहुंच हो सके। छत्तीसगढ़ी भाषा एवं संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो सके।
संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने छत्तीसगढ़ी फिल्म प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों से कहा कि मल्टीप्लेक्स संचालकों के पक्ष को भी सुना जाएगा। इसके पश्चात ही इस समस्या का कुछ समाधान किया जा सकता है । छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ी कला संस्कृति धार्मिक न्यास, धर्मस्व को प्रोत्साहन देने, आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ के लोगों को छत्तीसगढ़ में मान सम्मान मिलना ही चाहिए। यह उनका मौलिक अधिकार है। साथ ही संस्कृति मंत्री ने समस्त छत्तीसगढ़वासियों से अपने दैनिक जीवन में छत्तीसगढ़ी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करने का आग्रह किया ताकि छत्तीसगढ़ी भाषा का व्यापक प्रचार प्रसार हो सके। संस्कृति मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से संतोष जैन, मनोज वर्मा, राॅकी दासवानी, अनुमोद राजवैद्य, मोहन सुंदरानी, प्रेम चंद्राकर, योग मिश्रा, प्रकाश अवस्थी, जेठू साहू, अनिरुद्ध दुबे, उपासना वैष्णव, उषा विश्वकर्मा, रत्ना पांडे, नैनी तिवारी, चंद्रशेखर चौहान, मनीष झा, पवन कुमार गुप्ता, विवेक सारवा, महावीर सिंह चौहान, राजू पांडे शामिल थे ।

The News India 24

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