स्वामी विवेकानंद और बापू के विचारों को अपनाने की  प्रेरणा दे रही जनसम्पर्क विभाग की छायाचित्र प्रदर्शनी सामूहिक फोटो खिंचवाने के साथ सेल्फी भी ले रहे युवा

स्वामी विवेकानंद और बापू के विचारों को अपनाने की  प्रेरणा दे रही जनसम्पर्क विभाग की छायाचित्र प्रदर्शनी  सामूहिक फोटो खिंचवाने के साथ सेल्फी भी ले रहे युवा
रायपुर, 13 जनवरी 2020/ उठो जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये। स्वामी विवेकानंद जी का यह संदेश आज भी कितना प्रासंगिक है और युवा इसे किस रूप में देखते है यह राज्य युवा महोत्सव में युवाओं के विचारों से झलक रहा है। एक तरफ मंच के माध्यम से प्रदेश भर के युवाओं  का हुनर नृत्य,खेल, भाषण, चित्रकला, रंगोली सहित अन्य विधाओं में देखने को मिल रहा है, वही आयोजन स्थल पर लगाई गई प्रदर्शनी में महान विभूतियों के विचार और उनकी तस्वीर यहाँ आने वालों को न सिर्फ आकर्षित कर रही है, हर किसी को उनकी राह पर चलने प्रेरित भी कर रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्रों की प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ की यात्रा  विशेष रूप से प्रदर्शित की गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य युवा महोत्सव का आयोजन साइंस कॉलेज मैदान में किया जा रहा है। उत्सव में युवाओं की भागीदारी बढ़ चढ़कर देखने को मिल रही है। युवा जोश और उत्साह का वातावरण न सिर्फ मंचों पर झलक रहा है, दर्शक दीर्घा से लेकर परिसर में भी युवाओं और कार्यक्रम देखने आने वालों का उत्साह दिखाई दे रहा है। आयोजन स्थल पर जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाई गई छायाचित्र प्रदर्शनी भी इन्हीं उत्साही युवाओं और आम लोगों की भीड़ से गुलजार है। स्वामी विवेकानंद जी और महात्मा गांधी जी की छाया चित्रों को करीब से निहारने के साथ ही तस्वीरों में प्रदर्शित उनके विचारों को पढ़ने में सबकी रुचि दिख रही है। स्वामी विवेकानंद जी और महात्मा गांधी जी जब छत्तीसगढ़ आए थे, यह घटना भले ही सौ साल से अधिक पुरानी है लेकिन तस्वीरों में उनकी छत्तीसगढ़ यात्रा हर आने वालों और इन्हें देखने वालों को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है। बाल्यकाल से लेकर युवाकाल और यात्राओं, संघर्ष को रेखांकित तस्वीरों में जीवंतता का आभास भी होता है। रविन्द्र नाग, लिलाम्बर नाग, दीपेश वड्डे और शैलेन्द्र नाग की उम्र 20 साल से कम है। इन युवाओं को अपना भविष्य बनाना है। पहली बार युवा उत्सव में राउत नाच कार्यक्रम प्रस्तुत करने राजधानी आए है। जनसंपर्क विभाग के द्वारा प्रदर्शित छायाचित्रों को देखने के बाद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के इन युवाओं ने बताया कि राजधानी आकर कार्यक्रम देखना उनके लिए बड़ी उपलब्धि है। प्रदर्शनी में स्वामी विवेकानंद के विचारों को पढ़कर अच्छा लगा। बापू के बाल्यकाल से विदेश यात्राएं और विभिन्न आंदोलन की तस्वीरों को देखकर उनके संघर्ष को जानने का अवसर भी छायाचित्र प्रदर्शनी में मिला। युवा महोत्सव में करमा नृत्य करने आए सरगुजा के मेहनत एक्का कक्षा 12 गणित के छात्र है, चित्रकला में भाग लेने आई शिवानी साहू बेमेतरा जिला की है, सुनील मंडावी बस्तर के दरभा के है और रायपुर के शिवानी सोनवानी, यामिनी यादव, तेजस्वी यादव सहित गुमा के तरुण सोनवानी और कबीर धाम जिला के मुकेश साहू है, जो छायाचित्र प्रदर्शनी से बहुत प्रभावित है। इनका कहना है कि जनसंपर्क विभाग द्वारा युवा महोत्सव में युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की यादगार यात्राओं और महत्वपूर्ण पलों को तस्वीरों के माध्यम से प्रदर्शित कर यहाँ आने वाले युवाओं को एक नई दिशा और महान विभूतियों के विचारों को अनुकरण करने का अवसर उपलब्ध कराया है। यहाँ गाँधी जी के जीवन के विविध पहलुओं को भी तस्वीरों में प्रदर्शित किया गया है। युवाओं को ऐसे छायाचित्र प्रदर्शनी से बहुत कुछ सोचने समझने के साथ आदर्श विचारों को अपनाने और सही दिशा में जाने का अवसर मिलेगा। युवा तरुण सोनवानी का कहना है कि स्वामी विवेकानंद के विचार खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।, पवित्रता, धैर्य और दृढ़ता ये तीनों सफलता के लिए आवश्यक है और सबसे ऊपर प्यार है। ये सभी युवाओं को सही मार्ग में चलने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रदर्शनी का लाभ युवाओं के साथ अन्य लोगों को भी उठाना चाहिए।
 
स्वामी विवेकानंद और गाँधी जी की छत्तीसगढ़ यात्रा के
बारे में जानकर हो रहे गौरवान्वित और ले रहे सेल्फी
प्रदर्शनी में आने वाले अनेक लोग इस प्रदर्शनी के माध्यम से जब यह जान रहे है कि गांधी जी और स्वामी विवेकानंद जी छत्तीसगढ़ आए थे तो वे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे है। वे उनकी यात्राओं की तस्वीरों को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करने के साथ सामूहिक फोटो खिंचवाने के साथ अपनी सेल्फी भी ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सन 1877 में अपने पिता श्री विश्वनाथ दत्ता के साथ स्वामी विवेकानंद जी का आगमन हुआ था। वे 2 साल तक बूढ़ापारा स्थित डे भवन में रहे। इसी तरह वर्ष 1920 और 1933 में महात्मा गांधी जी की यात्राओं की दुर्लभ तस्वीरे भी प्रदर्शित की गई है। जो यहाँ आने वालों के लिए कौतूहल के साथ गौरव का भी आभास करा रही हैं।
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The News India 24

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