मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जनहितैषी निर्णय और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के संगठन की ताकत को जनता ने अपना आशीर्वाद दिया-कांग्रेस
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक एवं भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी का सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का उचित समय आ गया है-विकास तिवारी
रायपुर /07 जनवरी 2020। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने नगरी निकाय चुनाव में के परिणामों पर कहा कि अब वह उचित समय आ गया है जब भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिये। डॉ रमन सिंह के ही नेतृत्व में पहले विधानसभा और अब नगरी निकाय चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया है अब तो भाजपा के भीतर खाने से ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं उनके पूर्व मंत्री को खिलाफ भाजपा के कार्यकर्ता मुखर होने लगे हैं सोशल मीडिया में भी लगातार अब भाजपा कार्यकर्ता निकाय चुनाव की करारी हार के बाद दूसरी एवं तीसरी पंक्ति के भाजपा नेताओं को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपने नेतृत्व में हुए इस नगरी निकाय चुनाव की प्रचंड हार के बाद भी आत्ममुग्ध होकर राजनीति कर रहे हैं जिसके के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं में हताशा एवं निराशा व्याप्त हो रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि अगर वर्ष 2014 के निकाय चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाले तो भाजपा के पास चार नगर निगम 16 नगर पालिका और 37 नगर पंचायतों में कब्जा था जबकि विपक्ष में रहते कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में 4 नगर निगम,17 नगर पालिका और 50 नगर पंचायतों में कांग्रेस पार्टी ने दर्ज कराई थी जबकि वर्तमान में संपन्न हुए नगरी निकाय चुनाव में अब तक घोषित परिणामों में कांग्रेस पार्टी ने 10 में से 8 नगर निगम 38 में से 26 नगर पालिकाओं और 103 में से 50 से अधिक नगर पंचायतों पर अपनी जीत दर्ज करा चुके हैं इन आंकड़ों से साफ है कि जनता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के जनहितैषी कार्यो एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के संगठन क्षमता पर प्रचंड मुहर लगाई है और एकतरफा जीत दिलवाई है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी सहित भाजपा के पूर्व मंत्रियों के क्षेत्रों में ही भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा साफ कर दिया है यह स्पष्ट संकेत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को है कि अब इनकी सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का समय आ गया है और अपने पदों से तत्काल इस्तीफा देने में भी इन्हें किसी भी प्रकार का संशय नही होना चाहिये।