डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना एक जनवरी से शुरू 1990 को मिला योजना का लाभ

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना एक जनवरी से शुरू 1990 को मिला योजना का लाभ
भुगतान राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से होगा
संचालक ने दिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश

रायपुर, 02 जनवरी 2020/ प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना एक जनवरी 2020 से राज्य में लागू की जा चुकी है। वर्तमान में पुरानी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। नई योजना के लिए नया साफ्टवेयर भी जल्दी आ जाएगा। राज्य सरकार द्वारा ट्रस्ट मॉडल के माध्यम से लागू की गई उपचार योजना में एक जनवरी 2020 से आज 02 जनवरी तक 1990 मरीजों को योजना का लाभ मिल चुका है।

पूर्व में राज्य में चल रहे इंश्योरेंस और हाईब्रिड मॉडल में बदलाव करते हुए राज्य सरकार द्वारा एक जनवरी से ट्रस्ट मॉडल लागू किया जा चुका है। इस मॉडल में भुगतान राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से होगा। भुगतान के लिए प्रक्रिया नए सिरे से अपनाई जा रही है। इस नई प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो इसके लिए संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा प्रदेश के सभी 27 जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र के माध्यम से निर्देश दिए जा चुके है। योजना लागू होने से 02 जनवरी तक कुल 2009 प्रकरण पंजीकृत हो चुके है, इनमें से 1990 मरीजों को योजना का लाभ मिल चुका है। सभी निजी एवं शासकीय अस्पतालों में ट्रस्ट मॉडल के माध्यम से आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति की जा चुकी है।

वर्तमान में राज्य नोडल एजेंसी योजना के प्रकरणों को नेशनल हेल्थ एजेंसी भारत सरकार को भेजती है। नेशनल हेल्थ एजेंसी भारत सरकार का अपना साफ्टवेयर एवं पोर्टल है। इसकी कुछ तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के लिए नेशनल हेल्थ एजेंसी भारत सरकार से लगातार समन्वय स्थापित किया गया। जिससे अब समय के साथ तकनीक दिक्कतें भी दूर हो जाएंगी।

लागू है पुराना पैकेज नए की प्रक्रिया जारी

वर्तमान में सभी अनुबंधित अस्पतालों को एक जनवरी से लागू ट्रस्ट मॉडल में पुराने पैकेज दर पर ही भुगतान किया जाएगा। साथ ही नए सिरे से पैकेज निर्धारण की प्रक्रिया भी जारी है। जल्द ही नई पैकेज दर भी लागू हो जाएगी। नई दर के अनुसार चिकित्सालयों का पंजीयन भी किया जाएगा। जब तक नया पंजीयन नहीं हो जाता तब तक पूर्व में पंजीकृत अस्पताल सुचारू रूप से योजनाओं का लाभ देते रहेंगे।

अस्पतालों से बनाना है समन्वय

नए सिरे से ट्रस्ट मॉडल लागू होने से कुछ तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं। इसके लिए संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र के माध्यम से अनुबंधित अस्पतालों से समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए है। इस स्थिति में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र के माध्यम से कहा गया है कि अस्पतालों से अपील कर समन्वय बनाए रखें, जिससे मरीजों को उपचार में कोई परेशानी न हो।

ट्रस्ट मॉडल के लिए तीन टीपीए चयनित

राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से निविदा कर तीन टीपीए को चयनित किया जा चुका है। इसमें एक टीपीए का काम प्रोसेसिंग करना होगा और दो टीपीए को मेडिकल ऑडिट का काम दिया गया है। मेडिकल ऑडिट के काम के लिए राज्य को दो हिस्सों में बांटा गया। क्लेम प्रोसेसिंग का काम एक जनवरी से शुरू किया जा चुका है। क्लेम भुगतान करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है।

The News India 24

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