मुख्यमंत्री के निर्देश पर शीतलहर से बचाव के लिए राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जगह-जगह की गई अलाव की व्यवस्था
रायपुर, 30 दिसम्बर 2019/ प्रदेश में शीत लहर से लोगों को बचाव के लिए राजधानी रायपुर सहित सभी नगरीय निकायों एवं ग्रामीण इलाकों में अलाव की व्यवस्था की गई है। अलाव जलने से लोगों को ठंड से बचाव में काफी राहत मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को शीत लहर से बचाव के सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
निर्देशानुसार राजधानी रायपुर के नगर पालिका निगम जोन-तीन के अंतर्गत शंकर नगर हाट बाजार, नेकी की दीवार (गांधी उद्यान), शंकर नगर चौपाटी, पंडरी स्कूल के पास अलाव जलाने की व्यवस्था की गई हैं इसी प्रकार जोन-6 के अंतर्गत पचपेढ़ी नाका चौक, संतोषी नगर चौक, पुरानी बस्ती थाना के पास तथा भाठागांव बाजार चौक, जोन-07 में जयस्तंभ चौक, शारदा चौक, तात्यापारा में हनुमान मंदिर चौक एवं शास्त्री चौक इसी तरह जोन-08 में टाटीबंध चौक, मोहबा बाजार एवं रामनगर सहित वार्ड-16 में आमापारा बाजार, वार्ड-60 में मंगल बाजार, वार्ड-61 में खो-खो तालाब, वार्ड-68 में रायपुरा सुलभ के पास एवं महादेव घाट विसर्जन कुण्ड के पास में अलाव जलाने की व्यवस्था की गई हैं।
इस संबंध में मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर शहर के महत्वपूर्ण स्थलों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, अस्पताल, व्यवसायिक क्षेत्र आदि में नियमित अलाव जलाने की व्यवस्था के साथ ही अलाव के लिए उचित मात्रा में जलाऊ लकड़ी उपलब्ध कराने एवं इसकी सतत् निरीक्षण के निर्देश दिए है। इसके अलावा आवश्यकतानुसार रैन बसेरा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही इसमेें गद्दा, कम्बल, अलाव जलाने की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। जारी आदेश के अनुसार शहर की आवश्यकतानुसार अस्थाई रूप से नए रैन बसेरा सामुदायिक भवनों में बनाया जा सकता है। शासन ने झुग्गी-झोपड़ी एवं शहर के अन्य क्षेत्रों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए समाज सेवी संस्थान, एन.जी.ओ., सी.एस.आर. मद आदि से गर्म कपड़े, कम्बल आदि दान करने के साथ ही आम नागरिकों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करने के अपील की है। शासन ने कहा है कि इस कार्य के लिए नेकी की दीवार, गर्म कपड़े दान कलेक्शन हेतु वाहन आदि की भी व्यवस्था की जा सकती है। शासन ने अपने जारी आदेश में शीत लहर से होने वाले बीमारियों से बचाव के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को भी आवश्यक तैयारी करने के साथ ही नगरीय निकायों को भी इससे बचाव के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है।