राजीव भवन में मोहम्मद अकबर की संवाददाताओं से चर्चा
रायपुर/ 30 दिसंबर 2019। मंत्रीगणो को यहां राजीव भवन में उपस्थित होना है और आम लोगो के समस्या सुन के उनको तरुंत निराकरण करना है। आम लोग कांग्रेसजन तो उसी सिलसिले में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान एक दो सप्ताह हुआ और फिर से ये सिलसिला प्रारंभ हुआ है तो उसी संबंध में यहां आगमन हुआ।
अभी भी कुछ लोग आये है उनका आवेदन लेंगे और आवेदन के बाद जितना निराकरण हो सकेगा उसके बारे में उसको लिख के भेजा जायेगा और नही हो पायेगा उसकी समझाईश दी जायेगी इसमें इसको लेके घुमो मत।
इस तरीके से कोई दूसरी पार्टी से बातचीत चर्चा नहीं चल है, जो निर्दलीय प्रत्याशी होते है जो निर्दलीय जीत के आते है स्वंतत्र होते है सभी पार्टी का अधिकार होता है वो उनसे संपर्क करें और अपना जीत सुनिश्चित करें, तो वो अपने पार्टी के लोगो को कहते है यदि आप एकजुट रहो तो उनके पार्टी का ममला है। हमारे कांग्रेस के पार्षद कोई भी किसी के संपर्क में नहीं है, एकजूट है और एकतरफा मतदान करेंगे। अभी ये सब बातो पर विस्तार पूर्वक जानकारी नहीं दी जाती क्योंकि निर्वाचन का मामला है। लेकिन कांग्रेस अपना पूरा प्रयास कर रही है 10 में 10 कांग्रेस जीत सुनिश्चित करना चाहती है जिसका प्रयास हम लोग कर रहे है। हर पार्टी को अधिकार है चुनाव लड़े।
धान मामले में खरीदी की स्थिति के बारे में 25 दिन में 27 लाख टन धान की खरीदी हो गई है। हमारा जो लक्ष्य है 85 लाख मेट्रिक टन का है। गत वर्ष 80 लाख 38 हजार मेट्रिक टन हम लोगो ने धान खरीदा, 20 हजार करोड़ का भुगतान किया, एक भी शिकायत अब तक प्राप्त नहीं हुई की किसी को 2500 रू. से किसान को भुगतान नहीं मिला है। इस साल भी हमारा जो 85 लाख मेट्रिक टन का लक्ष्य है। माननीय मुख्यमंत्री की तरह से अनेक बार ये कहा गया कि 1815 रू. जो समितियों में दर भेजा गया है लिखकर कि वो भारत सरकार का समर्थन मूल्य है। हम एंजेट के रूप धान खरीदी का काम करते है और उसके बाद उस धान का चावल बना कर या भारत सरकार चाहें धान के रूप में हम उसको सेन्ट्रल पूल में जमा करते है। 1815 रू. से अधिक दर में यदि हम खरीदी करेंगे तो हमार चावल जमा नहीं होगा इस कारण से 1815 रू. से हिसाब से खरीदी होगी लेकिन राज्य की सरकार, कांग्रेस की सरकार ने जो वायदा किया है कि 2500 रू. के हिसाब से भुगतान करना है तो बाकी का 685 रू. अन्य किसी माध्यम से किसानों को दिया जायेगा लेकिन 2500 रू. के हिसाब को किसान को धान का समर्थन मूल्य मिलेगा।
एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री जी ने साफ तौर से कहा है कि हम छत्तीसगढ़ में इसको लागू नहीं होने देंगे और छत्तीसगढ़ में किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन या किसी प्राकर ला इन ऑडर नहीं है। छत्तीसगढ़ के हिसाब से मुख्यमंत्री ने स्वयं कह दिया है कि हम इसको लागू नहीं करेंगे और तो यहां कोई इस प्रकार का वातावरण नहीं है। बीजेपी ने लागू किया और तो अपना अभियान भी चला रही है लेकिन छत्तीसगढ़ में इस प्रकार से कोई बात नहीं है।