छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों और गर्भवती माताओं को पौष्टिक आहार देकर बीमारी से लड़ने के काबिल बनाया जा रहा है……..कुपोषण दूर करने लगातार नई योजनाएं बनाया जा रहा है

छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों और गर्भवती माताओं को पौष्टिक आहार देकर बीमारी से लड़ने के काबिल बनाया जा रहा है……..कुपोषण दूर करने लगातार नई योजनाएं बनाया जा रहा है

गरियाबंद। गरियाबंद जिले में कुपोषण दूर करने लगातार नई योजनाएं बनाकर काम किया जा रहा है. कुपोषण से लड़ने जिले के 1347 आंगनबाड़ियों को हाईटेक किया गया है. छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों और गर्भवती माताओं को पौष्टिक आहार देकर बीमारी से लड़ने के काबिल बनाया जा रहा है. इसी के तहत आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल एप देकर प्रशिक्षण दिया गया फिर उनसे इसी के जरिए योजना का संचालन करने को कहा गया है.

योजना के जिला समन्वयक प्रदीप सेन ने बताया कि मोबाइल में आईसीडीएस-केस व ईआईएलए नामक दो एप डाउनलोड किए गए हैं. इस शासकीय एप को खोलते ही सुपोषण योजना के तहत चलाए जाने वाले दैनिक पोषण आहार, परिवार प्रबंधन, गृह भ्रमण, किशोरी बालिका कार्यक्रम, गृहिणी निगरानी, सामुदायिक गतिविधियां समेत सभी 10 कार्यक्रमों के एक-एक फोल्डर मौजूद हैं.

महिला बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी जगरानी एक्का ने  सुपोषण कार्यक्रम के जिला समन्वयक प्रदीप सेन के साथ मिलकर ब्लॉक के उन 184 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का ट्रायल लिया जिन्हें मोबाइल एप चलाने का प्रशिशिक्षण दिया जा चुका था. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आज स्थानीय समुदायिक भवन में उन्मुखीकरण कार्यक्रम रखा गया था. जगरानी एक्का ने बताया कि जिले के 5 विकासखंड के 1407 कार्यकर्ताओं में से 1347 को यह एप चलाने मोबाइल देकर 4 माह पहले ही ट्रेंण्ड कर दिया गया था. ऑपरेट करने में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों, जिज्ञासा को दूर करने कार्यशाला आयोजित की गई थी. इस आयोजन में साथ में आये ट्रेनरों द्वारा कार्यकर्ताओं को ऑपरेटिंग सिस्टम की हर बारीकियों से अवगत कराया गया.

The News India 24

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