समूह की महिलाओं ने सेनिटरी पेड बनाकर कमाए डेढ़ लाख रूपये ‘मेहरार चो मान‘ योजना से आई महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान

समूह की महिलाओं ने सेनिटरी पेड बनाकर कमाए डेढ़ लाख रूपये ‘मेहरार चो मान‘ योजना से आई महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान
 
रायपुर, 09 दिसम्बर 2019/ आकांक्षी जिले दंतेवाड़ा में पैडमैन की तर्ज पर पैडवुमेंस जागरूकता फैलाकर महिलाआंे का मान बढ़ा रहीं है। धुर नक्सली क्षेत्र में जिला प्रशासन और एनएमडीसी की पहल से हल्बी भाषा के वाक्य ‘मेहरार चो मान ‘अर्थात महिलाओं का सम्मान के नाम से सेनेटरी पैड निर्माण की महत्वकांक्षी योजना चलाई जा रही है जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा निःशुल्क 8 महिला स्व समूहों को सेनेटरी पैड निर्माण करने की मशीन दी गई है। इससे महिलाएं जैल युक्त, अधिक सोखने वाला, पर्यावरण अनुकूल, केमिकल रहित सेनेटरी पैड बनाकर बहुत कम कीमत मात्र 25 रु प्रति पैकेट (7पैड) में उपलब्ध करा रहीं हैं। गुणवत्ता में ये सेनेटरी पैड बाजार में उपलब्ध बड़े ब्रांडों के समान समान ही हैं।
‘मेहरार चो मान‘ अभियान से जुड़कर समूह की महिलाएं न केवल सेनिटरी पैड निर्माण से आय अर्जित कर अपने परिवार को संबल प्रदान कर रहीं हैं। विगत 30 नवंबर को दंतेवाड़ा कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा के हाथों 8 महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को जब 1 लाख 53 हजार 520 रूपये का चेक उनके  मेहनताने के रूप में मिला तो उनके चेहरे खुशी से खिल गए। इसमें आशायें स्व सहायता समूह कोडेनार को 50 हजार रूपए, ओम साईं स्व सहायता समूह मैलावाड़ा को 7 हजार 250 रूपए, दुर्गा स्व-सहायता समूह मुचनार को 8 हजार 695 रूपए, लक्ष्मी स्व-सहायता समूह बड़े बेड़मा को 5 हजार 525 रूपए, रानी स्व-सहायता समूह कारली को 16 हजार 950 रूपए, जागृति स्व-सहायता समूह भांसी  को 23 हजार 750 रूपए, विकास महिला ग्राम संगठन सेनेटरी प्रोजेक्ट (सखी सहेली) को 10 हजार 50 रूपए, और एकता ग्राम संगठन चितालुर को 31 हजार 300 रूपए के चेक प्रदान किये गए। इन समूहों द्वारा बनाए गए सेनेटरी पैड को आश्रम और छात्रावास,स्कूल और पोटा केबिन में अध्ययनरत बालिकाओं को निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने समूह की महिलाओं से चर्चा कर उनकी कामयाबी के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक गांव में अपने दंतेवाड़ा से निर्मित सेनेटरी पैड को पहुँचाना है। इससे अब तक 18 हजार से अधिक महिलाओ को लाभ मिल चुका है, अगले 6 माह में हमें इसे 50 हजार महिलाओं तक पहंुचाना ह,ै ताकि जिले की हर बालिका और महिला स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरी हुई हो।
‘मेहरार चो मान‘ का उद्देश्य केवल किशोरियों और महिलाओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराना न होकर उन्हें मासिक धर्म के बारे में विभिन्न भ्रांतियों के प्रति जागरूक कर गम्भीर बीमारियों से निजात दिलाना भी है, बल्कि किशोरियों और ग्रामीण महिलाओं को निःशुल्क सेनिटरी पैड वितरण कर जागरूक भी कर रहीं है। इस छोटी सी पहल का इतना असर हुआ है कि कभी आपस में मासिक धर्म के बारे में बात न करने वाली ग्रामीण महिलाएं अब बेबाक होकर अपनी समस्या बता लेती हैं। पूरे गांव और आसपास के इलाके में घरों में इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल न कर अब पैड्स का इस्तेमाल कर रही हैं, छात्राओं की स्कूलों में उपस्थिति भी इससे बढ़ी है। इस कार्यक्रम से महिला एवं बाल विकास विभाग, एनआरएलएम, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ स्व सहायता समूह की हजारों  महिलाएं जुड़ी हैं। कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए अब केन्द्रों को विस्तारित करने की कार्यवाही की जा रही है।

The News India 24

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