‘राज्योत्सव-2019-तस्वीरों, आकृतियों में जैसे जान थी, राज्योत्सव में उल्लास और शान थी…विभागीय स्टॉलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों से राज्योत्सव रहा यादगार
विभागीय स्टॉलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों से राज्योत्सव रहा यादगार
रायपुर, 5 नवंबर 2019/ हर उत्सव में उल्लास का रंग होता है। यदि ये न हों तो उल्लास फीका ही होता हैं। सही मायने में इस बार छत्तीसगढ़ का राज्य उत्सव का उल्लास भी सबाब पर था। उत्सव का आनंद तभी होता है जब सुख, शांति और खुशियों का वातावरण हो। कमोबेश छत्तीसगढ़ राज्य में कुछ ऐसी ही स्थिति विगत साल भर से है। धान का कटोरा की पहचान लिए छत्तीसगढ़ राज्य युवा होने के साथ बालिग होकर जैसे अपने दम पर अपने ही पैरों में खड़ा होने की कोशिश कर रहा है। एक लंबे अरसे तक मायूस और निराश किसान जो कि अपना कर्ज माफ होने के साथ ही 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान बेचने, बिजली बिल आधा होने, सिंचाई कर माफ होने और तेंदूपत्ता संग्रहण, वनोपज का सही मूल्य मिलने पर खुशी के वातावरण में राज्योत्सव मना रहे है। ठीक दशहरा, दीपावली, गोवर्धन पूजा सहित अन्य खुशी की बेला में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की संकल्पनाओं के साथ राज्योत्सव का आयोजन प्रदेश के किसानों, कर्मचारियों, आम नागरिकों लिए प्रासंगिक हो चला है। तीन दिवसीय आयोजन को पांच दिवस तक करने के बाद भी उमड़ती भीड़ और लोगों का उत्साह इस सफल राज्योत्सव का गवाह बनी। लाखों लोगों ने यहा आकर एक नया अनुभव महसूस किया और अपने मोबाइल के कैमरे में सेल्फी सहित यादगार तस्वीर लेकर अपने जेहन में राज्योत्सव को कैद किया।
कृषि, पशुपालन की जीवंत प्रस्तुति दिखी
रायपुर के साइंस कालेज मैदान में आयोजित राज्य उत्सव में यहा की गौरवशाली छत्तीसगढ़ी संस्कृति, परम्परा, ग्रामीण-परिवेश की बानगी नजर आई। एक ओर जहा मंदी की हवा है। वही छत्तीसगढ़ में आर्थिक समृद्धि के साथ एक उमंग और उल्लास का माहौल है। राज्योत्सव के माध्यम से कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के स्टाल ने यहां आने वाले अनगिनत लोगों को गाँव की पृष्ठभूमि में न सिर्फ पहुंचाया। उन्हें गाँव के बीते दिनों की याद कराते हुए गाँव की बदलती तस्वीरों को भी देखने-समझने का मौका दिया। बहुत से ऐसे लोग जो सब्जी, फल, पशुपालन, मछली पालन के माध्यम से आजीविका के नए अवसर तलाशते है। उनके लिए स्टॉल में हूबहू प्रदर्शित स्वास्थ्य दुधारू पशुओं, हरा-भरा चारा, क्यारियों में उगती भाजी, पेड़ों में लदे फल, गोठनों के माध्यम से पशुओं की देख-रेख, और कुटिया के आसपास तथा मचान के नीचे खाद एवं औषधि निर्माण कर स्वावलंबी बनती गाँव की महिलाएं और उनकी मुस्कुराहटें राज्य उत्सव में आने वाले छोटे बच्चों से लेकर सभी को रोमांचित और आकर्षित करती रही। वन विभाग द्वारा वनोपज संग्रहण, औषधि पौधों, फलों, वन्य जीव, पर्यावरण संरक्षण सहित कृषि विभाग के स्टॉलों में जीवंत प्रस्तुति की झलकियों से अन्य विभागों के स्टॉलों में जाने का कौतूहल सबका बना रहा। यही वजह थी की हर विभाग की स्टॉलों में भीड़ कम होने का नाम ही नही ले रही थी। यहा पहुची कांता देवी, रामसिंह का कहना था कि सचमुच प्रदर्शनी के माध्यम से ग्रामीण जनजीवन की जीवंत प्रस्तुति की गई है।
हाथों की हुनर की हुई तारीफ, शिल्पग्राम में जमकर हुई खरीददारी
राज्योत्सव में इस बार अलग अंदाज में बनाया गया शिल्प ग्राम किसी पहचान की मोहताज नही थी। राज्योत्सव स्थल में प्रवेश करने वाले हर शख्स को शिल्प ग्राम का स्टॉल और यहां प्रदर्शित उत्पाद अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। ग्रामोद्योग के अन्तर्गत शिल्पग्राम के एक-एक स्टॉलों में यहा की माटी, संस्कृति से जुड़ी छत्तीसगढ़ की गौरवशाली प्राचीन संस्कृतियों, धरोहरों से जुड़ी मनभावन कलाकृतियां, सजावटी उत्पाद, हाथकरघा, खादी के परिधान, वस्त्र, मेहनतकश कुंभकारों द्वारा तैयार माटी के खिलौने, बर्तन, बस्तर के बेलमेटल, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प एवं आकर्षक फर्नीचर, कोसा से तैयार एक से बढ़कर एक परिधान, गोदना भित्ती चित्र सहित अन्य उत्पाद सभी को खरीददारी के लिये विवश कर रहे थे। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आये शिल्पकारों की मेहनत से तैयार हुनर का नायाब और बेजोड़ संग्रह शिल्प ग्राम के प्रदर्शनी में सबके लिये मनभावन बनी। लगभग 44 स्टॉलों के माध्यम से लोगों ने करीबन 40 लाख रूपये तक के उत्पादों की खरीददारी भी की। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी यहा अपने आपको खरीददारी से नही रोक सके।
धरोहरों, पर्यटन स्थलों को निहारते रहे लोग
प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाएं यू ही नही है। यहा महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों के साथ प्रकृति का वह खूबसूरत नैसर्गिग दृश्य भी है जिसे निहारने के बाद आप भी उस खूबसूरत दृश्य में समा सा जायेंगे। राज्य उत्सव में भी इन्हीं पर्यटन दृश्यों और ऐतिहासिक, धार्मिक पर्यटन स्थलों को हूबहू अंदाज में इस तरह प्रदर्शित किया गया था कि देखने वालों को सबकुछ जीवंत सा महसूस हो रहा था। भारत की सर्वोत्तम प्राचीन मंदिरों की श्रेणी में पहचान अर्जित करने वाला और्र इंटों से निर्मित सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर, बिलासपुर के ताला गांव का रूद्र शिव प्रतिमा एवं दंतेवाड़ा जिले के बारसूर का बेहद प्राचीन गणेश प्रतिमा, माँ बम्लेश्वरी देवी डोंगरगढ़, नवा रायपुर का जंगल सफारी, गिरौदपुरी का जैतखाम, महाप्रभु वल्लभचार्य जी का प्राकट्य स्थल चंपारण्य, चित्रकोट जलप्रपात, बस्तर दशहरा एवं अलग-अलग अंदाज में आदिवासी नृत्य से संबंधित छायाचित्र-आकृतियां, एलईडी डिसप्ले में आकर्षण का केंद्र रही।
मनोरंजन के साथ खान-पान और ज्ञान का उठाया लाभ
पांच दिवसीय राज्योत्सव का आगाज सुरमयी शाम में दीप प्रज्ज्वलन और सांस्कृतिक धुनों के साथ हुई। उत्सव में झूले का आनंद उठाने के साथ स्टॉलों में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद बहुतों ने चखा। उत्सव में आने वालों के मनोरंजन में कोई कसर न रहे इसके लिये भी शासन द्वारा खास इंतजाम किये गये थे। छत्तीसगढ़ के ख्यातिलब्ध कलाकारों को मंच देने के साथ उन्हें सम्मानित भी किया गया। यहा करमा, पंथी, सैला, सुआ, ककसाड़, गौर नृत्य, राउत नाच, धुरवा नृत्य, पंडवानी, भरथरी, सहित लोककला के विविध रंगों, छटाओं, सुमधुर गीत-संगीतों से दर्शकदीर्घा में बैठे लोग सहित आसपास के लोग भाव विभोर होते रहे। राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ की माटी से जुड़ी अरपा पैरी के धार…गीत पूरे समय तक छाई राही। मुख्यमंत्री ने इसे राजगीत का दर्जा देकर इसे जन-जन के जुबान पर ला दिया। उत्सव स्थल में अन्य विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सुपोषण अभियान, महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा, समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगों के कल्याण, विशेष पिछड़ी जनजाति की रहन-सहन, कमार विलेज, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ, वैज्ञानिक कौशल को आगे लाने, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर स्वास्थ्य के साथ जांच शिविर भी लगाया गया। यहा महात्मा गांधी की 150 वी जयंती की स्मृति में गांधीजी के आदर्शों एवं जीवन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी, खनिज विभाग द्वारा अलग-अलग खनिजों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। शासकीय विभागों की योजनाओं और गतिविधियों के अलावा पब्लिक सेक्टर यूनिट एन.टी.पी.सी, जेएसपीएल, बाल्को, एनएमडीसी, बीएसपी, सीएसआईडीसी, बार्क की गतिविधियों की जानकारी भी मिली। जनसंपर्क विभाग द्वारा छायाचित्र प्रदर्शनी में प्रदेश की उपलब्धियों को बताया गया। जोकि युवाओं सहित विद्यार्थियों एंव आम लोगों के ज्ञान का हिस्सा बना।