दुर्ग में भाजपा मंडल अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया को लेकर सांसद विजय बघेल और विधायक विद्यारतन भसीन ने महाराष्ट्र प्रभारी और राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दोनों ने ही जिला संगठन द्वारा कराए गए चुनाव को ही फर्जी करार दिया है और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से इसकी शिकायत की है.

दरअसल भिलाई जिला भाजपा के अध्यक्ष सांवला राम डाहरे ने रविवार को सात मंडल अध्यक्षों की एक सूची जारी की थी. इस सूची के जारी होने के बाद पार्टी के भीतर जमकर बवाल मच गया है. सांसद विजय बघेल और वैशाली नगर विधायक विद्या रतन भसीन ने इसे लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. विजय बघेल ने सरोज पाण्डेय का बगैर नाम लिए कहा कि राष्ट्रीय स्तर के नेता के सह पर 32 बंगले से चुनाव संपन्न कराया गया है. इसमें कोई भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई नहीं गयी है. चहेतों का नाम सूची में डालकर मंडल अध्यक्ष का पद दे दिया गया है.

सरोज पाण्डेय के खिलाफ बघेल के आरोप यहीं खत्म नहीं हुए उन्होंने आगे कहा कि दुर्ग के एक मंडल और पाटन के मंडल को छोड़कर बाकी सभी स्थानों पर चहेतों को पद पर बैठाने का खेल चला है. इस बात की शिकायत पूर्व मंत्री, वर्तमान विधायक समेत पार्टी के कई पदधिकयों ने की है।

मंडल अध्यक्ष के चुनाव को लेकर नाराज विजय बघेल ने सरोज पाण्डेय की शिकायत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक से करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी लेकर मैंने भी इसकी शिकायत पार्टी फोरम में प्रदेश के बड़े नेता व राष्ट्रीय स्तर के नेताओ से की है.  इस चुनाव से जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओ में इस बात को लेकर बहुत पीड़ा है वे हतोत्साहित भी नजर आ रहे हैं. अगले 4 सालों तक हमको मजबूत विपक्ष की भूमिका प्रदेश में निभानी है पर अगर कार्यकर्ता ही निराश होंगे तो पार्टी कैसे मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी.

दुर्ग सांसद ने आगे कहा कि इस तरह से हुए मंडल चुनाव जिसमें न लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई गई, न ही पदाधिकारीयों और जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी गयी इसका नुकसान पार्टी को निगम चुनाव और आने वाले पंचायत चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है. विजय बघेल ने उम्मीद ने राष्ट्रीय नेतृत्व से की गई शिकायत पर विश्वास जताते हुए कहा है कि पार्टी के आलाकमान इस बारे में उचित निर्णय लेंगे, जिससे कार्यकर्ताओं को न्याय मिलेगा व पार्टी के प्रति उनका उत्साह कायम रहेगा.

न सिर्फ सांसद विजय बघेल ने चुनाव को लेकर मोर्चा खोला है बल्कि जिले से एकमात्र भाजपा विधायक विद्या रतन भसीन भी इसे लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. भसीन ने कहा कि मैं पिछले 50 सालों से पार्टी में काम कर रहा हूँ, कभी इस तरह का चुनाव अपने कार्यकाल में नही देखा. मुझे मेरे 3 मंडल से नाम जरूर मांगा गया मैने बूथ स्तर के सदस्यता अभियान का फार्म जिले से मांगा पर फार्म प्राप्त न होने पर प्रदेश पार्टी कार्यालय से जाकर फार्म लिया. जिसमें सदस्यता कर जब जिले में जमा कराया तो जिला कार्यालय ने फार्म जमा करने से मना करते हुए कहा कि जहाँ से फार्म लिया गया है वहीं जमा करें, फिर प्रदेश पार्टी कार्यालय में फार्म जमा करने के बाद जिला को प्राप्त हुआ. जिला संगठन से चुनाव संचालन की कोई भी जानकारी नही दी गई.

भसीन ने आगे कहा कि एक दिन पहले चुनाव सम्पन्न हुआ जिसमें न कार्यकर्ताओं न जनप्रतिनिधियों न ही मीडिया में जानकारी आई. उन्होंने कहा कि मैं दावे के साथ कहता हूं कि यह चुनाव फर्जी है. इस तरह की प्रक्रिया राष्ट्रीय नेता के दबाव में किया गया है या दूषित मानसिकता के चलते यह मुझे नहीं पता. जिस तरह से दुर्ग लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज हुई कार्यकर्ताओं में उत्साह था ऐसे में सांसद, विधायक और पूर्व के मंत्रियों को दरकिनार कर चुनाव प्रक्रिया करवाना जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की उम्मीद में पानी फेरने जैसा है.

विद्या रतन भसीन ने कहा कि ये चुनाव रद्द होना चाहिए व संवैधानिक प्रक्रिया के तहत पदाधिकारियों का चुनाव होना चाहिए. जिससे भविष्य में पार्टी को मजबूती मिल सके व जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में उत्साह कायम रहे. भसीन से जब उस राष्ट्रीय नेता का नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह संगठन पहले भी हमारी राष्ट्रीय महामंत्री के कहने से चलता था अब भी चलता है.

आपको बता दें दुर्ग जिला भाजपा संगठन पर महाराष्ट्र प्रभारी और राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय के खेमे का कब्जा है. यहां पहले भी सरोज पाण्डेय गुट और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय गुट की खेमेबाजी सतह पर आ चुकी है. हालांकि वक्त के साथ सरोज पाण्डेय ताकतवर पर और ताकतवर होती गई।