डॉ. रमन सिंह ने एक ओर भूपेश सरकार पर बैक-टू-बैक आरोप तो दूसरी तरफ मोदी की तारीफ
रायपुर। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज एकात्म परिसर में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था। सबसे पहले उन्होंने प्रदेशवासियों को दीपावली, भाईदूज, मातर, गौरा-गौरी, राज्योत्सव सहित छठ पूजा की बधाई दी, उसके बााद भूपेश सरकार पर करीब आधा दर्जन मुद्दों को लेकर बैक-टू-बैक प्रहार किया, तो दूसरी ओर मोदी सरकार की प्रशंसा। इस दौरान उन्होंने बीते 15 वर्ष को स्वर्णिम दौर भी कहा। उन्होंने कहा, इस बार की दीपावली अन्य वर्षों की अपेक्षा विशेष रहा। उन्होंने एक ओर तो केंद्र में मोदी सरकार की तारीफ तो दूसरी ओर भूपेश सरकार पर तंज कसा।
उन्होंने कहा, कि प्रदेश में आज जिस काम का श्रेय भूपेश सरकार ले रहा वह महज उनके 10 महीनों का कार्यकाल का नतीजा नहीं, बल्कि बीजेपी के 15 वर्षों की कार्ययोजनाओं का नतीजा है। इन महीनों में भूपेश सरकार तो सिर्फ नरवा, गुरुवा, बाड़ी पर अटके हुए हंै, जबकि प्रदेश में जो विकास हुआ है, वह बीते 15 वर्षों की कार्ययोजना का नतीजा है। बीते 15 वर्ष छत्तीसगढ़ का स्वर्णिम दौर रहा, क्योंकि इस दौरान 60 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया। इंफ्राट्रक्चर में छत्तीसगढ़ ने काम किया। पावर हब बना, ऑटोमोबाईल क्षेत्र बुम किया, सरगुजा-बस्तर में नए मेडिकल कॉलेज बने। आदिवासी इलाकों को एजुकेशनल हब बनाया।
फोन टैपिंग पर रमन सिंह का कांग्रेस पर हमला
फोन टैपिंग पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. सिंह हमलावार हो उठे। उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वीकार किया कि वह जासूसी करा रही है। फोन टैपिंग करने से बड़ा अपराध क्या हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने लिखकर दिया है कि हम फोन टैपिंग कर रहे थे, भविष्य में नहीं करेंग। उन्होंने कहा कि 15 सालों तक छत्तीसगढ़ को सजाया, संवारा गया। नगरीय निकायोंए महिलाओं को अधिकार दिया। जब कहा जाता है कि 15 सालों में छत्तीसगढ़ पिछढ़ गया है। मैं बता दूं कि आरबीआई गवर्नर ने ये कहा था कि सामाजिक क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश का अव्वल राज्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते दस महीनों के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ भय और आतंक में डूब गया है।
सिर्फ नीति से नहीं, बेहतर वातावरण बनाना जरूरी
डॉ. रमन सिंह ने नई उद्योग नीति पर कहा कि सिर्फ नीति बनाने से कुछ नहीं होता। बेहतर वातावरण बनाना होता है। मुझे नहीं लगता कि आने वाले तीन-चार सालों में छत्तीसगढ़ में कोई उद्योग आएगा। नक्सलवाद के मसले पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के दौरान बस्तर से नक्सलवाद के खात्मा के लिए काम शुरू किया था। केंद्र का भी बहुत सहयोग मिला, यदि आज भी नक्सलवाद के खात्मा के लिए सरकार सकारात्मक प्रयास जारी रखेगी तो जल्द ही राज्य इससे मुक्त हो जाएगा।