वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी का बजट भाषण : छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर, 03 मार्च 2025

वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी का बजट भाषण : छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर, 03 मार्च 2025
छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर, 03 मार्च 2025

वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी का बजट भाषण : छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर, 03 मार्च 2025- पीडीएफ फाइल

छत्तीसगढ़ शासन
 
ओ.पी.चौधरी
वित्त मंत्री
का
बजट भाषण
 (2025-26)


सोमवार, दिनांक 03 मार्च, 2025

माननीय अध्यक्ष महोदय,
    हमारे छत्तीसगढ़ के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा को व्यक्त करते हुए अपने विधानसभा में ही वर्तमान में काम करने वाले युवा प्रतिभा आशुतोष ने लिखा है –

“कोई जो पूछे शौर्य का पर्याय,
तो तुम वीर नारायण-गुण्डाधुर की तलवार लिख देना
कोई जो पूछे समानता का पर्याय,
तो तुम गुरु घासीदास महान लिख देना
कोई जो पूछे राम-राम का पर्याय,
तो तुम छत्तीसगढ़ी में जय जोहार लिख देना, और
कोई जो पूछे चारों धाम का पर्याय
तो तुम मेरे छत्तीसगढ़ का नाम लिख देना”

अध्यक्ष महोदय,

  •  इसी भूमि में आधुनिक भारत के सांस्कृतिक अग्रदूत स्वामी विवेकानंद जी ने कलकत्ता के बाद अपना सर्वाधिक समय व्यतीत किया था।
  •  इसी भूमि में रामगढ़ की पहाड़ियों में कालिदास जी ने प्रेम के प्रतीक मेघदूत की रचना की थी।
  •  इसी भूमि में मुकुटधर पाण्डे जी ने छायावाद की पहली कविता और माधवराव सप्रे जी ने हिन्दी की पहली कहानी लिखी।
  •  इसी माटी की माता शबरी के स्नेह एवं निश्छल प्रेम ने तीनों लोक के अधिपति श्री राम को जूठे बेर खाने में परम तृप्ति का अनुभव कराया था।

मैं अपने ऐसे छत्तीसगढ़ की माटी को प्रणाम करता हूँ। और मेरे इस महान छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ महान जनता को भी नतमस्तक होकर राम-राम करता हूँ, जय जोहार करता हूँ।
अध्यक्ष महोदय, लोकतंत्र की बुनियाद है- भरोसा। विश्वास ही लोकतंत्र का अशोक स्तम्भ है। पिछली सरकार ने लोकतंत्र के इसी विश्वास कि हत्या की थी। इसी विश्वास को चोट पहुँचाया था। छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र के समक्ष उत्पन्न इसी भरोसे के संकट से पार पाकर हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में अपने कार्यकाल के पहले साल को “विश्वास वर्ष” के रूप में स्थापित किया। अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने पर “जनादेश परब” मनाकर जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने की हिम्मत दिखाई।

हमारी सरकार के इन्हीं ईमानदार प्रयासों के प्रति छत्तीसगढ़ की जनता-जनार्दन ने बार-बार आशीर्वाद देकर अपने अटूट विश्वास को जताया है। चाहे वह लोकसभा चुनाव का समय हो, उपचुनाव का अवसर हो या स्थानीय निकाय के चुनावों में एकतरफा मुहर लगाने की बात हो। छत्तीसगढ़ की जनता ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 10 में से 10 नगर निगमों में एकतरफा जीत दलायी। EVM का बहाना बनाने वालों को मुहर लगाकर भी जनता ने जवाब दे दिया।

वहीं दूसरी ओर पूरे देश की जनता को भी मैं धन्यवाद देना चाहूंगा, जिन्होंने नरेंद्र मोदी जी के प्रभावशाली और सशक्त नेतृत्व को भी अपना अटूट विश्वास रुपी आशीर्वाद प्रदान किया है। श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारतीय राजनीति में बहुप्रचलित एंटी-इनकम्बेंसी की राजनीतिक अवधारणा को पूरी तरह से धराशायी कर दिया और भारतीय राजनीति और दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को एक नया शब्द दिया, वो है प्रो-इनकम्बेंसी। मोदी जी देश के मात्र दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीन बार शपथ लिये हैं। 2001 के बाद लगातार 24 वर्षों तक या तो वे राज्य के प्रमुख मुख्यमंत्री या राष्ट्र के प्रमुख प्रधानमंत्री के पद पर लगातार बने हुएं हैं। इसके अलावा हाल ही में हरियाणा, महाराष्ट्र एवं दिल्ली की सफलताएं मोदी जी के प्रति भारत के विभिन्न क्षेत्रों की जनता के द्वारा प्रकट किए गए अटूट विश्वास की कहानी को लगातार दोहरा रहे हैं।

इन दोनों इंजनों के बल पर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के लिए चल रहे विकास की गाड़ी को हाल के स्थानीय चुनावों में छत्तीसगढ़ में तीसरा इंजन मिल गया है और यह गाड़ी अब और तेज गति से दौड़ने को तैयार है।

हमारे छत्तीसगढ़ के जीवन काल की दृष्टि से यह वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारा राज्य अपनी रजत जयंती वर्ष मना रहा है। सन 2000 में जन्म के बाद हमारा छत्तीसगढ़ युवावस्था में पहुँच गया है। 25 वर्ष की आयु किसी व्यक्ति, संस्था या राज्य के जीवन काल में सर्वाधिक ऊर्जा का समय होता है। आज हमारे राज्य के लोगों की औसत आयु भी मात्र 24 वर्ष ही है, जो देश के लोगों की औसत आयु 28 वर्ष से भी बहुत कम है। अध्यक्ष महोदय, इन 25 वर्षों में से 15 वर्ष छत्तीसगढ़ ने आपके नेतृत्व में तीव्र प्रगति की और अब हम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के नेतृत्व में प्रदेश को नई ऊँचाईयों तक ले जाने का काम कर रहे हैं।

हमारे राज्य का GDP वर्ष 2000 में मात्र 21 हजार करोड़ रुपया था, अब हम 5 लाख करोड़ की GDP को पार कर चुके हैं। प्रति व्यक्ति आय 10 हजार रुपये से बढ़कर डेढ़ लाख के पास पहुँच चुका है। विश्वविद्यालयों की संख्या को हमने 4 से बढ़ाकर 25 तक पहुँचाया है।

अध्यक्ष महोदय, हमारे राज्य छत्तीसगढ़ का जब गठन हुआ था, तभी-तभी हमारा बैच 12वीं कक्षा पास होकर निकला था, मेरे एक दोस्त का राज्य की PMT में रैंक डबल डिजिट में था, लेकिन उसे MBBS की सीट तक नहीं मिल पाई थी, क्योंकि उस समय पूरे राज्य में एक ही मेेडिकल कॉलेज था। हमारी पार्टी की सरकारों के विशेष प्रयासों से अब मेेडिकल कॉलेजों की संख्या 14 तक पहुंच चुकी है। राष्ट्रीय राजमार्गों, राजकीय राजमार्गों और रेल लाइनों की लंबाई को भी हमने इन 25 सालों में डबल किया है। रायपुर में राज्य स्थापना के समय कुल 6 फ्लाइट ही आया करते थे, आज 76 फ्लाइट आते हैं। उस समय बस्तर सरगुजा में एयरपोर्ट की बात कोई सोच भी नहीं सकता था लेकिन मोदी जी की उड़ान योजना के कारण यह भी संभव हुआ। प्रदेश में कुल बैंक ब्रांच महज 1500 हुआ करते थे जिसे हम सब ने 6500 तक पहुँचाया है। 2 लाख शासकीय कर्मचारियों की संख्या को हमने 4 लाख तक पहुँचाया है। मात्र 5 लाख मीट्रिक टन की धान खरीदी अब 1 करोड़ 50 लाख मीट्रिक टन के पास पहुँच चुकी है। 7300 MW बिजली उत्पादन को हम सबने 18,000 MW तक पहुँचाने में सफलता पायी है, छत्तीसगढ़ पावर सरप्लस राज्य बना है। सन् 2000 में स्थापना के समय हमारी राजधानी रायपुर या पूरे राज्य में एक भी राष्ट्रीय स्तर का संस्थान नहीं था, आज संभवतः हमारा रायपुर ऐसा एकमात्र राजधानी शहर है, जहाँ IIM है, AIIMS है, NIT है, IIIT है, CIPET है और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी HNLU भी है ।

अध्यक्ष महोदय, छत्तीसगढ़ की यह प्रगति गाथा एक ओर मुझे हर्षित करती है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के विकास और बेहतर भविष्य की ललक मुझे संतुष्ट होने नहीं देती, बल्कि और ऊर्जा से कार्य करने हेतु प्रेरित करती है।

अध्यक्ष महोदय, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि ‘‘किसी भी राष्ट्र के जीवनकाल में एक पड़ाव आता है, जब राष्ट्र अपनी विकास यात्रा में तेजी से प्रगति कर सकता है और भारत के लिए यह अमृतकाल चल रहा है, जो भारत के इतिहास का वह कालखण्ड है, जब देश एक लम्बी छलांग लगाने जा रहा है।‘‘ मोदी जी के ही शब्दों में पुनः कंहु तो ‘‘यही समय है, सही समय है।‘‘

    माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश की स्वतंत्रता के अमृतकाल@2047 तक देश को विकसित करने का जो महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है, उसकी पूर्ति के लिए यह आवश्यक है कि छत्तीसगढ़ भी राष्ट्र निर्माण की इस पहल में बराबर का योगदान देकर माननीय प्रधानमंत्री जी की परिकल्पना को सार्थक करे। यह हमारे छत्तीसगढ़ के 3 करोड़ जनता कि लिए भी उतना भी जरूरी है।

अध्यक्ष महोदय, हमने भी अपने राज्य को विकसित राज्य बनाने हेतु ‘‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन-2047‘‘ पथ प्रदर्शक दस्तावेज बनाया है। यह विजन डाक्यूमेंट कोई कोरा सपना नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के जनता की महत्वाकांक्षाओ, आशाओं और समृद्धि को साकार करने की एक जीवंत सफर की मार्गदर्शिका है। यह केवल सरकारी तरीके से बनाया गया कोई सरकारी दस्तावेज मात्र नहीं है। हमने राज्य के सभी वर्गों से विचार विमर्श कर इसको मूर्त रूप दिया है, क्योेंकि हम मानते हैं कि विकसित छत्तीसगढ़ का स्वरूप केवल सरकार तय न करे बल्कि यह  जनभावनाओ से प्रेरित हो।

हमारे विजन डॉक्यूमेंट में अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य एवं उनको प्राप्त करने की रणनीति शामिल है। हमारी सरकार का प्रत्येक बजट भी विजन डॉक्यूमेंट के अनुरूप ही उठाया गया कदम का एक रूप होगा।

पिछले सत्र में प्रस्तुत बजट से GYAN के रूप में समावेशी विकास की जो नींव हमारे द्वारा रखी गई थी, आज का बजट उसी विकास की श्रृंखला का अगला पड़ाव है।

हमने पिछले बजट में GYAN अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को केन्द्र बिंदु बनाकर योजनाओं का न केवल निर्माण किया अपितु मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में पिछले पूरे एक साल इन योजनाओं को जनता तक सांय-सांय पहुँचाया भी है।

अध्यक्ष महोदय, इस बजट के शुरूआत में मैं GYAN अर्थात् अंत्योदय या समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक रणनीति GATI का जिक्र करना चाहूँगा।

GATI का अर्थ है:-
G –    Good Governance     
A –    Accelerating Infrastructure
T –    Technology
I  –    Industrial Growth

   GATI  न केवल GYAN के कल्याण के लिये अनिवार्य है, बल्कि हमारे 2030 तक के मध्यकालिक लक्ष्य और 2047 तक के विकसित छत्तीसगढ़ के दीर्घकालिक लक्ष्य को भी प्राप्त करने के लिये जरूरी है।

Good Governance

     अध्यक्ष महोदय, सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास को 10 आधारभूत रणनीतिक स्तंभों में से एक के रूप में मैने अपने पिछले बजट मे उल्लेख किया था। माननीय श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में हमने सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया है ताकि हम प्रधानमंत्री जी के सुशासन के सूत्र-वाक्य ‘‘Maximum Governance, Minimum Government‘‘ की ओर अग्रसर हो सकें। एक नये विभाग के रूप में इसे स्थापित करने वाला छत्तीसगढ़ संभवतः देश का पहला राज्य है।

लाल फीताशाही को खत्म करने के लिए हम ई-ऑफिस प्रणाली अपना रहे हैं, ताकि ऑनलाईन तरीके से समय पर फाइलों का निपटारा हो, विलम्ब की जिम्मेदारी तय हो सके, भ्रष्टाचार की आशंका को भी कम किया जा सके।

   सरकारी सुविधाओं और योजनाओं की आसान और सुनिश्चित डिलीवरी के लिए हम डिजिटल गवर्नेंस का उपयोग कर रहे हैं।

  सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर सतत् नजर रखने के लिए हमने अटल मॉनिटरिंग पोर्टल आरंभ किया है। इस बजट में इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार रोकने के लिए हमने जेम पोर्टल से खरीदी को अनिवार्य कर दिया है।

माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस EoDB को बढ़ावा देने के लिए दृढ़संकल्पित है। हमारे द्वारा प्रथम चरण में 20 विभागों के कुल 216 सुधारों को लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पूरी मुहिम बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (BRAP) का मूल उद्देश्य व्यवस्था में पारदर्शिता लाना तथा नियमों मे सरलीकरण करके प्रक्रियाओं को आसान बनाना है।

स्टाम्प और पंजीयन विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग करते हुए आम जनता को सुविधा प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाये जा रहे हैं। सुगम ऐप के माध्यम से फर्जी रजिस्ट्री को रोकने में मदद मिल रही है। अनेक प्रक्रियाओं को पेपरलेस और फेसलेस भी किया जा रहा है। पंजीयन के 20 मैदानी कार्यालयों को आदर्श उप पंजीयक कार्यालय बनाने के लिए इस बजट में 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पासपोर्ट ऑफिस की तर्ज पर जमीन रजिस्ट्री हेतु भी लोगों के लिए आसान व्यवस्था स्थापित की जाएगी। हक त्याग एवं बंटवारा में लगने वाले लाखों रूपये के शुल्क के स्थान पर मात्र 500 रूपये का प्रावधान कर दिया गया है, इससे भविष्य में उत्पन्न होने वाले लाखों राजस्व विवादों को रोका जा सकेगा।

सरकारी विभागों की कार्य कुशलता बढ़ाने, डाटा प्रबंधन को सशक्त बनाने और डिजिटल नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य के उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर सीएम सुशासन फेलोशिप योजना आरंभ की जा रही है। इसके लिए इस बजट में 10 करोड़ प्रावधान किया गया है। यह संभवतः पूरे देश में इस तरह का पहला प्रयास है कि IIM एवं IIT के साथ मिलकर ऑन द जॉब ट्रेनिंग शामिल करते हुए दक्ष मानव संसाधन तैयार किए जाएंगे। इससे हमारे छत्तीसगढ़ के युवाओं को उच्च स्तरीय जॉब के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री हेल्पलाईन आधुनिक कॉल सेंटर की स्थापना के लिए बजट में 22 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, पिछले एक वर्ष में एसीबी द्वारा रिश्वत लेते शासकीय लोगों को 54 मामलों में रंगे हाथों पकड़ कर अपराध दर्ज किया गया है। यह इस सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पष्ट और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है।

हमारी सरकार की यह स्पष्ट सोच है कि किसी भी वस्तु या सेवा की आपूर्ति पश्चात यह सुनिश्चित हो कि क्रय की गई वस्तु या सेवा उच्च गुणवत्ता की हो तथा ठेकेदार, सप्लॉयर या सेवाप्रदाता को एक निश्चित समयसीमा में उनका भुगतान भी हो जाए। भुगतान के लिए उन्हे ऑफिसों के चक्कर ना काटना पड़े। इससे सरकारी कामों में गुणवत्ता भी आएगी और भ्रष्टाचार भी कम होगा।

लोक सेवकों द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने पर PM Excellence Award की तर्ज पर प्रदेश में CM Excellence Award प्रदान करने के लिए 01 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, भारत सरकार की SCA योजना अंतर्गत राज्य द्वारा किये जा रहे सुधारों जैसे कि भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण, 15 वर्ष से अधिक पुराने शासकीय वाहनों की स्क्रेपिंग, औद्योगिक क्षेत्रों में भू उपयोग का उदारीकरण, पंजीयन प्रक्रिया का डिजिटलीकरण, एसएनए स्पर्श व्यवस्था इत्यादि लागू करने के कारण हमें भारत सरकार से इस वर्ष में ही 6000 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हुई है।

अध्यक्ष महोदय, पिछली सरकार में DMF भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया था। माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमने दन्तेवाड़ा मे मेडिकल कॉलेज का निर्माण 250 करोड़ रूपये से अधिक की राशि से क्डथ् से करने का निर्णय लिया है। क्डथ् के सदुपयोग के ऐसे अनेकों उदाहरण हम स्थापित करेंगे। आने वाले समय में क्डथ् अंतर्गत किये गए कार्यों का सोशल ऑडिट भी सुनिश्चित किया जाएगा।

अध्यक्ष महोदय, सुधारों का यह आरंभ है, और यही सुधार है, जिसके पायदान पर चढ़कर छत्तीसगढ़ अमृतकाल के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से आगे बढ़ेगा।

Accelerating Infrastructure
अध्यक्ष महोदय, ‘‘अधिकाधिक पूंजीगत व्यय (Maximum Capital Expenditure)” को भीे मैंने अपने पिछले बजट में 10 में से एक आधार स्तंभ के रूप में उल्लेख किया था। पूर्व में मैंने आज हमारे राज्य के 25 वर्षों की उपलब्धियांे का विस्तार से जिक्र किया हैै। छत्तीसगढ़ के उपलब्धियों का गौरव गान इस राज्य के निर्माता भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को स्मरण किए बिना अधूरा है। यह सुखद संयोग ही है कि इस वर्ष को हम अपने राज्य के ‘‘रजत जयंती वर्ष‘‘ के रूप में मना रहे हैं, वहीं यह वर्ष अटल जी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। पिछली सरकार के द्वारा पैदा किए गए भरोसे के संकट के खंडहर पर हमने फिर से निर्माण का, नव निर्माण का संकल्प लिया है। यह न केवल भरोसे के निर्माण का संकल्प है बल्कि छत्तीसगढ़ के निर्माण का भी संकल्प है, इसलिए हमने छत्तीसगढ़ में इस वर्ष को ‘‘अटल निर्माण वर्ष‘‘ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह निर्माण इंफ्रा का निर्माण तो है ही, इस निर्माण का आशय सभी क्षेत्रों में नए अवसरों का भी नवनिर्माण भी है।

हमारी सरकार के पहले बजट में हमने पूंजीगत व्यय के लिए 22,300 करोड़ का प्रावधान किया था। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए इस बजट में पूंजीगत व्यय के लिए 18 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 26,341 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कुल बजट का 16 प्रतिशत है। पूंजीगत व्यय में यह वृद्धि अपने आप में ऐतिहासिक और एक नया रिकॉर्ड है। पूंजीगत व्यय किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 1 रूपये के पूंजीगत व्यय से अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक रूप से 4 रूपये से अधिक का आर्थिक प्रभाव पड़ता है।

पूंजीगत व्यय में वृद्धि के प्रयासों के फलस्वरूप भारत सरकार द्वार SCA: Special Capital Assistance अंतर्गत इस वर्ष राज्य को 1,051 करोड़ प्रोत्साहन के रूप में प्राप्त हुए हैं।

अध्यक्ष महोदय, मैं बताना चाहूंगा कि विगत कई वर्षों से सब इंजीनियर की भर्ती नहीं होने के कारण सभी निर्माण विभागों जैसे PWD, PHE जल संसाधन आदि में इंजीनियरों की कमी है। विगत एक वर्ष में हमने 600 से अधिक इंजीनियरों की भर्ती की वित्तीय अनुमति दी है, ताकि इन विभागों में पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध हों एवं अधिकाधिक पूंजीगत व्यय करके आर्थिक विकास को गति प्रदान की जा सके।

हमारी सरकार ने सड़कों के सुदृढ़ नेटवर्क के लिए रोड प्लान 2030 तैयार किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य राजधानी से जिला, जिला से जिला, जिला से विकासखण्ड एवं विकासखण्ड से विकासखण्ड स्तर तक चौड़ी और उन्नत सड़कों का जाल बिछाना है।

हमने छोटे शहरों जो कि नगर पंचायत या नगर पालिका हैं, के विकास का ध्यान रखते हुए इस बजट में नई योजना मुख्यमंत्री रिंग रोड योजना शामिल किया है एवं बजट में इसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया है।

अध्यक्ष महोदय, राज्य के लोक निर्माण विभाग के लिए इस बजट में लगभग 9,500 करोड़ का बजट प्रावधान है। राज्य बनने के बाद पहली बार एक वित्तीय वर्ष में नई सड़कों के निर्माण के लिए 2,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राज्य में पहली बार राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव जैसी व्यवस्था राज्यमार्गों एवं मुख्य जिला मार्गों में भी लागू करने हेतु OPRMC: Output and Performance based Road assets Maintenance Contract योजना अंतर्गत 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

डबल इंजन सरकार केवल एक नारा नहीं है बल्कि प्रभावशील वास्तविकता है, प्रमाण स्वरूप बताना चाहूंगा भारत सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गांे के निर्माण के लिए विगत एक वर्ष में लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के कार्य स्वीकृत किए हैं।

    अध्यक्ष महोदय, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पक्की बारहमासी सड़कों के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना PMGSY अंतर्गत 845 करोड़, PVTGs बसाहटों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत 500 करोड़ तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना MMGSY अंतर्गत 119 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

नगर निगमों में सुनियोजित विकास हेतु मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना प्रारंभ की जाएगी, इसके लिए इस बजट में 500 करोड़ का प्रावधान है।

    जगदलपुर, अंबिकापुर एवं बिलासपुर एयरपोर्टो के विकास कार्यों के लिए बजटीय प्रावधान किये गए हैं। ज्यादा से ज्यादा Flight संचालन करने हेतु 40 करोड़ VGF प्रावधान किया गया है।

    माननीय प्रधानमंत्री जी के नदियों को जोड़ने के महत्वकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमने भी महानदी एवं इंद्रावती नदी और केवई नदी को हसदेव नदी से आपस में जोड़ने के लिए सर्वे कराने हेतु बजटीय प्रावधान किया गया है।

हमने अपने जनसंकल्प पत्र के अनुरूप रायपुर एवं आसपास के क्षेत्रों को शामिल करते हुए NCR की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजनः SCR विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में स्टेट केपिटल रीजन कार्यालय की स्थापना के लिए बजटीय प्रावधान है। सर्वेक्षण एवं डीपीआर निर्माण हेतु भी 5 करोड़ का प्रावधान है। रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो रेल सुविधा के सर्वे कार्य के लिए 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

रायपुर शहर में कैनाल रोड फेज-3 निर्माण, पंडरी से मोवा फ्लाईओवर निर्माण, एक्सप्रेस-वे फेज-2 निर्माण, कटघोरा से दीपका 4 लेन, रायगढ़ से लोईंग महापल्ली 4 लेन, अंबिकापुर अंबेडकर चौक से वाराणसी मार्ग 4 लेन इत्यादि अनेक कार्य इस बजट में प्रमुखता से शामिल हैं।

पेयजल व्यवस्था हेतु जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत 4,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

Technology
अध्यक्ष महोदय, औद्योगिक क्रांति से लेकर डिजिटल युग तक, तकनीकी प्रगति ने पूरी दुनिया में लगातार आर्थिक विकास को गति प्रदान की है। आज दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति के मुहाने पर खड़ी है, जहां AI:Artificial Intelligence, Blockchain, IoT and Renewable Energy प्रौद्योगिकियां केवल उपकरण नहीं हैं, बल्कि ये परिवर्तनकारी शक्तियां हैं। नवाचार, उद्योगों को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं, टेक्नोलॉजी किसी भी आधुनिक अर्थव्यवस्था का प्रवेश द्वार बन चुका है।

अध्यक्ष महोदय, मोबाईल कनेक्टिविटी, तकनीकी क्रांति का सूत्रधार है या फिर कहूं तो यह आज के आधुनिक युग का वाहक है, किंतु प्रदेश के ऐसे सुदूर अंचल हैं जो आज भी दूरसंचार की क्रांति से वंचित हैं। इस कमी को दूर करने के उद्देश्य से हमारी सरकार मुख्यमंत्री मोबाईल टॉवर योजना का प्रथम चरण लागूकरने जा रही है। जिससे ऐसे क्षेत्रों में टेलिकॉम सेवा प्रदाताओं को मोबाईल टॉवर लगाने के लिए VGA के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, स्टेट डेटा सेंटर की स्थापना के लिए 40 करोड़, SWAN के संचालन के लिए 18 करोड़ तथा डिजिटल गवर्नेंस के लिए 9 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
    सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए न्यायालयों के कम्प्यूटराइजेशन हेतु 37 करोड़ का प्रावधान है। इसके साथ ही डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए 40 करोड़ तथा ई-धरती योजना के अंतर्गत भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन के लिए 48 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

    एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली IFMIS (NEXT GEN) के लिए 45 करोड़ एवं आबकारी विभाग में Centralised Command and Control Centre हेतु 3 करोड का प्रावधान किया गया है।

 जिला स्तर पर तकनीक का उपयोग करते हुए जीडीपी का मूल्यांकन करने के लिए Centralised Command and Control Centre की स्थापना हेतु 7 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह दुर्भाग्यजनक है कि अब तक जिलों की पृथक से जीडीपी की गणना नहीं की जाती थी, अब विभिन्न जिलों के जीडीपी की गणना की जा सकेगी एवं जिलावार विकास रणनीति भारत सरकार की तरह Aspirational Districts (आकांक्षी जिलों) की तरह बनायी जा सकेगी।

    नवाचारों को प्रोत्साहित करने तथा प्रशासन में Emerging Technology के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बजट में 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
 
Industrial Growth
अध्यक्ष महोदय, हमारे राज्य की आबादी की औसत आयु को देखते हुए एवं राज्य में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने के लिए राज्य की नई उद्योग नीति को माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की मंशा अनुसार निवेश आधारित ना बनाकर रोजगार सृजन पर केंद्रित बनाया गया है। इसे सर्व समावेशी बनाते हुए समाज के कमजोर वर्ग, महिला, नक्सल पीड़ित एवं अग्निवीर और समर्पित नक्सली सबके लिये विशेष प्रावधान किये गए है।

अध्यक्ष महोदय निवेशकों को राज्य में आकर्षित और प्रोत्साहित करने के लिये हाल ही में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में दिल्ली, मुंबई में Investors Connect कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें देश के बड़े उद्योगपतियों ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे- प्लास्टिक, टेक्सटाईल, खाद्य प्रसंस्करण, सीमेंट, आईटी में निवेश करने की मंशा व्यक्त की है।

    आज हमारी नयी उद्योग नीति का नतीजा है कि Semi Conductor, Renewable Energy जैसे क्षेत्रों में भी निवेश के लिये कंपनियाँ छत्तीसगढ़ में आ रहीं हैं। नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल फर्म तथा जांजगीर चांपा में स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क के लिये इसी वर्ष 195 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया था।

   नई औद्योगिक नीति को आकर्षक बनाने एवं इसके सफल क्रियान्वयन के लिये पूंजी अनुदान 700 करोड़, ब्याज अनुदान 200 करोड़, प्रतिपूर्ति अनुदान 100 करोड़ प्रावधानित है, यह पिछले वर्ष की तुलना में ढाई से तीन गुना अधिक है।

 खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में असीम संभावनाएँ हैं। अतः फूड पार्कों की स्थापना हेतु 17 करोड, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 46 करोड़ तथा इसके साथ ही नये औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना हेतु 23 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है।

विगत वर्षों में उद्योगों को अनुदान मिलने वाली राशि समय पर न मिल पाने के कारण व्यवसायियों को व्यवहारिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अवगत कराना चाहूँगा कि पूर्व वर्ष के लगभग 700 करोड़ के दायित्वों को हमारी सरकार ने इस वर्ष भुगतान करने का बीड़ा उठाया।

अध्यक्ष महोदय, उद्योगों को बढ़ावा देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसका सबसे बड़ा परिचायक है कि हमने उद्योग विभाग के बजट को पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दोगुने से भी अधिक करते हुए 1420 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

हमारी सरकार ने पर्यटन को भी उद्योग का दर्जा दिया है। हमारी मंषा है कि प्रदेष में मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ सर्विस सेक्टर में भी तेजी से ग्रोथ हो एवं हमारे राज्य के ब्वतम उद्योगों के साथ साथ अन्य नए क्षेत्र जैसे कि- फार्मा, टेक्सटाईल इत्यादि ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योग भी तेजी से आये।

अध्यक्ष महोदय, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स  को कार्यालय हेतु नवा रायपुर अटल नगर में रियायती दर पर भूमि आबंटन हेतु बजटीय प्रावधान किया गया है। जिला उद्योग कार्यालय राजनांदगांव, जगदलपुर, कोण्डागांव, बालोद, महासमुन्द एवं बिलासपुर के भवनों के निर्माण किये जाएंगे।

आर्थिक स्थिति
अध्यक्ष महोदय, अब मैं राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा सदन के सामने प्रस्तुत करता हूँ।

वर्ष 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, स्थिर दर पर हमारे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद ( GSDP ) में 7.51 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इसी अवधि में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि हमारा राज्य अधिक प्रभावशाली और उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अधिक तीव्रता से बढ़ रहा है।

प्रचलित दर पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2023-24 में 5 लाख 12 हजार 107 करोड़ अनुमानित था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 5 लाख 67 हजार 880 करोड़ अनुमानित है एवं इसमें 10.89 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।

वर्ष 2025-26 में भी 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ राज्य का GSDP 6 लाख 35 हजार 918 करोड़ तक पहुंचने का आकलन है।
विभिन्न क्षेत्रों में हमारे राज्य का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। वर्ष 2024-25 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 5.38 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 6.92 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। राष्ट्रीय स्तर पर, कृषि क्षेत्र में 3.76 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 6.22 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 7.22 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। यह तुलना दर्शाती है कि हमारे राज्य के सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन हो रहा है।

वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 62 हजार 870 रूपये संभावित है, जो गत वर्ष की तुलना में 9.37 प्रतिशत अधिक है। हमारे राज्य की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय औसत वृद्धि से बेहतर है।

आने वाले वर्षों में, हम इसी गति को बनाए रखते हुए और भी ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अध्यक्ष महोदय, अब मै अलग-अलग क्षेत्रों के अन्य बजटीय प्रावधानों के बारे में बताना चाहूँगा।

संस्कृति

अध्यक्ष महोदय, श्रद्धेय अटल जी ने कहा है-
‘‘मैं शंकर का वह क्रोधानल, कर सकता जगती क्षार-क्षार।
डमरू की वह प्रलय-ध्वनि हूं जिसमें नचता भीषण संहार।
  रणचण्डी की अतृप्त प्यास, मैं दुर्गा का उन्मत्त हास।
मैं यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुआंधारय।
फिर अन्तरतम की ज्वाला से, जगती में आग लगा दूं मैं।
 यदि धधक उठे जल, थल, अम्बर, जड़, चेतन तो कैसा विस्मय?
हिन्दू तन-मन, हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय!‘‘

अध्यक्ष महोदय, हिंदू किसी मजहब का नाम नहीं है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी कहा है कि यह एक जीवन पद्धति का नाम है, जीने का एक तरीका है। सर्वे भवंतु सुखिनः का भाव ही हिंदुत्व है। और हमें गर्व है इस महान सोच पर, हमे गर्व है इस जीवन पद्धति पर, जो हमेशा दुनिया को जीना सिखाता आया है और आज पूरी दुनिया को World Order and Peace अर्थात विश्व व्यवस्था और शांति की गारंटी दे सकता है। दीनदयाल उपाध्याय जी का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद इस हिंदुत्व का अनिवार्य हिस्सा है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद भी कोई अमूर्त अवधारणा नहीं है, इसका सरल अर्थ इतना ही है कि राष्ट्र का आधार संस्कृति होता है। पश्चिम केवल राज्य को परिभाषित करता है, जीवंत राष्ट्र की परिकल्पना पश्चिम की डिक्शनरी में नहीं मिल सकती। पश्चिम कहता है कि राज्य चार अंगों से बनता है- जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, सरकार और संप्रभुता। पश्चिम नहीं समझ सकता कि राष्ट्र का प्राण तत्व संस्कृति ही होता है। दुर्भाग्य से हमारी शिक्षा पद्धति भी अधिकांश अवसरों में यही पढ़ाती-सिखाती रही।

तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी पर जो भारत दिखा न, वही संस्कृति आधारित राष्ट्र है। प्रयागराज के त्रिवेणी से लेकर राजिम के त्रिवेणी तक भगवान श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में सुदूर सामरी से लेकर सुकमा तक हमारे भांचा राम के जो पद चिन्ह हैं, वही इस राष्ट्र का संस्कृति का प्राण वायु है।

हम राज्य में सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्रीय जनजागरण के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत, प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हमने छत्तीसगढ़ पैवेलियन की स्थापना की, जहां हमारे प्रदेश के श्रद्धालुओं के रुकने और खान-पान की व्यवस्था की गई। राज्य के सवा लाख लोगों ने इस सुविधा का लाभ लिया।  

अध्यक्ष महोदय, कुंभ मेला में इस बार माननीय राज्यपाल महोदय, माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ-साथ हमारे छत्तीसगढ़ के सम्मानीय सांसद, मंत्री एवं विधायकगण ने आपके विशेष आमंत्रण को स्वीकार करते हुए पवित्र संगम स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त किया।

पिछले साल अयोध्या में भव्य राम मंदिर की स्थापना के बाद से ही हम छत्तीसगढ़ के भांचा राम के भक्तों को रामलला के दर्शन कराने के लिए विशेष योजना चला रहे है,ं जिसके तहत अब तक 22,000 से अधिक परिवारों को रामलला का दर्शन कराया जा चुका है। अगले वित्त वर्ष के लिए इस बजट में इस प्रयोजन के लिए 36 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

सभी धर्मों के आस्था के केंद्र बिंदु डोंगरगढ़ में 59 करोड की लागत से परिक्रमा पथ तथा माँ बम्लेश्वरी मंदिर के सामने वाई शेप का पुल 21 करोड़ की लागत से, दोनो कार्यों की स्वीकृति इस वर्ष जारी की गई है। हमारी सरकार चंपारण, सिरपुर जैसे अन्य धार्मिक स्थलों का विकास भी सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। ’’छत्तीसगढ़ के बगिया ला, मिल जुल के सजाबो जी, हमर माटी हमर तीरथ हे, अब राजिम कुंभ घलो नहाबो जी। ’’

अध्यक्ष महोदय, हमने राजिम कुंभ का सुंदर आयोजन फिर से आरंभ कराया है। अगले साल इस आयोजन के लिए बजट में 8 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को सिंधु दर्शन और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, पिछली सरकार ने तीर्थ यात्रा योजना को बंद कर दिया था। मैं बताना चाहूंगा कि इस योजना अंतर्गत लगभग ढाई लाख हितग्राहियों ने हरिद्वार, पुरी, द्वारिका, श्रवणबेलगोला, सारनाथ, शबरीमाला, वैष्णोदेवी, स्वर्णमंदिर इत्यादि महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों की यात्रा की थी। पिछले बजट में हमने इस योजना को पुनः प्रारंभ किया एवं इस बजट में 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, हमारे छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति के लिए हमारी प्रतिबद्धता अनवरत् अटूट रही है। विपक्षी साथियों की सरकारों को छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का अवसर दशकों तक मिला, लेकिन उन्होने नहीं बनाया। अगर छत्तीसगढ़ किसी ने बनाया, तो श्रद्धेय अटल जी ने बनाया। हमने छत्तीसगढ़ी को राजभाखा का दर्जा दिया। हमने छत्तीसगढ़ राजभाखा आयोग का गठन किया। हमारे छत्तीसगढ़ के महान विभूतियों के नाम पर अनेकों अलंकरण स्थापित किये। हमारे छत्तीसगढ़ के धरोहर पद्म श्री कवि श्री सुरेन्द्र दुबे जी ने लिखा हैः-

‘‘धन्य-धन्य ये धरती
जिसमें कौशिल्या ने
जन्म लिया
सीता का बनवास हुआ
तो इस माटी में शरण दिया
ये दक्षिण कौशल कुशावर्त
सिरपुर इसकी राजधानी थी
कलचुरियों ने राज किया था
इसकी एक कहानी थी
ये बाल्मीकि की तपोभूमि
तुरतुरिया गुण गाती है
दोनो हाथ उठाकर बोलो
     छत्तीसगढ़ की माटी है‘‘

अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार स्थानीय आदिवासी संस्कृति को संजोकर रखने के लिए आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान अंतर्गत संग्रहालय की स्थापना कर रही है। जिसमें राज्य के जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक विविधता के आर्टिफेक्ट्स को 14 गैलरियों में संजोया जाएगा। इसके साथ-साथ शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय निर्माण भी स्वीकृत किया गया है, इसमें राज्य सरकार द्वारा 11 करोड़ की राशि प्रदान की जा रही है। हमारा प्रयास है यह दोनों संग्रहालय इस वर्ष प्रारंभ हो जाएं।

      इसके अलावा अनुसूचित जनजातियों के श्रद्धा एवं पूजा स्थलों के ‘‘अखरा विकास‘‘ के परिरक्षण एवं संवर्धन हेतु बजट में 2 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है। जनजातीय गौरव दिवस, करमा महोत्सव के आयोजन हेतु वृहद बजटीय प्रावधान किया गया है। स्थानीय कलाकारों के प्रोत्साहन हेतु अनेक बजटीय प्रावधान हैं। पर्यटन विभाग द्वारा नवा रायपुर में फिल्म सिटी का निर्माण किया जा रहा है, इससे भी स्थानीय फिल्म और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

    छत्तीसगढ़ के इतिहास, पुरातत्व और संस्कृति से दुनिया को रूबरू कराने के लिए निर्माणाधीन विधानसभा में एक कला दीर्घा का भी विकास किया जा रहा है। इसके लिए मैं आपको विशेष धन्यवाद देता हूं।

   जनजातीय समुदायों के आस्था के केंद्र देवगुड़ी के मरम्मत एवं विकास एवं संस्कृति के परीक्षण एवं विकास योजना के लिए 11.50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

युवा एवं रोजगार
अध्यक्ष महोदय, नेल्सन मंडेला जी ने कहा था “Youth is the Engine of Progress “अर्थात किसी राष्ट्र को विकासशील से विकसित और महान बनाने का सफर युवा शक्ति के योगदान के बिना असम्भव है।

अभी हाल में ही जर्मन चांसलर Olaf Scholz ने अपनी भारत यात्रा के दौरान माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के समक्ष इस बात की घोषणा की थी कि जर्मनी में भारत के कुशल वर्कफोर्स के लिए वीजा जारी करने की सीमा 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार कर दी जाएगी। यह विश्व पटल पर भारत की उभरती युवा शक्ति का परिचायक है।

अध्यक्ष महोदय, विकसित देेशों की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है। आज जापान की औसत आयु 50 वर्ष, जर्मनी की 47 वर्ष, चीन की 40 वर्ष, अमेरिका की 39 वर्ष है। वहीं दूसरी ओर भारत की औसत आयु 28 वर्ष तथा छत्तीसगढ़ की औसत आयु केवल 24 वर्ष ही है। डेमोग्राफिक डिविडेंड प्राप्त करने का यह सबसे अनुकूल समय है।

महोदय, जैसा कि मैने पूर्व में बताया कि हमने अपने औद्योगिक नीति कोे निवेश आधारित न बनाकर रोजगार सृजन पर आधारित बनाया है, जो सही मायने में हमारी सरकार की राज्य के युवा शक्ति के प्रति आस्था का प्रतीक है।  

युवाओें के प्रासंगिक कौशल विकास के लिए मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 26 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

हमारा छत्तीसगढ़ कला कौशल जैसे- बेलमेटल आर्ट, कोसा, टेराकोटा, बैम्बू आर्ट इत्यादि से परिपूर्ण है। किंतु आज आधुनिकता के दौर में इन्हे प्रासंगिक बनाना है। हमारे द्वारा नवा रायपुर में National Institute of Fashion Technology: NIFT की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। जिससे इन कलाकृतियों को भी नया आधुनिक तरीके से वैश्विक बाजार में नए अवसरों का सृजन किया जा सकेगा। इससे हमारे युवाओं को उभरते अर्थव्यवस्था के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। NIFT के लिए इस बजट में 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्था में नित्य नए अवसर सृजित हो रहें हैं और नर्सिंग एक ऐसा क्षेत्र है जहां रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। देश की आजादी के बाद से आज तक हमारे छत्तीसगढ़ में केवल 8 शासकीय नर्सिंग कॉलेज स्थापित हुए थे, हमने इसी बजट में एक साथ 12 नवीन शासकीय नर्सिंग कॉलेज (बलरामपुर, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा, बीजापुर, कुरूद, जशपुर, नवा रायपुर, बैकुण्ठपुर, पुसौर, कांकेर, कोरबा और महासमुंद) में स्थापित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए 34 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

अध्यक्ष महोदय, पूरे प्रदेश में अभी केवल एक फिजियोथैरेपी कॉलेज है। हमने प्रदेश में इसी बजट में एक साथ 6 नए शासकीय फिजियोथैरेपी कॉलेज (बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, जशपुर, रायगढ और मनेन्द्रगढ़) में स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 6 करोड़ का बजटीय प्रावधान रखा गया है।

प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ITIs एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों के कोर्स एवं उनकी स्थिति वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं। रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान करने वाले इन संस्थाओं के अपग्रेडेशन के लिए हमने इस बजट में प्ज्प्े एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों को वर्तमान जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया है। कुस्तुरा, तहसील दुलदुला जिला जशपुर में नई आईटीआई के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।

आज की अर्थव्यवस्था मे सर्विस सेक्टर में रोजगार के कहीं ज्यादा अवसर विद्यमान हैं और पर्यटन इनमें से एक ऐसा ही क्षेत्र है। बस्तर जिले के कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित धुड़मारास गांव का UN WTO (World Tourism Organisation) के द्वारा Best Tourism Village के रूप में चयन किया गया है। जशपुर के मधेश्वर पहाड़ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड द्वारा विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना गया है।

इन उपलब्धियों से प्रेरित होकर एवं रोजगार की असीम संभावनाओं को देखते हुए हमारी सरकार ने Home Stay Policy लागू करने का निर्णय लिया है तथा इसके लिए बजट में 5 करोड का प्रावधान किया गया है। इस पॉलिसी का विशेष फोकस बस्तर एवं सरगुजा में रहेगा।

अध्यक्ष महोदय, SSIP (Student Startup Innovation Policy) के तहत छत्तीसगढ़ के युवाओं की रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमिता को सशक्त बनाने एवं सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

ये सारे प्रयास इसी उद्देश्य के साथ किये जा रहे हैं कि हम अपने युवाओं को शासकीय नौकरी के साथ-साथ उभरती हुई अर्थव्यवस्था में निर्मित हो रहे रोजगार के नये विकल्पों के लिए तैयार कर सकें।

अध्यक्ष महोदय, हमने आदरणीय मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में 20 विभागों में लगभग 10,000 पदों के भर्तियों की स्वीकृति वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदान की है तथा आने वाले वर्ष में माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी के मार्गदर्शन में भर्ती हेतु पदों के स्वीकृति की प्रक्रिया को और गति प्रदान की जाएगी। स्कूलों के शिक्षकों एवं कॉलेजों के शैक्षणिक पदों के भर्ती के प्रथम चरण की स्वीकृति भी इस वित्तीय वर्ष में दी जाएगी।

खेल प्रोत्साहन
अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार, पूरे प्रदेश में खेल प्रोत्साहन के लिए छत्तीसगढ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना लेकर आई है। अनेक प्रावधानों में से विशेष रूप से उल्लेख करना चाहूंगा:-

  • सरगुजा एवं दुर्ग संभाग में संभाग स्तरीय बहुउद्देशीय स्टेडियम निर्माण किए जाने हेतु 10 करोड़
  • सारंगढ़-बिलाईगढ़, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, मुंगेली, सक्ती, गरियाबंद, महासमुंद, बेमेतरा, कांकेर एवं बिलासपुर जिलों में बहुउद्देशीय स्टेडियम निर्माण किए जाने हेतु बजटीय प्रावधान 15 करोड़
  • कुरूद, बलौदाबाजार के सुहेला में एवं धमतरी में इन्डोर हॉल निर्माण किए जाने हेतु 5 करोड़
  • जशपुर में फुटबाल स्टेडियम, बैटमिंटन कोर्ट एवं मिनी स्टेडियम तथा इन्डोर हॉल निर्माण हेतु 5 करोड़ जैसे अनेकों प्रावधान हैं।

नगरीय विकास
अध्यक्ष महोदय, किसी भी अर्थव्यवस्था के उत्तरोत्तर वृद्धि में नगरीय विकास उत्प्रेरक का कार्य करता है। अर्थिक विकास के साथ शहरों में आबादी का दबाव बढ़ता जाएगा। हमारे शहरों का सुनियोजित एवं सर्वांगीण विकास हो, इसके लिए अनेक बजटीय प्रावधान किये गए हैं-

  •     नगरीय निकायो में अधोसंरचना विकास के लिए 750 करोड़
  •     स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए अमृत मिशन अंतर्गत 744 करोड़
  •     सबके लिए आवास योजना के तहत 875 करोड़

महोदय, सदन को यह अवगत कराते हुए मै अंतःकरण से प्रसन्न हूं कि हमारी सरकार एक नई योजना मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान प्रारंभ करने जा रही है इसके तहत लाभार्थियों को सही समय पर आवास निर्माण कर गृह प्रवेश के उत्सव पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है तथा इसके लिए बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, रायपुर का नालंदा परिसर की सफलता सर्वविदित है और युवाओं के बीच इसकी मांग को देखते हुए हमने 17 निकायों में नालंदा परिसर विकसित करने हेतु बजट में 100 करोड़ का प्रावधान रखा है।

नवीन फायर स्टेशन निर्माण एवं क्षमता वृद्धि के लिए 44 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

ग्रामीण विकास

अध्यक्ष महोदय, छत्तीसगढ़ के विकास का हृदय यदि इसका शहरी क्षेत्र है तो इस विकास की धमनियां इसके गांवों से होकर गुजरती हैं। शहरी एवं ग्रामीण विकास दोनो एक दूसरे के पूरक हैं। एक को हासिल किए बिना दूसरे की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। ग्रामीण विकास की दृष्टि से अनेक प्रावधान हैं:-

  •     ऐसे कई सारे ग्रामीण मार्ग हैं जो आज भी बरसात में पुल के अभाव में कट जाते हैं, वहां पुल निर्माण हेतु 30 करोड़
  •     गांवों के अंदर मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना हेतु 100 करोड़
  •     ग्राम पंचायतो में आवश्यक्तानुसार छोटे-छोटे अधोसंरचनाओं के निर्माण हेतु समग्र विकास योजना अंतर्गत 200 करोड़
  •     महतारी सदन के निर्माण हेतु 50 करोड़
  •     राज्य की ग्राम पंचायतों में न्च्प् पेमेंट की व्यवस्था हेतु 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, पूर्ववर्ती सरकार को किसी गरीब की चिंता नहीं थी उसका प्रमाण है कि राज्य सरकार द्वारा, प्रधानमंत्री आवास योजना का राज्यांश देने से मना कर दिया था, जिससे मेरे 18 लाख गरीब बहन-भाई पक्के मकान से वंचित रहे। किसी भी व्यक्ति के लिए मकान का महत्व क्या होता है। इसे किसी ने शब्दों में बयां किया है:-

‘‘कितना खौफ होता है शाम के अंधेरें में
पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते‘‘

अध्यक्ष महोदय, हमने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही मोदी की गारंटी को पूरा करने हेतु 18 लाख प्रधानमंत्री आवास निर्माण की मंजूरी दी।
इस वर्ष हमारे द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 8,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है, विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों ;(PVTGs) के आवास निर्माण के लिए विशेष प्रावधान करते हुए 300 करोड़ प्रावधानित किया गया है।

महोदय, मुझे बताते हुए हर्ष हो रहा है कि जिनके पास दो पहिया वाहन हैं, जिनके पास ढ़ाई एकड़ तक जमीन है (सिंचित) और पांच एकड़ तक असिंचित भूमि है या जिनकी आय 15,000 रूपये माह है, उनको भी अब प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ मिल सकेगा। नक्सलवाद प्रभावितों के प्रति संवेदनशील सोच के साथ, नक्सल प्रभावितों के लिए 15,000 आवास की अतिरिक्त स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी गई है, जो कि डबल ईंजन सरकार की परिचायक है।

  • प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के प्रेरणा से राज्य में स्वच्छ भारत मिशन के गावों में अत्यंत सराहनीय कार्य हुए हैं, अतः इसी गति को बनाए रखने के लिए इस वर्ष हमने 200 करोड़ का प्रावधान रखा है।

नवा रायपुर अटल नगर

अध्यक्ष महोदय, आजाद भारत वर्ष में जब कभी भी शहरी विकास का इतिहास लिखा जाएगा तो मुझे इसमें तनिक भी संदेह नही है कि नवा रायपुर का एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में वर्णन किया जाएगा। नवा रायपुर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का Growth Engine का पर्याय बनने जा रहा है और निश्चित तौर पर आने वाले समय में विकास के राष्ट्रीय मानचित्र पर छत्तीसगढ़ को मजबूती से स्थापित करेगा।      

आज नवा रायपुर में RBI, Union Bank, Indian Overseas Bank, PNB, Bank of India, NTPC के क्षेत्रीय कार्यालय, बालको कैंसर अस्पताल, सत्य साईं अस्पताल जैसे अनेक संस्थाओं का पदार्पण हो चुका है।

आज नवा रायपुर में Electronic Manufacturing Cluster, IT क्षेत्र में भी एक बड़ा केंद्र बनकर उभर रहा है। अब यहां पर Semiconductor, Data Centre क्षेत्र से संबंधित उद्योग भी आ रहे हैं।  

Wedding Destination के रूप में भी नवा रायपुर ने पहचान बनायी है, जिसके कारण Hotel Industry के लिए भी यह एक आकर्षक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है।

नवा रायपुर में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल सुविधा प्रदान करने हेतु लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में मेडिसिटी विकसित करने की योजना है। इसके अलावा लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में एडुसिटी विकसित करने के लिए भी बजटीय प्रावधान किया गया है।

नवा रायपुर के गोल्फ कोर्स में National Golf Tournament का आयोजन भी हाल ही में संभव हो पाया। यहां पर देश का तीसरा सबसे बड़ा International Cricket Stadium हमारे द्वारा बनाया गया था।

नवा रायपुर के बढ़ते विकास को देखते हुए इंटिग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर ; (ICCC) के उन्नयन, संचालन एवं संधारण कार्य हेतु 40 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

   विकसित भारत Iconic Destination निर्माण हेतु 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
 
नवा रायपुर में ई-बसों सेवाओं के लिए 10 करोड, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हेतु 20 करोड़, साईंस सिटी की स्थापना हेतु  37 करोड़ तथा पुस्तकालय के निर्माण हेतु 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

  Plug & Play Office Space विकसित किए जाने के लिए 156 करोड़ की लागत से कमर्शियल ऑफिस कॉम्प्लेक्स के निर्माण हेतु़ प्रावधान किया गया है। हमने सीबीडी कमर्शियल टॉवर में 2000 आईटी रोजगार हेतु जगह का आबंटन टेली परफार्मेंस, स्क्वायर बिजनेस, सीएसएम कंपनियो को किया है। इस वर्ष में 700 से अधिक लोगों को रोजगार मिल चुका है।

नवा रायपुर में एसडीएम एवं नवीन तहसील कार्यालय की स्थापना के लिए भी बजटीय प्रावधान रखा गया है।

महिला एवं बाल विकास

अध्यक्ष महोदय, किसी भी समाज के समृद्ध होने की परिकल्पना तब तक नहीं की जा सकती है, जब तक उस समाज में एक आदर्ष संस्कृति का निर्माण ना हो और एक समृद्ध संस्कृति के निर्माण की बुनियाद उस समाज में नारी के सम्मान पर टिकी हुई रहती है। हमारे आर्थिक विकास का आधार सषक्तिकरण, नारी उत्थान तथा नारी का राज्य की जीडीपी में योगदान रहा है और रहेगा।

पिछले वित्तीय वर्ष में मोदी की गारंटी अंतर्गत, छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना में 3000 करोड़ का प्रावधान रखा गया था तथा इस वर्ष 5500 करोड़ का बजटीय प्रावधान रखा गया है। महतारी वंदन योजना ने हमारे छत्तीसगढ़ की माताओं, बहनों को आत्मसम्मान और स्वाभिमान दिया है। लाखों बहनें आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं। आर्थिक सषक्तिकरण से राजनीतिक और सामाजिक सषक्तिकरण के द्वार खुलें हैं। सबसे बड़ी बात बहनों का परिवार के भीतर भी सम्मान बढ़ा है। सारंगढ़ के दानसरा गांव में बहनें महतारी वंदन के पैसे से राममंदिर का निर्माण कर रही है। इस तरह से उदाहरण हमें असीम ऊर्जा से भर देते है।

अध्यक्ष महोदय, पूर्ववर्ती सरकार ने रेडी-टू-ईट पोषाहार का काम हमारी माताओं-बहनों से छीनकर कुछ ठेकेदारों के हवाले कर दिया था। माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने इस अन्याय को ठीक करते हुए पुनः रेडी-टू-ईट का कार्य महिला स्व सहायता समूह को देना प्रारंभ कर दिया है।

हमारे द्वारा प्रदेष में अभी तक 74,000 समूह सदस्यों को अलग-अलग गतिविधियों से जोड़कर लखपति दीदी बनाया गया है। हमने अगले तीन वर्षों में 8 लाख महिला सदस्यों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

अध्यक्ष महोदय, कामकाजी महिलाओं को बेहतर आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए पूरे प्रदेष में 7 वर्किंग वूमेन हॉस्टल हेतु 79 करोड का प्रावधान है।

  •     बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओं के तहत 5 करोड़
  •     वन स्टॉप सेंटर सखी के लिए 20 करोड़
  •     शहरी क्षेत्रों में 150 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 1200 आंगनबाडी भवन निर्माण के लिए 42 करोड़
  •     नवीन 7 परियोजना कार्यालय के लिए 3.16 करोड

    का बजटीय प्रावधान रखा गया है।

समाज कल्याण  
अध्यक्ष महोदय, हमने, समाज में सभी वर्ग के लोगों के एक गरिमामय जीवन को सुनिष्चित करने के लिए अनक बजटीय प्रावधान किये हैं।

राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के लिए 200 करोड़, सुखद सहारा योजना के लिए 125 करोड़, वरिष्ठ नागरिक सहायता योजना के लिए 4.15 करोड़, दिव्यांगजनों के शैक्षिक संस्थानों के लिए 30 करोड, फिजिकल रिफरेल रिहबलीटेशन सेंटर का उन्नयन एक आदर्श कृत्रिम अंग निर्माण केन्द्र के रूप में किए जाने हेतु 5 करोड़, जशपुर नगर में दिव्यांग बच्चों के लिए आदर्श आवासीय परिसर निर्माण हेतु 2.50 करोड, माना कैम्प रायपुर में दिव्यांगों के विशेष विद्यालय हेतु भवन निर्माण के लिए 5 करोड़, भारतमाता वाहिनी अंतर्गत नशामुक्ति केन्द्र संचालन हेतु 10 करोड़ एवं थर्ड जेंडर समुदाय के लिए समानता आधारित अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।

खाद्य सुरक्षा
अध्यक्ष महोदय, आपके मुख्यमंत्री रहते हमारा राज्य देश का पहला राज्य था जिसने खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया। साथ ही पीडीएस की एक उत्कृष्ट व्यवस्था स्थापित की, जिसकी देश के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी तारीफ की थी। इस बार बजट में खाद्य सुरक्षा हेतु 5,326 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

शिक्षा
अध्यक्ष महोदय, किसी भी राज्य या समाज का मूल आधार शिक्षा होती है, इसलिए हमने बजट में पर्याप्त शैक्षणिक प्रावधान किये हैं। नियमित शैक्षणिक प्रावधानों के अतिरिक्त –

  •     पीएम श्री स्कूल योजना के लिए 277 करोड़
  •     राष्ट्रीय जम्बूरी के आयोजन के लिए 10 करोड़
  •     संचालनालय, लोक शिक्षण के नवीन भवन हेतु 10 करोड़
  •     रामकृष्ण मिशन आश्रम अबूझमाड़ के लिए 10 करोड़
  •     विभिन्न शालाओं के निर्माण हेतु 30 करोड़
  •     5 जिलो सरगुजा, बस्तर, बलरामपुर, रायगढ़ एवं जशपुर में साईंस पार्क की स्थापना करने के लिए 7 करोड़ 50 लाख
  •     बस्तर एवं सरगुजा में मोबाईल साईंस लैब की स्थापना के लिए 3 करोड़ 50 लाख, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शोध व नवाचार को बढ़ावा  देने के लिए 3 करोड, 25 महाविद्यालय को आदर्श महाविद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए 75 करोड़
  •     नवा रायपुर में नवीन महाविद्यालय के लिए 4.5 करोड़ एवं 10 महाविद्यालयों में छात्रावास पुनर्निर्माण के लिए बजटीय प्रावधान एवं करडेगा जिला जशपुर में महाविद्यालय के लिए तथा 21 शासकीय महाविद्यालयों में भवन निर्माण कार्य हेतु 47 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

स्वास्थ्य
अध्यक्ष महोदय, शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा योजना प्रदान करने के लिए 1,500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए इस बजट में 1,850 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

हमारे संकल्प पत्र के अनुसार विकासखण्डों में सिकल सेल स्क्रीनिंग सेंटर यूनिट की स्थापना हेतु प्रथम चरण में 50 विकासखण्ड हेतु बजटीय प्रावधान किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु भी बजटीय प्रावधान किया गया है।

डॉ. भीमराव अंबेडकर चिकित्सालय रायपुर स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (ACI) के कार्डियोलॉजी विभाग का विस्तार किया जा रहा है। हमारे सरकार के विगत एक वर्ष के प्रयास से यहां कार्डियक बाईपास भी प्रारंभ हो गया है, जिसका विस्तार करने के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

निःसंतान दंपतियों के लिए IVF तकनीक एक बड़ी उम्मीद बन कर उभरी है लेकिन, इसके महंगा होने की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर दंपति इसका लाभ नहीं ले पाते। इस अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा का प्रदेश के निःसंतान दंपतियों को लाभ पहुंचाने हेतु चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के स्त्रीरोग विभाग में ART (असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी) केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस हेतु बजट में 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मेकाहारा स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान विभाग व अन्य विभाग हेतु प्रथम चरण में 20 करोड़ रुपये के चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था भी की जाएगी।

अध्यक्ष महोदय, हम अपने सरकारी अस्पतालों को हाईटेक बना रहे हैं। इसके तहत मेकाहारा में 28.5 करोड़ रुपये की लागत से 3 टेस्ला एमआरआई मशीन और 26 करोड़ रुपये रुपए की लागत से 256 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी तथा महासमुंद चिकित्सा महाविद्यालय में 14 करोड़ रुपये की लागत से 128 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन स्थापित की जाएगी।

मेडिकल कॉलेजों के प्रभावी प्रबंधन के दृष्टिकोण से निर्णय प्रणाली को विकेन्द्रीकृत करते हुए उनके वित्तीय अधिकारों में न केवल बढ़ोतरी की गई है बल्कि मेडिकल कॉलेजों की स्वशासी समितियों को सशक्त करने हेतु अनुदान का बजटीय प्रावधान किया गया है।

जनकपुर में 100 बिस्तर अस्पताल, जांजगीर-चांपा एवं कबीरधाम में 220 बिस्तर अस्पताल, राजानवागांव जिला कबीरधाम, भेज्जी जिला सुकमा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना, पचपेड़ी-बिलासपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन, ग्राम-कटवार  (मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) में उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए आवश्यक पदों हेतु समुचित प्रावधान किया गया है।

इसी तरह सरोना-रायपुर में 100 बिस्तर अस्पताल, सरिया-सारंगढ़-बिलाईगढ़, नवागढ़-बेमेतरा तथा कटघोरा-कोरबा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो का 100 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन किये जाने हेतु, मोतिमपुर-मुंगेली, भण्डारपुरी-रायपुर सिरिमकेला जिला जशपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना, कोतबा-जशपुर, धरसींवा-रायपुर तथा तरेगांव जंगल-कबीरधाम के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन, तखतपुर में मातृ-शिशु अस्पताल की स्थापना किये जाने हेतु पदों एवं भवनों हेतु आवश्यक प्रावधान किया गया है।

    सेन्दरी-बिलासपुर के मानसिक चिकित्सालय, कुरूद-धमतरी, बसना-महासमुन्द के 100 बिस्तर अस्पतालों, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही एवं गरियाबंद के जिला चिकित्सालयों, बीजापुर के 100 बिस्तर अस्पताल को 200 बिस्तर अस्पताल में करने हेतु, सनावल-बलरामपुर, पिपरिया-कबीरधाम, गिरौदपुरी-बलौदाबाजार, ग्राम जरहागांव-मुंगेली में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु, ग्राम कोदवागोडान -कबीरधाम उप स्वास्थ्य केन्द्र के भवनों का निर्माण किये जाने हेतु आवश्यक प्रावधान किया गया है।

राज्य को नैचुरोपैथी हब के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से बस्तर, रायगढ़, मनेन्द्रगढ़ एवं जशपुर में 10 बेड 4 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र की स्थापना हेतु 13 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है।

आयुर्वेद महाविद्यालय, रायपुर के सुदृढ़ीकरण हेतु इस बजट में 4 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

इस बजट में विश्व स्तरीय एवं मध्य भारत का सबसे बड़ा अत्याधुनिक इन्टीग्रेटेड खाद्य एवं औषधि परीक्षणशाला के निर्माण हेतु 45 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है।

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र

अध्यक्ष महोदय, खेती का मानव जीवन में इतना महत्व है कि हम खेती करने वालों को विकास की दौड़ में कैसे पीछे छूटने दे सकते हैं। हम किसान भाईयों की आय बढ़ाने और उन्हें उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    इस खरीफ वर्ष में हमने प्रदेश के 25 लाख 49 हजार किसानों से 1 करोड़ 49 लाख टन धान खरीदा है। यह अब तक किसी भी वर्ष में की गई सबसे अधिक धान खरीदी है।  

अध्यक्ष महोदय, जबसे माननीय विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में हमने कार्यभार संभाला है, प्रदेश के किसानों के खाते में विभिन्न योजनाओं के तहत समग्र रूप से लगभग 1 लाख करोड़ रूपये की राशि अंतरित की जा चुकी है।

कृषक उन्नति योजना के लिए विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मोदी की गारंटी के तहत दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर कल्याण योजना के माध्यम से 5 लाख 62 हजार भूमिहीन मजदूरों को सालाना 10,000 रूपये की आर्थिक सहायता करते हुए 562 करोड़ राशि का भुगतान किया गया। आगामी वर्ष हेतु इस योजना अंतर्गत 600 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

कृषि पंपों के निःशुल्क विद्युत प्रदाय योजनांतर्गत 3,500 करोड़ का बजट प्रावधान है।

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसान भाईयों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत की थी, इस योजना अंतर्गत राज्यांश के लिये इस बजट में 750 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से इस सदन को बताना चाहूंगा योजना की शुरूआत से अभी तक राज्य के किसानों द्वारा 1,362 करोड़ रूपये का प्रीमियम अदा किया गया जिसके विरूद्ध उन्हें 7,156 करोड़ रूपये का क्लेम भुगतान किया गया है।

इस वर्ष से प्रदेश में उत्पादित होने वाली दलहन एवं तिलहन की फसलों को समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदी की जाएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान अंतर्गत बजट में 80 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अनाज फसलों यथा-धान, गेहुं, रागी, कोदो-कुटकी के साथ-साथ दलहन, तिलहन फसल के बीज उत्पादन एवं वितरण के लिए बजट में कृषक समग्र विकास योजना अंतर्गत 150 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। हम आगामी वर्ष से राज्य में नैनो यूरिया एवं डीएपी को भी प्रोत्साहित करेंगे।

आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है तथा इसके साथ ही आर्गेनिक प्रमाणीकरण हेतु लगभग 24 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम अंतर्गत 200 करोड़ रूपये, कृषि पंपों के ऊर्जीकरण के लिए 50 करोड़, गन्ना किसानों को बोनस हेतु 60 करोड का प्रावधान किया गया है।

अध्यक्ष महोदय, मुख्य कृषि के साथ-साथ संबंधित गतिविधियां कृषकों का आय बढ़ाने अत्यंत आवश्यक है।

बागवानी
हमने बागवानी क्षेत्र के विस्तार हेतु अनके प्रावधान किये हैं-

  •     एकीकृत बागवानी मिशन के लिए 150 करोड़ रूपये
  •     आयल सीड्स एवं आयल पाम खाद्य तेल नेशनल मिशन अंतर्गत 30 करोड़
  •     ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देने के लिए 25 करोड़
  •     मसाला क्षेत्र विस्तार योजना के अंतर्गत हल्दी एवं अदरक की खेती को बढ़ावा देने के निए 5 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है।

डेयरी
    अध्यक्ष महोदय, हमने गुजरात के बनासकाठा का डेयरी मॉडल देखा है जहां दुग्ध उत्पादन से किसान 25 हजार से एक लाख रुपए तक प्रतिमाह कमा रहे है। बनास डेयरी भारत ही नहीं एशिया की सबसे बड़ी डेयरी है। छत्तीसगढ़ में दुग्ध उत्पादन के जरिए किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने मुख्यमंत्री विष्णु देव साह जी के मार्गदर्शन में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के साथ समझौता किया है। इसके जरिए छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ से जुड़ी समितियों को तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा। डेयरी विकास समग्र परियोजना हेतु राशि रू. 90 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मात्स्यिकी
अध्यक्ष महोदय, आज राज्य में मत्स्य उत्पादन लगभग 8 लाख टन  प्रतिवर्ष है तथा मत्स्य बीज के उत्पाद में हमारा राज्य न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि पड़ोसी राज्यों को निर्यात भी कर रहा है।

03 नवीन हैचरी सह संवर्धन पोखर निर्माण, जिला-मानपुर-मोहला-अम्बागढ़ चौकी, बलरामपुर-रामानुजगंज एवं खैरागढ़-गंडई-छुईखदान के स्थापना हेतु राशि रू. 75 लाख का प्रावधान किया गया हैं।

मत्स्य उत्पादन में विस्तार के लिए 12 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

इस बजट में बस्तर संभाग में 200 झींगा पालन इकाई स्थापित करने हेतु भी बजटीय प्रावधान किया गया है। 

मात्स्यिकी महाविद्यालय कवर्धा परिसर में विभिन्न निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।  

इस बार हमने अपने बजट में सुअर पालन और बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए बजटीय प्रावधान में कई गुना वृद्धि की गई है।
1 लाख मत्स्य एवं पशुपालकों को केसीसी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अलावा कृषि विभाग के बजट में विभिन्न कार्यालय भवन इत्यादि हेतु बजटीय प्रावधान किए गए है-

संयुक्त संचालक, कृषि- बिलासपुर,

उप संचालक कृषि, मुंगेली, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार, जशपुर, कोरबा, सूरजपुर

अनुविभागीय कृषि अधिकारी, मुंगेली, बलौदाबाजार, पत्थलगॉव, कोरबा, कटघोरा, सक्ती

सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, बलौदाबाजार, दुर्ग, कटघोरा, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला, जगदलपुर, कोरबा एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी 

सरगुजा, उसूर, जशपुर, कुनकुरी, फरसाबहार, बगीचा सहायक संचालक उद्यान- जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही एवं सूरजपुर

भवानीसाव रामलाल साव कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, मुंगेली के परिसर में नवीन शासकीय कृषि महाविद्यालय मुंगेली की स्थापना हेतु राशि रू. 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।    

अध्यक्ष महोदय, राज्य बनने के 25 वर्ष बाद भी अंजोरा में एकमात्र पशु चिकित्सा महाविद्यालय संचालित हैै। इस वर्ष निर्माणाधीन पशु चिकित्सा महाविद्यालय, बिलासपुर हेतु 7 करोड़ 27 लाख का बजटीय प्रावधान किया गया है एवं हमारा प्रयास होगा कि यह शीघ्रातिशीघ्र इसी सत्र में प्रारंभ हो सके।

सहकारिता
माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने सहकार से समृद्धि का नारा दिया है और इस सूत्र वाक्य को मानते हुए हमने अनेक पहल किए है।

  •     पैक्स कम्प्यूटरीकरण योजना अंतर्गत प्रथम चरण में राज्य के 2,028 पैक्स का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है, इस हेतु बजट में 24 करोड़ का प्रावधान है।
  •     सहकारी समितियों को सुविधा सम्पन्न बनाने की दृष्टि से 500 गोदाम सह कार्यालय भवन के निर्माण के लिए 75 करोड़ का प्रावधान है।
  •     प्रदेश के शक्कर कारखानों के कार्यशील पूंजी हेतु 40 करोड़ का प्रावधान है।

जल संसाधन  
अध्यक्ष महोदय, राज्य में सुदृढ सिंचाई व्यवस्था, कृषि विकास, खाद्य सुरक्षा एवं समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बुनियाद है।

प्रदेश में ऐसे सैकड़ो सिंचाई परियोजनाएं हैं, जो विगत कई वर्षों से अपूर्ण हैं। इन परियोजनाओं को आगामी वर्षो में कार्ययोजना बनाकर शीघ्र पूरा करने के उद्देश्य से हमने अटल सिंचाई योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इस पूरी कार्य अवधि में लगभग 5,000 करोड़ व्यय करके 1 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई क्षमता सृजित करने का साहसी लक्ष्य रखा है।

सिंचाईं परियोजनाओं के निर्माण एवं अनुरक्षण के लिए बजट में कुल 3 हजार 800 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

वन
अध्यक्ष महोदय, भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य ने वनक्षेत्र में सर्वाधिक वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। हमारे राज्य के वन क्षेत्र न केवल पर्यावरण संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के ताना बाना के धागा भी हैं।

पिछली सरकार ने तेंदुपत्ता संग्रहण करने वाले आदिवासी भाई-बहनों के प्रति असंवेदनशीलता का परिचय देते हुये से चरणपादुका योजना बंद कर दिया था। हमारी जनहितैषी सरकार ने इस निर्णय को पलटते हुए चरण पादुका योजना को पुनः चालु किया और इस बजट में 50 करोड़ का पुनः प्रावधान भी रखा है।

  •     हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही हरा सोना के नाम से प्रसिद्ध तेंदुपत्ता के संग्रहण दर को 4000 रूपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपये प्रति मानक बोरा करने का निर्णय लिया, इसके लिए हमने 204 करोड़ का प्रावधान किया है।
  •     राजमोहिनी देवी तेंदुपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के संचालन हेतु 40 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

जनजातीय समुदायों का विकास

अध्यक्ष महोदय, आदिवासी समाज कला, संस्कृति, परंपरा में न केवल विविधता प्रदान करता है बल्कि अनुभव एवं प्राकृतिक ज्ञान का भी एक अद्भुत भंडार है। राज्य के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में सदियों से आदिवासी भाइयों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। इस बजट के द्वारा हमने अपने जनजातीय
समुदाय के विकास के लिए अनेकों बजटीय प्रावधान किया है-

  •     जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं और अधोसंरचना के विस्तार के लिए 221 करोड़
  •     धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 30 करोड़
  •      प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM-JUGA) योजना के लिए ऊर्जा विभाग को 50 करोड़
  •     पीएम-जनमन के तहत PVTGs समुदाय को सभी योजनाओं में सैचुरेट करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को 30 करोड़, ट्राइबल वेलफेयर विभाग को 12 करोड़ तथा आवास निर्माण के लिए 300 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
  •     जिला बलरामपुर एवं राजनांदगांव में 500-500 सीटर प्रयास आवासीय विद्यालय की स्थापना हेतु 21 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।

आगामी वर्ष में अंत्यावसायी निगम के बकाया ऋणों का भी समझौता के माध्यम से OTS द्वारा निराकरण किया जाएगा।

बस्तर
अध्यक्ष महोदय, मेरे पिछले बजट भाषण में मैंने आर्थिक विकास के 10 स्तंभों में एक स्तंभ ‘‘बस्तर और सरगुजा की ओर देखो‘‘ का भी जिक्र किया था।

बस्तर में पहले एजुकेशन सिटी, पोटा केबिन, प्रयास विद्यालय, छू लो आसमान, लाइवलीहुड कॉलेज, नन्हें परिंदे जैसे इन्नोवेटिव प्रोजेक्ट चलाए गए जिससे बस्तर की भावी पीढ़ी को भटक कर नक्सलवाद के चंगुल में फंसने से बचाया जाये। बस्तर  के युवा गोली, बंदूक, लैंडमाइन की बात करने के बजाए कागज, कॉपी, कलम, NEET, IIT की बात करने लगे। बस्तर नक्सलगढ़ के जगह पर शिक्षा का गढ़ बनने लगा। लेकिन दुर्भाग्य से अभी भी प्रदेश के बाहर नक्सली परसेप्शन से बाहर बस्तर को नहीं देखा जाता। इस नकारात्मक परसेप्शन को तोड़ने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।

भारत के सम्मानीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के कुशल नेतृत्व में मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। हमारे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री जी की अगुवाई में हमने नक्सलवाद पर प्रचंड प्रहार करते हुए मात्र सवा साल के छोटे अंतराल में 305 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है तथा लगभग 1000 नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराके मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया है।

नक्सलवाद से मुक्ति के साथ ही बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास का मार्ग प्रशस्त हो रहा है और अब वहां गोलियों की गूंज नहीं बल्कि स्कूलों की घंटियां और मांदर के थाप सुनाई पड़ने लगे हैं। अब बस्तर की फिजाओं में दहशत का सन्नाटा नहीं बल्कि महुआ की भीनी-भीनी खुशबू का अहसास होने लगा है। आज जहां कोंटा ब्लॉक के पूवर्ती जैसे गांव, जो माओवादी हिंसा के केंद्र बिंदु थेय वहां पर पहली बार लोगों ने पंचायत चुनाव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर लोकतंत्र पर भरोसा जताया है।

इस वर्ष बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया गया जिसमें 1 लाख 65 हजार लोगो ने हिस्सा लिया, इसमें 300 से अधिक ऐसे खिलाड़ी भी थे जो आत्मसमर्पित नक्सली थे। इस नये वित्तीय वर्ष में बस्तर ओलंपिक के लिए 5 करोड़ का प्रावधान किया है। बस्तर के जनमानस में स्वस्थ, सकारात्मक एवं सृजनात्मक भावना उत्पन्न करने के लिए जगह-जगह पर योग शिविर आयोजन कराने के लिए 2 करोड़ का बजटीय प्रावधान दिया गया है।

अध्यक्ष महोदय, बस्तर पर्व, त्यौहार, मेला, मड़ई एवं उत्सवों का सदैव केंद्र बिंदु रहा है और यह वहां की संस्कृति की पहचान है। बस्तर मड़ई एवं बस्तर में मैराथन के लिए भी 2 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

बस्तर के सांस्कृतिक वैशिष्ट्य, समृद्ध प्रकृति एवं जलवायु की विशिष्टता के कारण इको एवं फार्म टूरिज्म की संभावनाओं, जैव विविधता अवलोकन एवं टूरिज्म जोन के निर्माण के लिए भी 10 करोड़ का प्रावधान रखा है।

बस्तर मेें जैसे-जैसे नक्सलवाद का सूर्यास्त हो रहा है वहां समग्र विकास के दृष्टिकोण से नियद नेल्लानार (अर्थात मेरा सुंदर गांव) योजना के माध्यम से नक्सल प्रभावित गांवो को हितग्राही मूलक योजनाओं से सैचुरेट करने का लक्ष्य रखा गया है तथा इसके लिए 25 करोड़ का प्रावधान भी रखा है।
अध्यक्ष महोदय, इस खरीफ वर्ष में सिर्फ बस्तर क्षेत्र के लगभग ढाई लाख किसान भाइयों से 14 लाख मीट्रिक टन धान की रिकार्ड खरीदी की गयी तथा लगभग 3,228 करोड़ उनके खाते में सीधे भुगतान किया गया।

अध्यक्ष महोदय, हमारा प्रयास यह भी है कि कोंडागांव के नवनिर्मित एथेनॉल प्लांट भी इसी वित्तीय वर्ष में प्रारम्भ हो जाए जिससे कि क्षेत्र के किसानों को इसका बहुप्रतीक्षित लाभ मिलना शुरू हो जाए।

सरगुजा
पिछली सरकार में सरगुजा क्षेत्र लगातार उपेक्षाओं का शिकार रहा लेकिन माननीय विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में अब सरगुजा क्षेत्र में विकास के नए युग का प्रारंभ हो रहा है। सरगुजा अंचल के सभी जिलों के समग्र और संतुलित विकास हेतु, हमारी सरकार ने इस बजट में विभिन्न प्रावधान किये हैं।

    हमारी सरकार आने के बाद अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हेतु 118 करोड़ रूपये हमनेे जारी किये हैं, पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के रूप में इस मेडिकल कॉलेज हेतु 110 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि भी इस वर्ष जारी की जाएगी।     

सरगुजा में बांस की खेती के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जशपुर पर्यटन सर्किट जिसमें तातापानी, सेमरसोत अभ्यारण्य, पंड्रापाट, जशपुर मयाली, कुनकुरी, कैलाश गुफा, मैनपाट आदि शामिल हैं, के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।  

बलरामपुर में प्रयास आवासीय विद्यालय 20 करोड़।  

सरगुजा अंचल के दूरस्थ क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने हेतु कुनकुरी में मेडिकल कॉलेज, मनेन्द्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज भवन, मनेन्द्रगढ़ में मानसिक रोगी अस्पताल हेतु बजटीय प्रावधान किये गये है।

जशपुर और मनेन्द्रगढ़ में प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र एवं फिजियोथेरेपी केंद्र हेतु बजट प्रावधान है।

अम्बिकापुर Engineering College के भवन निर्माण का भी प्रावधान है

बैकुंठपुर, बलरामपुर और जशपुर में नर्सिंग कॉलेज।  

एडवेंचर टूरिज्म अंतर्गत मयाली जिला जशपुर में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के विकास हेतु 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरगुजा में केंद्रीय उपकरण प्रयोगशाला, उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला का भी प्रावधान है।  

    छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सरगुजा क्षेत्र में स्टेडियम के निर्माण का भी बजट प्रावधान है। 

इन प्रावधानों के माध्यम से हम सरगुजा के लोगों को बेहतर सुविधाएं, अवसर और बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सरकार का उद्देश्य है कि सरगुजा क्षेत्र प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए और यहां के निवासियों का सर्वांगीण विकास हो।

अध्यक्ष महोदय, बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्र में कम घनत्व वाले आबादी के क्षेत्र होने के कारण सार्वजनिक यातायात के साधन बस आदि पर्याप्त नहीं हो पाते हैं। अतः हमारी सरकार ने पंचायतों से ब्लॉक मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय तक सुगम यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराया जायेगा, इसके लिए ‘‘मुख्यमंत्री सुगम यातायात योजना’’ अंतर्गत 25 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है।

 इससे ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत विद्यार्थी, शिक्षक, किसान, कास्तकार, मजदूर, व्यवसायी जिन्हें अपने व्यावसायिक आवश्यक्ताओं, उत्पादों की बिक्री, उन्नत इलाज, पठन-पाठन तहसील व जिला कार्यालयों में आवश्यक सरकारी काम के लिए निरंतर नगर/जिला मुख्यालय आदि आना होता है, इस योजना से सीधे-सीधे लाभान्वित होंगे।  

इसके अतिरिक्त बस्तर एवं सरगुजा प्राधिकरण के लिए भी 50-50 करोड़ का बजट प्रावधान है।

ऊर्जा
अध्यक्ष महोदय, घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत देयकों में राहत योजनांतर्गत 1000 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।

  •     एकल बत्ती कनेक्शन का लाभ कुल 15 लाख 63 हजार से अधिक हितग्राहियों को प्राप्त हो रहा है। इस योजना हेतु लगभग 500 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
  •    ‘‘पीएम कुसुम योजना’’ के क्रियान्वयन में पूर्ववर्ती सरकार का रवैया अत्यंत उदासीन रहा जिसका खामियाजा छत्तीसगढ़ की जनता को भुगतना पड़ा। किंतु अब माननीय विष्णुदेव साय जी की सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन का निर्णय करते हुए 362 करोड़ का प्रावधान किया है। हाफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली योजना हेतु भारत सरकार की पीएम सूर्य घर योजना अंतर्गत अतिरिक्त लाभ देने हेतु बजट में 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
  •     पीएम सूर्यघर मॉडल सोलर विलेज योजना के तहत प्रत्येक जिले में एक मॉडल सोलर विलेज बनाने हेतु 33 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
  •     मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।

राजस्व
अध्यक्ष महोदय, राजस्व विभाग सीधे जनता से सरोकार रखता है एवं हमारी सरकार एक सुगम, सरल एवं पारदर्शी राजस्व प्रशासन स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

  •     राजस्व न्यायालय की कार्यवाही की ऑनलाईन स्ट्रीमिंग के लिए 5 करोड़ का प्रावधान है।
  •     राजस्व अभिलेखों को कम्प्यूटरीकृत कर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराने के लिए 15 करोड़ का प्रावधान है।
  •     यह भी निर्णय लिया गया है कि हमारे मैदानी स्तर पर पटवारी लोगो को सुगमता से अपनी सेवाएं दे सके इसके लिए उन्हें  संसाधन भत्ता दिया जाएगा। इसके लिए समुचित बजटीय प्रावधान किये गये है।

अध्यक्ष महोदय, माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में हमने अचल संपत्ति के अंतरण पर मुद्रांक शुल्क के 12 प्रतिशत के उपकर अर्थात सेस को समाप्त करने का निर्णय लिया है। संपत्ति का पंजीयन कराने वाले लोगों को इसका सीधी लाभ मिलेगा।

कानून व्यवस्था
अध्यक्ष महोदय, हमारे राज्य में कानून व्ययवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने, Responsible एवं Responsive Policing के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। आज आधुनिक युग में जिस तरह से समाज का आधुनिकीकरण हो रहा है, उसी तरह अपराध के भी नए-नए रूप देखने को मिल रहे हैं, जैसे कि Cyber Crime  और  Cyber Arrest इत्यादि।

  •     इसी वर्ष 5 नवीन साइबर थाने बलौदाबाजार-भाटापारा, धमतरी, महासमुंद, जांजगीर-चांपा तथा जशपुर में खोले जाएंगे।
  •     साइबर एवं वित्तीय अपराध के रोकथाम, विवेचना इत्यादि के लिए विशेषज्ञों के सेवा प्राप्त करने एवं साइबर फॉरेंसिक शाखाओं को फॉरेंसिक उपकरणों, सॉफ्टवेयर इत्यादि के लिए बजटीय प्रावधान है।

ड्रग्स जैसी व्यापक सामाजिक चुनौती से निपटने के लिए 10 जिलों रायपुर, महासमुंद, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर, सरगुजा, कबीरधाम, जशपुर, राजनांदगांव एवं कोरबा में एन्टी नॉरकोटिक्स टास्क फोर्स के गठन हेतु 3 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही किसी भी विशेष परिस्थिति से निपटने के लिए NSG की तर्ज पर एक आधुनिक फोर्स SOG (Special Operation Group) का गठन किया जाएगा।

    राज्य में बढ़ते औद्योगिकीकरण के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक इकाईयों के सुरक्षा की दृष्टि से केन्द्र के CISF के तर्ज पर SISF (State Industrial Security Force) के गठन का निर्णय करते हुए 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

    नक्सलवाद को समाप्त करने की लड़ाई में बस्तर फाईटर का सराहनीय योगदान रहा है और इसे देखते हुए इस वर्ष 3200 अतिरिक्त बस्तर फाईटर के पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।

6 नवगठित जिलों में अजाक थाना, कोरबा, जांजगीर एवं सूरजपुर में 3 नवीन महिला थाना तथा सुकमा जिले के 2 नक्सल प्रभावित ग्राम एलमागुंडा तथा डब्बाकोंटा में नवीन पुलिस थाना हेतु बजटीय प्रावधान किया गया है।    

पुलिस बल को मजबूत करने के लिए 1 नवीन भारत रक्षित वाहिनी का गठन किया जाएगा, इसके नवीन पदों के लिए बजट में 39 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

जनसंपर्क
अध्यक्ष महोदय, जनसंपर्क विभाग, शासन के कार्यों को जनता तक पहुंचाने का कार्य करता है। इस बजट में जनसंपर्क विभाग के लिए 550 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
इस बजट में पत्रकार साथियों के समाज में विशेष योगदान को देखते हुए उनके लिए अनेक प्रावधान किए गए हैंः-

  •     रायपुर में प्रेस क्लब भवन के रिनोवेशन एवं विस्तार हेतु 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
  •     पत्रकार साथियों के एक्सपोजर विजिट के लिये 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
  •     पत्रकार सम्मान निधि की राशि को दोगुना करते हुए 10,000 रूपये से बढ़ाकर 20,000 रूपये किया जायेगा।

अध्यक्ष महोदय, इस बार माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में राज्य में प्रवासी सम्मेलन भी कराने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए आवश्यक बजटीय प्रावधान भी किया है।

अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि शासकीय कर्मचारियों को मिलने वाला मंहगाई भत्ता बढ़ाकर 53 प्रतिशत कर दिया जाएगा एवं मार्च माह का वेतन, जो अप्रैल में देय होगा बढ़े हुए मंहगाई भत्ते के साथ दिया जाएगा।

वित्तीय अनुशासन
वर्ष 2025.26 का बजट अनुमान

अध्यक्ष महोदय, अब मैं वित्तीय वर्ष 2025.26 का बजट अनुमान सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूँ। बजट अनुमान सरकार की योजनाओं और प्राथमिकताओं का स्पष्ट प्रतिबिंब होता है। ये केवल संख्याएँ मात्र नहीं हैं, बल्कि सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है कि छत्तीसगढ़ के विकास और कल्याण के लिए कितनी दूर तक जाने को तैयार हैं।

प्राप्ति
वर्ष 2025-26 में 1 लाख 65 हजार एक सौ करोड़ की कुल प्राप्ति का अनुमान है, जो गत वर्ष की अनुमानित प्राप्तियों से 12 प्रतिशत अधिक है। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 76 हजार करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 65 हजार करोड़ एवं पूंजीगत प्राप्तियां 24 हजार एक सौ करोड़ अनुमानित हैं। राज्य की राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व 54 हजार करोड़ एवं करेत्तर राजस्व 22 हजार करोड़ अनुमानित हैं। हमारी सरकार द्वारा राजस्व संग्रहण के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग तथा प्रशासन को सरल एवं पारदर्शी बनाने के उपाय किए जा रहे हैं। इससे बिना कोई नया कर अधिरोपित किए राज्य के स्वयं के राजस्व में 11 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है।

व्यय
वर्ष 2024-25 के लिए कुल व्यय 1 लाख 65 हजार करोड़ अनुमानित है, जिसमें राजस्व व्यय 1 लाख 38 हजार 196 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 26 हजार 341 करोड़ अनुमानित है।     

वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय का प्रावधान 22 हजार 300 करोड़ था। वर्ष 2025-26 में 26 हजार 341 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है।

अध्यक्ष महोदय, किसी भी देश, राज्य या संस्था के लगातार विकास में वित्तीय अनुशासन का बहुत अधिक महत्व है, जैसा कि हमनें 2047 के विजन को सामने रखा हैय इसलिए दीर्घकालिक समयावधि में राज्य को वित्तीय अनुशासन में रखने को हम कटिबद्ध हैं। इस वित्तीय वर्ष में Consolidated Sinking Fund (CSF) में 480 करोड़ का निवेश किया गया। जिसके फलस्वरूप CSF फंड की कुल राशि 8000 करोड़ से ज्यादा हो गई है। वर्ष 2025-26 में CSF में 100 करोड़ के निवेश का प्रावधान किया गया है। साथ ही  Guarantee Redemption Fund : GRF में इस वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रूपये के निवेश का प्रावधान है।

CSF एवं GRF संबंधी निर्देशों के पालन में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है।

अध्यक्ष महोदय, जैसा कि सबको विदित है कि सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के पश्चात दी जाने वाली पेंशन का व्यय लगातार बढ़ रहा है। इसकी सुनियोजित ढंग से व्यवस्था बनाने हेतु हमने पेंशन फंड बनाने का निर्णय लिया है जो वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करेगा और भविष्य की पेंशन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपयोगी होगा।

इसके लिए एक अधिनियम भी बनाया जाएगा एवं इस फंड हेतु 456 करोड़ के निवेश का प्रावधान किया गया है। संभवतः ऐसा करने वाले हम देश के प्रथम राज्य होंगे।

अध्यक्ष महोदय, खनिज संसाधनों से परिपूर्ण होने के कारण हमारे राजस्व में खनिजों पर रायल्टी का महत्वपूर्ण योगदान है। ज्यादातर रायल्टी खनिजों के मूल्य के प्रतिशत पर आधारित होती है तथा अंतर्राष्ट्रीय कारणों से खनिजों के मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण हमारे राजस्व में भी उतार-चढ़ाव आता रहता है। इसको स्थिर करने हेतु एवं साथ ही, निवेश का लाभ लेने एवं दीर्घकालिक विकास को लक्षित करते हुए Growth and Stability Fund की स्थापना की जाएगी, जिसमें वर्ष 2025-26 में प्रारंभिक निवेश 100 करोड़ किया जाएगा। यह फंड दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास को सुनिश्चित करने का एक साधन बनेगा।

Revenue and Fiscal Deficit

राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 1 लाख 41 हजार करोड़ एवं कुल राजस्व व्यय 1 लाख 38 हजार 196 करोड़ अनुमानित हैं। अतः इस वर्ष 2025-26 में कुल 2 हजार 804 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित है।

वर्ष 2025-26 में राज्य का सकल वित्तीय घाटा 22 हजार 900 करोड़ अनुमानित है, जिसमें केन्द्र से पूंजीगत व्यय हेतु विशेष सहायता ऋण 4 हजार करोड़ शामिल है। इसे कम करने पर राज्य का शुद्ध वित्तीय घाटा 18 हजार 900 करोड़ होगा, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है। यह RBI के FRBM सीमा अंतर्गत GDP के  3% के भीतर है।  यह हमारे कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिचायक है। और साथ ही मैं सदन को यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि हम एफआरबीएम एवं वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमाओं का अक्षरशः पालन करेंगे।

    अध्यक्ष महोदय, पूरे बजट मे हम सभी का ध्यान व्यय के लिए किए गए बजट प्रावधानों पर होता है, किंतु श्री विष्णुदेव साय जी के कुशल नेतृत्व में हमने पूरा साल सरकार के आय बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया है।

    इसी का प्रतिफल है कि इस वर्ष स्टॉम्प एवं पंजीयन से आय में 19 प्रतिशत, परिवहन से आय में 17 प्रतिशत, आबकारी से आय में 21 प्रतिशत, तथा जीएसटी से आय में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। यह केवल और केवल एक ईमानदार प्रयास का नतीजा है।

कर प्रस्ताव

अध्यक्ष महोदय, केंद्र में भी माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने सभी वर्गों को राहत देते हुए आयकर में छूट की सीमा को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाकर 12 लाख कर दिया है। इससे निश्चित तौर पर जनमानस के व्यय योग्य आय एवं बचत में वृद्धि होगी। इससे अधिक से अधिक वस्तुओं एवं सेवाओं के उपभोग में वृद्धि होगी तथा अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

वर्तमान में राज्य के अंदर 50,000 रूपये से अधिक कर योग्य माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल जनरेट करने का प्रावधान है। छोटे व्यवसायियों को राहत देने तथा Ease of Doing Business की दृष्टि से ई-वे बिल जनरेट करने की मूल्य सीमा कुछ अपवादिक वस्तुओं को छोड़कर, 50 हजार रूपये से बढ़ाकर 1 लाख रूपये की जाएगी।

राज्य में बड़ी संख्या में छोटे व्यवसायियों पर कई वर्षों से पुराना VAT बकाया है। ऐसे व्यवसायियों के लिए बकाया कर माफी का निर्णय लिया गया है। 10 वर्ष से ज्यादा पुराने प्रकरणों जिसमें कि VAT,  CST तथा प्रवेश कर 25,000 से कम देय है, उनकी बकाया राशि माफ की जाएगी। इससे शासन को देय 10 करोड के लगभग की राशि माफ होगी लेकिन इससे 62 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण संभव हो सकेगा तथा 40,000 से अधिक व्यवसायियों को इसका लाभ मिलेगा। राशि की माफी से अधिक महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं से मुक्ति है। कम्प्लायंस बर्डन और ईज ऑफ डूईंग बिजनेस EoDB की दृष्टि से यह छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा उठाया गया ऐतिहासिक कदम है।

इन निर्णयों का उद्देश्य यह है कि छोटे व्यापारियों को राहत देकर उनके व्यवसाय को बढ़ाने का अवसर प्रदान करना है तथा साथ ही प्रदेश में कर अनुपालन का एक सकारात्मक वातावरण निर्मित करना है।

अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में बल्क डीजल क्रय पर VAT को घटाकर 17 प्रतिशत कर दिया था ताकि हमारे स्थानीय उद्योगों को इसका लाभ मिले एवं अन्य राज्यों की कम दर से छत्तीसगढ़ को राजस्व नुकसान न हो। रजत जयंती वर्ष में माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की ओर से आगामी वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2025 से पेट्रोल पर वैट कटौती करते हुए पेट्रोल की कीमत 1 रूपये कम करने का निर्णय लिया है।

अध्यक्ष महोदय, यह बजट एक Incremental Budget नहीं है। दस प्रतिशत् बढ़ाकर, अनुमानों को आंकड़ों में सजा कर प्रस्तुत कर देने का नाम बजट नहीं है।
यह बजट छत्तीसगढ़ की ग्रोथ स्टोरी के प्रति हमारी ASTHA । का प्रतीक है। ASTHA अर्थात:-

A-   Aspirational
S-   Strategic
T-   Transformational
H-   Honest
A-   Action

हमारा बजट Aspirational है, Strategic है, Transformational है और हमारे Honest Action की रूपरेखा है।

बजट का फोकस केवल यह नहीं था कि कैसे पैसों को विभागों के बीच एक ट्रेंड को देखते हुए बांट दिया जाए बल्कि हमारा प्रयास यह रहा कि अर्थव्यवस्था के किस क्षेत्र में ग्रोथ की सर्वाधिक संभावना है और कैसे अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इन संभावनाओं को बल दिया जाए।

अध्यक्ष महोदय, अगर GYAN को आगे बढ़ाना है तो GATI को अपनाना ही होगा।

अंधकार कितना भी घना हो उजाले की उम्मीद पर ही मानव जाति की सार्थकता है। यह बजट बेहतर कल के लिए प्रयास है, भावी विकास की एक कोशिश है, विकास के बसंत के लिए एक प्रयास है।

‘‘अंधेरो से आँख मिलाने
चला आया है जुगनुओं का कारवां
हम ढूंढ ही लेंगे अपने हिस्से की रोशनी
मशालें जलेंगी भी
राहें दिखेंगी भी
कुशासन की आंच से ठूंठ नहीं होगा
किसी का भी भविष्य
जड़ें सोख ही लेंगी अपने हिस्से का पानी
विकास का बसंत आएगा
पूरे शबाब पर आएगा
कोपलें फिर से फूटेंगी
कोयलें फिर से कूकेंगी‘‘

    

अध्यक्ष महोदय, इन्ही शब्दों के साथ मैं वर्ष 2025-26 का वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अनुदान की मांगे सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूं।
जय भारत ! जय छत्तीसगढ़ !

The News India 24

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