छत्तीसगढ़ में 75 हजार मीट्रिक टन धान खराब…न इंसान के खाने लायक, न पशु के, पिछली सरकार ने नहीं किए थे कोई इंतजाम:मंत्री जायसवाल
रायपुर। आगामी विपणन वर्ष 2024-25 में धान उपार्जन की प्रारंभिक तैयारी के संबंध में मंत्रालय महानदी भवन में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा शामिल हुए. मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 75 हजार मीट्रिक टन धान खराब हुआ है. इसे न इंसान खा सकता है और न ही पशु. उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने धान को खराब होने से बचाने के लिए कोई रास्ता नहीं निकाला और इतनी बड़ी मात्रा में धान खराब हो गया. उन्होंने बताया कि खराब धान को मछली पालन करने वालों या फिर शराब बनाने वालों को को बेचा जाएगा.
उन्होंने बताया कि दो लाख क्विंटल धान अभी साबुत बचा हुआ है. FCI के माध्यम से चावल खरीदने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा. किसान पंजीयन के लिए 1 जुलाई से 31 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया. इसके अलावा बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान उपार्जन की आरंभिक तैयारी की समीक्षा की गई. मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में धान उपार्जन के लिए बारदाने की व्यवस्था और किसान पंजीयन खरीदी केंद्रों की व्यवस्था के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया.
बैठक में खाद्य विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस., कृषि विभाग की सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, सचिव राजस्व अविनाश चंपावत, सचिव सहकारिता सी.आर.प्रसन्ना, विशेष सचिव खाद्य के.डी.कुंजाम, प्रबंध संचालक मार्कफेड रमेश शर्मा, खाद्य विभाग के संचालक जितेंद्र शुक्ला सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.