घटना की होगी पूरी जांच, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा-विजय शर्मा
बलौदाबाजार। बलौदाबाजार जिले में 10 जून को उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया और 100 से ज्यादा दोपहिया और 30 चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ कर उन्हें आग के हवाले कर दिया. आसपास रहने वाले लोगों के साथ ही कलेक्टर ऑफिस में काम करने वाले लोगों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा. इस हिंसक प्रदर्शन में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. शहर में बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने 16 जून तक धारा 144 लागू कर दी है. इन सबके बीच रात 1 बजे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा, राजस्व मंत्री टंकराराम वर्मा, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल समेत जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर पूरे घटनाक्रम का अवलोकन किया और जानकारी ली. इस दौरान तीनों मंत्रियों ने घटना की निंदा की. वहीं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि घटना की पूरी जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
दोषियों को बक्शा नहीं जायेगा, होगी कठोर कार्रवाई – गृहमंत्री विजय शर्मा
घटना को लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सतनामी समाज के लोग सत्य अहिंसा पर विश्वास करते हैं और हमने उनकी मांग पर न्यायिक जांच करने का आदेश कर दिया था और समाज के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि मान गये थे. समाज के लोगों ने कार्यक्रम का आयोजन कर मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने की बात कही थी और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की बात कही थी. पर यह घटना घटी है बहुत ही निंदनीय है और इस तरह के कार्य में आसामाजिक तत्वों का हाथ है. जिन्होंने भीड़ को उकसाया और पूरे कलेक्टर परिसर में आग लगाकर तांडव मचाया. निश्चित ही इसकी पूरी जांच होगी, दोषियों को नहीं बक्शा जायेगा. कठोर कार्रवाई होगी.
घटना पर सवाल यह उठता है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बीच ये कौन से असामाजिक तत्व इस समाज के बीच आ गये जिन्होंने ऐसा उपद्रव मचाया कि एक सत्य और अहिंसा के पूजारी की पूरी छवि ही धुमिल कर दिया. क्या ऐसे लोगों पर समाज के लोग जांच करने आयेंगे ? क्या इन्हें कठोर सजा दिलायेंगे ? यह तो आनेवाला समय बतायेगा.
उपद्रवियों ने पत्रकारों को धमका और छीना मेमोरी कार्ड
घटना को लेकर लोगों का कहना है कि जब कलेक्टर और एसपी कार्यालय सुरक्षित नहीं है तो आम जनमानस का क्या होगा. उपद्रवियों ने मुख्य मार्ग पर भी शासकीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है. डिवाइडर पर लगे लोहे की रेलिंग तोड़ दिए, सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए, पत्रकारों को डराया धमकाया गया और कैमरे का मेमोरी कार्ड छीन लिया गया. आखिर इनका उद्देश्य क्या था. यह एक बहुत बड़ा सवाल है.