तीसरी बार मोदी को प्रधानमंत्री बनाओ, दो साल में नक्सलवाद को मूल समेत उखाड़ फेकेंगे-अमित शाह
कटघोरा (कोरबा)। मोदी जी ने झारखंड, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश उससे नक्सलवाद को पांच साल में समाप्त किया है. लेकिन छत्तीसगढ छूट गया था, क्योंकि यहां भूपेश कका की सरकार थी. मगर मैं कहता हूं कि मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाओ, दो साल में नक्सलवाद को मूल समेत उखाड़ कर फेंक देंगे. यह बात कटघोरा (कोरबा) में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कही.
कोरबा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय के पक्ष में प्रचार करने कटघोरा पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भूपेश कका की सरकार नक्सलवाद को बढावा देती रही. विष्णु देव की सरकार बनी, चार महीने में 95 लोगों को ढेर करने का काम कर दिया. 300 लोग अरेस्ट हुए. कई सरेंडर हुए.
अमित शाह ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने पराक्रम दिखाते हुए 29 नक्सलवादी मारे गए. कल भी 10 मारे गए, लेकिन भूपेश कका निर्लज्जता से फेक एनकाउंटर कहते हैं. भूपेश कका नक्सलियों ने भी स्वीकार कर लिया है कि हमारा बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन कांग्रेस वालों को शर्म नहीं आती है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने मौजूद जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने (चुनाव) जीतने के लिए सालों से इस देश में आतंकवाद और नक्सलवाद का पोषण किया. अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. यहां आपने कमल फूल की सरकार बनाई है, ऊपर मोदी जी की कमल फूल की सरकार बनने वाली है. नक्सलवाद को जाना ही जाना है.
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 70 साल से राम जन्मभूमि के मसले को अटका रही थी, लटका कर रही थी, भटका रही थी. छत्तीसगढ़ वालों ने 11 में से नौ सीटें देकर मोदी जी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया. पांच ही साल में केस भी जीता, भूमिपूजन भी गया और 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा कर जय श्री राम भी कर दिया. 500 साल के बाद हम ऐसे भाग्यवान लोग हैं, जिनके जीवन में यह दिन आया कि हमने रामलला के कपाल पर सूर्य तिलक को देखा,
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को राम जन्मभूमि में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया, सोनिया को भी भेजा, राहुल बाबा को भी भेजा, खरगे साहब को भी भेजा. लेकिन मैं आश्चर्यचकित हो गया. क्या कोई रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकरा सकता है? दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने माइनॉरिटी के डर से उनकी वोट बैंक के डर से उन्होंने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकराया है.