देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम: बागबाहरा के 16 शालाओं में लर्निंग नेविगेटर-इंडिया लर्निंग कार्यक्रम
रायपुर 09 अक्टूबर 2019/ लर्निंग नेविगेटर-इंडिया लर्निंग कार्यक्रम वर्तमान में पायलट परियोजना के रूप में महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के बीकेबाहरा संकुल की सोलह शालाओं में 47 प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। विभिन्न जिलों से टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाले इच्छुक शिक्षकों से प्रस्ताव लेकर प्रशिक्षित कर उनकी कक्षाओं में इस कार्यक्रम का विस्तार किया गया है। वर्तमान में प्राथमिक स्तर पर गणित के लिए भी यह कार्यक्रम तैयार किया गया है।
देश में यह अपने प्रकार का पहला कार्यक्रम है, जिसमें मोबाइल के माध्यम से प्रत्येक बच्चे के सीखने सही रास्ता और गति का निर्धारण उसकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। बच्चों को अपने प्रति और रास्ते का चुनाव कर विभिन्न आवश्यक दक्षताओं को प्राप्त करने में आवश्यक सहयोग एवं टेक्नोलॉजी के सहयोग से ट्रेकिंग की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है।
जिस प्रकार राज्य स्तरीय आंकलन के परिणामों के आधार पर बच्चे को उसकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप इनपुट्स उपलब्ध करवाते हुए आगे बढ़ाने की परिकल्पना की है। उसे सार्थक करने की दिशा में लर्निंग नेविगेटर बेहतर तरीकों से समर्थन कर सकता है। वर्तमान में कार्यक्रम के अंतर्गत प्राथमिक गणित पर कार्य कर फ्रेमवर्क तैयार कर चयनित शिक्षकों का उन्मुखीकरण कर उनके माध्यम से कक्षाआंे में उपयोग के लिए सुलभ करवाया गया है। धीरे-धीरे भाषा-हिन्दी, अंग्रेजी और अन्य विषयों में भी सामग्री तैयार कर उपलब्ध करवाई जाएगी। यह सामग्री राज्य के शिक्षक ही तैयार कर रहे हैं।
लर्निंग नेविगेटर के माध्यम से मोबाइल में जिन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं, उनमें किसी भी उपलब्ध विषय के पाठ्यक्रम का एक साथ क्रमवार अवलोकन, प्रत्येक कक्षा के अंतर्गत आने वाली दक्षताओं की उनके डोमेन अनुसार सूची, प्रत्येक दक्षता की सूक्ष्म दक्षताओं का विवरण, प्रत्येक दक्षता से टैग्ड सीख संसाधन और मूल्यांकन, प्रत्येक दक्षता के अंतर्गत किए गए मूल्यांकन को प्लेटफार्म पर दर्ज करने की व्यवस्था, प्रत्येक बच्चे की प्रत्येक दक्षता की सापेक्ष सटीक स्थिति का विवरण, बच्चों को समूह में अथवा व्यक्तिगत रूप से उनकी स्थिति के अनुरूप गतिविधि निर्धारित करना, संसाधनों के विविध प्रकार और मूल्यांकन के विविध प्रश्न प्रारूप, कक्षावार- छात्रवार-दक्षतावार-अवधिवार प्रगति के विश्लेषण, शाला और संकुल स्तरीय योजना के लिए समुचित तथ्य और सामग्री, जिले और राज्य स्तर पर योजना के लिए आवश्यक तथ्यात्मक जानकारी, संसाधन और मूल्याकंन के सबसे पसंदीदा और उपयोगी प्रारूपों के आंकड़े शामिल हैं।
कार्यक्रम के विस्तार के लिए प्रस्तावित योजना में भाषा में फ्रेमवर्क और सामग्री निर्माण के लिए भाषा विशेषज्ञों की एक कार्यशाला आयोजित कर सीखने के लिए उचित बेहतर रणनीति का निर्धारण किया जा सकेगा। विभिन्न विषयों के लिए सामग्री निर्माण हेतु स्थानीय स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। महासमुुंद जिले से अन्य जिलों में कार्यक्रम के विस्तार के लिए राज्य के पांच डिविजन स्तर पर प्रत्येक से 20-20 कुशल स्त्रोत व्यक्तियों को तैयार किया जाएगा। इनकेे द्वारा विकासखंड स्तर पर सभी संकुल समन्वयकों को कार्यक्रम के संबंध में उन्मुखीकृत किया जाएगा। संकुल समन्वयक कार्यक्रम के संबंध में सभी प्राथमिक शालाओं का उन्मुखीकरण करेंगे और यह कार्यक्रम हैंड ऑन एक्सपीरिएन्स पर आधारित होंगे। कार्यक्रम क्रियान्वयन के दौरान शिक्षकों को आवश्यक तकनीकी समर्थन देने पर्याप्त संख्या में तकनीकी विशेषज्ञ उपलब्ध करवायी जाएंगी। विभिन्न स्तरों पर कक्षा से लेकर राज्य स्तर तक एक डैश बोर्ड उपलब्ध करवाया जाएगा, जिसमें प्रत्येक स्तर पर प्रगति की जानकारी होगी। कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न शिक्षण विधियों जिसे कक्षा में बरसों से इस्तेमाल करना चाह रहे थे, उसे टेक्नोलॉजी के सहयोग से कर सकेंगे। वैयक्तिक विधि से सीखने के लिए अनुकूल गतिविधियां अपनी गति या सुविधा के अनुसार सीखने की सहूलियत प्रत्येक दक्षता में बच्चों की स्थिति की सटीक जानकारी सुधार के लिए सही समय पर उचित फीडबैक अगला पड़ाव एवं अगले गन्तव्य की जानकारी शीघ्र ही गूगल मैप के माध्यम से जिस प्रकार से रास्ते का चुनाव कर सकते हैं और कितने समय में किस मार्ग से पहंुचेंगे, रास्ते में क्या-क्या पड़ाव आएंगे। ऐसी सभी जानकारी लर्निंग नेविगेटर के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी।