अष्टांगिक मार्ग ही बुध्द का धम्म है ——पूज्य भदन्त संघधातु जी……….भारतीय बौध्द महासभा जिला शाखा रायपुर के तत्वधान में धम्मदेशना का कार्यक्रम सपन्न हुआ।
आज दिनांक 07/10/2019 भारतीय बौध्द महासभा जिला शाखा रायपुर के तत्वधान में पंचशील बौध्द विहार W,R,S, कालोनी में वर्षावास के पावन अवसर पर रायपुर शहर में दुसरी बार धम्मदेशना कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें (धर्म गुरू ) पूज्य भदन्त संघधातु जी ने अपने प्रवचन में बताया अष्टांगिक मार्ग सर्वश्रेष्ट इसलिए है कि यह दर दृष्टि से जीवन को शांन्तिपूर्ण और आनंदमय बनाता है, बुध्द ने इस दु:ख निरोध प्रतिपद अष्टांगिक मार्ग को “मध्यमा प्रतिपद” या मध्यम मार्ग की संज्ञा दी है, अर्थात जीवन में संतुलन ही मध्यम मार्ग पर चलना है।
इस कार्यक्रम में पहले जय भीम लोककला समिती द्वारा भीम गीत और तथागत गौतम बुध्द पे आधारित गीतों की प्रस्तुति दी इस पश्चात कार्यक्रम को सामुहिक वदंना करने के बाद समाज के प्रबुध्दजनों द्वारा पूज्य भदन्त संघधातु जी को पुष्प गुछ भेट कर सम्मान किया गया है,पूज्य भदन्त संघधातु जी का संक्षिप्त में परिचय आयु,बी,बी, बौध्द जी ने दिया कार्यक्रम का संचालन आयुश्मति करूणा वासनिक ने किया, कार्यक्रम का समापन जिला अध्यक्ष आयु, प्रकाश रामटेके जी ने उपस्थित समाज के सभी उपसक उपासिकाओं का आभार व्यक्त किया,इस अवसर पर मुख्य रूप से आयु, नीलकंठ सिंगाड़े, सी,डी,खोब्रागड़े, सी,एल,माहेश्वरी, विजय गजघाटे, जी,एस,मेश्राम, राहुल रामटेके, रतन डोंगरे, अनिल ढोके,रेखा रामटेके (पूर्व पार्षद ) मोतीमाला कोल्हेकर, नलिनी बौध्द, सुरेन्द्र गोंडाने, मरकन्द घोड़ेस्वार,विसरांती घोड़ेस्वार, विजय चौहान, खुशाल टेम्भेंकर, हितेश गायकवाड़, दिलीप टेम्भुर्णे, निर्देश डोंगरे, मनोहर घोड़ीचोर, जी,एस,बावनगड़े, कमलेश रामटेके, संजय गजभिये,और समाज के सभी प्रबुध्द जन उपस्थित थे।