मोदी जी छत्तीसगढ़ के किसानों के लिये इतनी दुर्भावना क्यों -कांग्रेस

मोदी जी छत्तीसगढ़ के किसानों के लिये इतनी दुर्भावना क्यों -कांग्रेस

रायपुर/13 सितंबर 2023। प्रधानमंत्री मोदी के रायगढ़ आगमन पर कांग्रेस ने उनसे पूछा कि छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति वे इतनी दुर्भावना क्यों रखते हैं? उनकी सरकार लगातार छत्तीसगढ़ के किसानों के खिलाफ निर्णय क्यों लेती है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके छत्तीसगढ़ प्रवास पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने पूछा कि
छत्तीसगढ़ से चावल लेने का कोटा क्यों घटाया?
मोदी जी छत्तीसगढ़ के किसानों से इतनी दुर्भावना क्यों रखते हैं? केंद्र सरकार ने राज्य से 86.50 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने के लिये अनुबंध किया था, अचानक उसे घटाकर 61 लाख मीट्रिक टन किस कारण से किया जबकि केंद्र के पास अपनी वेलफेयर स्कीम में बांटने के लिये चावल का स्टॉक नहीं है। कर्नाटक ने ‘‘अन्ना भाग्य योजना’’ हेतु केंद्र से 35 लाख टन चावल मांगा तो केंद्र ने स्टॉक नहीं होने के कारण देने से मना कर दिया।
छत्तीसगढ़ को बारदाना क्यों नहीं दे रहे?
छत्तीसगढ़ सरकार इस वर्ष 125 लाख मीट्रिक टन धान किसानों से खरीदेगी। इस वर्ष से राज्य सरकार प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदेगी। इस वर्ष राज्य सरकार को अधिक बारदानों की आवश्यकता पड़ेगी। राज्य ने 3.56 लाख गठान बारदाना खरीदने के लिये केंद्रीय जूट कमिश्नर को मांग पत्र भेजा है, केंद्र ने उसमें कटौती कर मात्र 2.45 लाख देने की मंजूरी क्यों दिया?
छत्तीसगढ़ में बायोमेट्रिक सिस्टम क्यों अनिवार्य किया गया?
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में बायोमेट्रिक सिस्टम अनिवार्य क्यों किया गया है? छत्तीसगढ़ में 48 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र राज्य के अनेको हिस्सों में इंटरनेट कनेक्टीविटी नहीं है ऐसे में बायोमेट्रिक सिस्टम से धान खरीदी में अनावश्यक बाधा उत्पन्न होगी। छत्तीसगढ़ में वर्षों से सुचारू रूप से पंजीकृत किसानों से धान खरीदी होती है। बायोमेट्रिक सिस्टम से राज्य के किसान अनावश्यक परेशान होंगे।
चावल निर्यात पर टैक्स एवं प्रतिबंध क्यों लगाया?
किसान विरोधी मोदी सरकार ने पहले कनकी का निर्यात रोका, चावल निर्यात पर 10 प्रतिशत सेंट्रल एक्साइज लगाए फिर 20 जुलाई 2023 से गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी गई जिससे देशभर के किसान खुले बाजार में धान की कीमत गिरकर 1000 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल पर बेचने मजबूर हुए।

रमन के नान घोटाले की जांच ईडी क्यों नहीं करती?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री और इन्फोर्समेंट डायरेक्टर को पत्र लिखकर नान और चिटफंड घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया था। ईडी, आईटी नान घोटाले, चिटफंड घोटाले, पनामा पेपर के अभिषाक सिंह की जांच क्यों नहीं करती है? नान गरीबों के राशन में 36,000 करोड़ का डाका डाला गया है, जब इतनी बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है, नान डायरी में सीएम सर, सीएम मैडम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम जैसे दर्जनों नामों का उल्लेख है जिनका मोटी-मोटी रकम देने का भी उल्लेख है। ऐसे में इस अवैध लेनदेन की जांच ईडी क्यों नहीं करती है?
भाजपा के चिटफंड घोटालों की जांच क्यों नहीं करवाते?

रमन सिंह के शासनकाल के 15 साल में चिटफंड कंपनियों ने सरकार के संरक्षण में जनता को लूटने का बड़ा षड़यंत्र बनाया था। फर्जी चिटफंड कंपनियों के कार्यालयों का उद्घाटन स्वयं रमन सिंह, उनकी पत्नी और सांसद पुत्र ने किया था। रमन मंत्रिमंडल के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों ने चिटफंड कंपनियों के दफ्तरों का उद्घाटन किया था। सरकारी रोजगार मेले में चिटफंड कंपनियों के स्टॉल लगे थे जिनके माध्यम से एजेंटों की भर्तियां हुई थी। इन चिटफंड कंपनियों ने राज्य की जनता से 6,000 करोड़ से अधिक रू. की उगाही किया था। राज्य की पुलिस चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध जांच कर रही कुछ कंपनियों की संपत्तियां कुर्क कर लोगों के पैसे भी वापस करवाया जा रहा। यदि 6,000 करोड़ रू. का अवैध लेनदेन हजारों लोगों के साथ हुआ है तो इस मामले की ईडी से जांच क्यों नहीं हो रही है?

प्रधानमंत्री जी रमन राज के शराब घोटालों की जांच कब करवायेंगे?
पनामा पेपर वाले अभिषाक सिंह की जांच क्यों नहीं करवाती केंद्र सरकार?
छत्तीसगढ़ में 15 साल में गौमाता के नाम पर भाजपा नेताओं ने 1677 करोड़ का घपला किया प्रधानमंत्री इस पर कुछ तो करें?
इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक के गुनहगार भाजपा नेताओं पर भाजपा कब कार्यवाही करेगी?

मोदी जी मणिपुर कब जायेंगे?

प्रधानमंत्री जी आप 2 महिने में दो बार छत्तीसगढ़ आये आप मणिपुर जाने के लिये समय कब निकालेंगे? मणिपुर जल रहा है वहां के लोग शांति के बहाली के लिये परेशान है। वहां के आदिवासी भाई-बहन आपका इंतजार कर रहे हैं।

The News India 24

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