कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधियां बाधित करने ईडी की कार्यवाही

कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधियां बाधित करने ईडी की कार्यवाही

पत्रकार वार्ता 23.08.2023

विनोद वर्मा, बूथ मैनेजमेंट, चुनावी प्रशिक्षण देखते है इसलिये वे टार्गेट किये गये

मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर पाटन विधानसभा के कार्यक्रमों को बाधित करने ओएसडी के यहां छापे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन के दिन ईडी की कार्यवाही आपत्तिजनक है। यह भारतीय जनता पार्टी की राजनैतिक हताशा का परिणाम बताया है। मुख्यमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर पूरे प्रदेश में हर्ष और उत्साह का वातावरण है। मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में भी हजारों की संख्या में नागरिक कांग्रेसजन मुख्यमंत्री को शुभकामनायें देने एकत्रित होते है। पूरे प्रदेश में अनेकों स्थानों पर नागरिकों, कांग्रेसजनों और समर्थकों ने अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया है। मुख्यमंत्री के जन्मदिन के अवार पर प्रदेश भर में हो रहे कार्यक्रमों से उनकी लोकप्रियता का पता चलता है। इस लोकप्रियता को भारतीय जनता पार्टी को भी ज्ञान है उसे पता है कि चुनाव के अवसर पर भूपेश बघेल के जन्मोत्सव पर होने वाले आयोजनों से प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में और सकारात्मक माहौल बनेगा। इसी से घबराकर भाजपा की केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने के उद्देश्य से ईडी की छापेमारी करवाया है।
प्रदेश में चुनाव लगभग शुरू हो गये है राजनैतिक दलों ने अपनी चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है। विनोद वर्मा कांग्रेस के राजनैतिक प्रशिक्षणों के साथ बूथ कमेटियों का भी काम देखते है। उसको डिस्टर्ब करने उनके यहां छापा करवाया गया। साथ ही आशीष वर्मा, मनीष बंछोर दोनों ही मुख्यमंत्री के ओएसडी है। दोनों का मूल कार्य मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र पाटन में राजनैतिक गतिविधियों को संचालित करना है। विजय भाटिया मुख्यमंत्री के पारिवारिक मित्र है। पाटन में भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। अब पाटन में कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधियों को बाधित करने के उद्देश्य से दोनों के यहां ईडी पहुंची है।
बड़ा सवाल
 जब-जब प्रदेश में राजनैतिक गतिविधियां तेज होती है या कोई राजनैतिक हलचल होती है तभी ईडी की कार्यवाही क्यों होती है?
कांग्रेस के 85वां अधिवेशन के समय कांग्रेस नेताओं के यहां ईडी की कार्यवाही की गयी, ताकि अधिवेशन को बाधित किया जाये।
यूपी, आसाम, हिमाचल और कर्नाटक चुनाव के समय भी ईडी की छापेमारी की गयी।
 जब-जब अमित शाह छत्तीसगढ़ आये उसके पहले तीनों बार ही ईडी की कार्यवाही हुई कोरबा, जगदलपुर, रायपुर तीनों जगह ही शाह के दौरे के पहले ईडी का आना मात्र संयोग है या साजिश?
 आज मुख्यमंत्री के जन्मदिन के दिन ईडी उनके राजनैतिक सलाहकार, ओएसडी के यहां पहुंची है।
ईडी की छापेमारी और उसकी कार्यवाहियों की टाईमिंग बता रही कि वह भाजपा के राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। वह अपनी गतिविधियों से प्रदेश में एक सनसनी और सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का झूठा माहौल बनाने साजिश कर रही है। किसी के यहां छापेमारी करती है उसके दो महिने बाद उसकी संपत्ति अटैचमेंट करती है उसके दो माह बाद गिरफ्तारी करती है उसके एक माह बाद चार्जशीट दाखिल करती है कुल मिलाकर इनका उद्देश्य सिर्फ खबरे और सुर्खियां बनाना है ताकि मुद्दाविहीन भाजपा की मदद की जाये, लेकिन भाजपा का नेतृत्व मुगालते में है ईडी जितनी भी साजिशें करेगी भाजपा उतनी गर्त में जायेगी। प्रदेश का हर नागरिक जान रहा है यह जनता के हितैषी लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को परेशान करने की साजिशें है। जनता जवाब 2023 के चुनाव में देगी, जब भाजपा दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंचेगी।
भाजपा अपने सत्ता बल का दुरुपयोग कर केंद्रीय जांच एजेंसियों को भाजपा का मोर्चा, संगठन, बना दिया है। इसीलिये भाजपा की प्रमुख अनुषांगिक संगठन ईडी मोर्चा, आईटी मोर्चा ने अपना चुनावी काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधियां रोकने भाजपा ईडी के साथ साजिश कर रही है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता का राजनैतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पा रही है तो वह केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुरूपयोग कर कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने का षड़यंत्र रच रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को इन्फोर्समेंट डायरेक्टर को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के नान घोटाला जिसमें गरीबों के राशन में 36,000 करोड़ का घोटाला हुआ, 6000 करोड़ के चिटफंड घोटाला की जांच के लिये अनुरोध किया। केंद्र सरकार नान और चिटफंड घोटाला की जांच ईडी से करवाने का साहस क्यों नहीं दिखा रही? क्यों इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का नाम है इसलिये भाजपा नान और चिटफंड घोटाले की जांच में घबरा रही है। जब काल्पनिक और कूटरचित मुद्दों के आधार पर ईडी कार्यवाही कर सकती है तब ठोस साक्ष्यों के आधार पर ईडी की जांच क्यों रोका जा रहा है?

The News India 24

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