छत्तीसगढ़ की ओर से ‘ऊर्जा की उपलब्धता एवं जलवायु परिवर्तन‘ विषय पर आयोजित सम्मेलन में क्रेडा के सी.ई.ओ. श्री आलोक कटियार हुए शामिल

छत्तीसगढ़ की ओर से ‘ऊर्जा की उपलब्धता एवं जलवायु परिवर्तन‘ विषय पर आयोजित सम्मेलन में क्रेडा के सी.ई.ओ. श्री आलोक कटियार हुए शामिल
न्यूयार्क अधिवेशन में प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार की 
प्राथमिकताओं को प्रमुखता के साथ रखा 
रायपुर, 29 सितम्बर 2019/ न्यूयार्क के येल क्लब में ऊर्जा की उपलब्धता एवं जलवायु परिवर्तन के विषय पर आयोजित अधिवेशन में क्रेडा के सी.ई.ओ. श्री आलोक कटियार शामिल हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शासन की प्राथमिकताओं के संबंध में निवेशकों और विशेषज्ञों को विस्तार से जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्यसभा एवं जलवायु परिवर्तन विषय पर अधिवेशन चल रहा है। इस अवसर पर क्रेडा के सी.ई.ओ. ने छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से अक्षय ऊर्जा तथा नवीकरणीय ऊर्जा की जलवायु परिवर्तन में भूमिका और छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों को जानकारी दी।
श्री कटियार ने बताया कि इन विषयों पर छत्तीसगढ़ राज्य अंडर-2 गठबंधन का भाग है एवं इसके गठन का प्रारम्भिक एवं महत्वपूर्ण हस्ताक्षरकर्ता है। इस गठबंधन में अभी तक विश्व के विभिन्न देशों के लगभग 180 राज्यों ने हस्ताक्षर किए है। भारत की ओर से 2 राज्यों ने हस्ताक्षर किए है जिनमें से छत्तीसगढ़ और दूसरा तेलंगाना राज्य शामिल है। अंडर-2 गठबंधन के तहत ग्रीनहाऊस  गैसों का उत्सर्जन वार्षिक 2 मेट्रिक टन प्रति व्यक्ति से नीचे वर्ष 2050 तक लाने का लक्ष्य है।
अधिवेशन में क्रेडा के सी.ई.ओ. द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य में कुल बिजली उत्पादन लगभग 14 हजार 700 मेगावाट में लगभग 12.27 प्रतिशत बिजली का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा होता है, जिसमें सोलर के द्वारा लगभग 484 मेगावाट एवं बायोमास के द्वारा 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। पिछले दो वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में 5 गुना की वृद्धि हुई है, जबकी थर्मल बिजली उत्पादन इस दौरान लगभग स्थिर रहा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की ओर से श्री आलोक कटियार, सी.ई.ओ. क्रेडा ने अन्र्तराष्ट्रीय निवेशकों एवं तकनीकी विशेषज्ञों को छत्तीसगढ़ राज्य आने का आमंत्रण दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के  संसाधनों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में भूमि, जल, श्रम, संसाधन  काफी कम दरों में बहुतायत में उपलब्ध है। इसके साथ ही निर्माण लागत भी राष्ट्रीय औसत से कम है। छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के स्टोरेज के क्षेत्र में जैसे कि सरप्लस बिजली को बैटरी में स्टोर करने की दिशा में अपार संभावनाएं है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन एवं उनके चार्जिंग स्टेशन के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ राज्य में निवेश किया जा सकता है, क्यांेकि वाहन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राज्य एक बढ़ता हुआ बाजार है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा से आपरेटेड मेटरनिटी किट एवं फ्रिज के लिए निवेश किया जा सकता है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिलाओं एवं बच्चों को विशेष लाभ मिलेगा, इसके लिए अन्र्तराष्ट्रीय ग्रांट भी मिल सकता है। कृषि के क्षेत्र में कृषि एवं उद्यानिकी के उत्पादों का लगभग 40 प्रतिशत पोस्ट हार्वेस्ट क्षति हो जाती है इसके लिए सोलर ऊर्जा पर आधारित कोल्ड चैन बनाने की आवश्यकता है जिसमें मोबाईल सोलर कोल्ड स्टोरेज की भूमिका अहम होगी। इस बारे में निवेशकों को विस्तार से जानकारी दी गयी। ग्रामीण क्षेत्रों में ईधन की खपत जो कि वन एवं कृषि उत्पादों पर निर्भर है कम करने के लिए कम बिजली खपत वाले एवं सोलर ऊर्जा से चलने वाले इंडक्सन चूल्हा एवं बर्तनों को ग्रामीण क्षेत्रों में दिया जा सकता है। इस बारे में पर्याप्त अनुसंधान कर निवेश किए जाने की सम्भावना पर बल दिया गया।

The News India 24

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