तिलई गौठान ने खोला महिलाओं की तरक्की का रास्ता

तिलई गौठान ने खोला महिलाओं की तरक्की का रास्ता
  • आजीविका गतिविधियों के संचालन से महिलाएं बढ़ीं सफलता की ओर
रायपुर, 04 जुलाई 2023/ गौठानों ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए तरक्की के कई रास्ते खोल दिए हैं। इन रास्तों पर चलते हुए महिलाएं तेजी से आगे बढ़ कर अपना नाम रोशन करने लगी हैं। जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा विकासखंड के तिलई गौठान से जुड़कर कई महिला समूह आजीविका गतिविधियां संचालित कर रही हैं। महिलाएं अब आत्म निर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं, यह अन्य महिला समूहों के लिए मिशाल है। इससे इनका गांव में मान सम्मान भी बढ़ गया है। साथ ही महिलाओं के साथ उनके परिवार भी आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।


तिलई गौठान में आरती समूह द्वारा वर्मी कंपोस्ट, बतख पालन, जय मां लक्ष्मी समूह द्वारा मुर्गी पालन, मछली पालन, जय अन्नधारी समूह द्वारा सब्जी उत्पादन किया जा रहा है। ये महिलाएं अब दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं। इन महिलाओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना बेहद लाभकारी साबित हो रही है। यह महिलाओं के लिए आर्थिक उन्नति का माध्यम बन रही हैं। गौठान में आजीविका गतिविधि के संचालन होने से अब महिलाओं को गांव में ही स्वरोजगार प्राप्त हो रहा है।

आरती महिला समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरोज देवी साहू ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से 75 हजार रूपए और बैंक लिंकेज के माध्यम से लगभग दो लाख रूपए की आर्थिक सहायता मिली, जिससे समूह की महिलाएं बेहतर कार्य कर सकी। महिलाओं ने लगभग 3 हजार 494 बोरी जैविक खाद तैयार कर उसे सोसाइटी को उपलब्ध कराया। समूह ने वर्मी कंपोस्ट से 1 लाख 97 हजार 360 रूपए और केंचुआ बेचकर 30 हजार रुपए का लाभ प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि उनके समूह द्वारा बतख पालन भी किया जा रहा है। समूह द्वारा बतख पालन से 30 हजार रुपए का मुनाफा कमा लिया है।

जय मां लक्ष्मी महिला समूह की अध्यक्ष श्रीमती सत्या सोनी ने बताया कि बिहान के माध्यम से उन्हें 75 हजार रूपए एवं बैंक लिंकेज से एक लाख रुपए की राशि आर्थिक सहायता के रूप में मिली। इस राशि में से उन्होंने 17 हजार रूपए लगाकर मुर्गी पालन का काम शुरू किया और 20 हजार रूपए से अधिक की आमदनी की। उन्होंने बताया कि समूह द्वारा मछली पालन का भी कार्य शुरू किया गया है, इससे भी अच्छा मुनाफा होने की आशा है।

जय अन्नधारी महिला समूह की अध्यक्ष श्रीमती अनीता यादव बताती है कि बिहान से मिली सहायता राशि में से महिलाओं ने 41 हजार 350 रुपए लगाकर सब्जी उत्पादन का काम शुरू किया। समूह ने अब तक 54 हजार से अधिक की सब्जी बेचकर लगभग 13 हजार 370 रुपए का लाभ प्राप्त किया है।

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *