छत्तीसगढ़ महिला आयोग के प्रताड़ना पूर्ण कार्य व्यवहार की शिकायत की गई
श्रीमती किरणमयी नायक माननीय अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग के समक्ष उनके ही कार्यालय के प्रशासकीय प्रताड़ना पूर्ण कार्य व्यवहार की लिखित शिकायत समाज सेविका निशा देशमुख ने प्रस्तुत की है परिवाद प्रारूप वाले लेखन शैली में आयोग के जन सूचना अधिकारी के दमनकारी कार्य व्यवहार को सप्रमाण आयोग के सामने लाया गया है क्योंकि आयोग कार्यालय से व्यथित महिला आवेदकों को वांछित जानकारी लेने की कार्यवाही में जन सूचना अधिकारी अनावश्यक अड़चने पैदा करके महिलाओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है उल्लेखनीय गंभीर आरोप इस शिकायत में यह भी लगाया गया है कि, व्यथित महिलाओं को जन सूचना अधिकारी अपने पदेन प्राधिकार का दुरुपयोग करके वांछित जानकारी लेने से वंचित करने के लिए पोस्टल आर्डर और बैंक चालान जमा करने के लिए मजबूर करता है और नगद आवेदन शुल्क अदा करने के नागरिक अधिकार से वंचित कर देता है जिसके कारण महिलाओं को पोस्ट ऑफिस और बैंक के अनावश्यक चक्कर काटने पड़ते है और 10 रु के आवेदन शुल्क को अदा करने के लिए कई 100 रु खर्च परिवहन शुल्क के रूप खर्च करने को मजबूर होना पड़ता है तथा जानकारी लेने के लिए बार-बार महिला आयोग जाने को मजबूर होना पड़ता है । इसलिए अधिकांश व्यथित महिलाएं मानसिक दबाव में आकर वांछित जानकारी हासिल नहीं कर पाती हैं जिसके परिणाम स्वरूप महिला आयोग कार्यालय के अनियमित कार्य व्यवहार फाइलों में दबे रह जाते है गौरतलब रहें कि, जन सूचना अधिकारी की कुटिल कार्यवाही के कारण व्यथित महिलाओं की व्यथा महिला आयोग आने के बाद और बढ़ जाते है इसलिए महिला आयोग के समक्ष सप्रमाण शिकायत प्रस्तुत करके छत्तीसगढ़ की महिलाओं को महिला आयोग की अनियमित कार्यवाहियों के कारण होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए समाज सेविका निशा देशमुख ने विधि अपेक्षित पहल करके इस मामले को विधिवत महिला आयोग के सामने लाया है और महिला आयोग की अध्यक्षा से अपील की है वह अपने ही कार्यालय के प्रताड़ना पूर्ण कार्य व्यवहार से व्यथित महिलाओं को बचाकर महिलाओं की व्यथा को बढ़ाने वाली महिला आयोग की प्रशासकीय स्तर की अनियमित गतिविधियों पर विराम लगाने की कार्यवाही करें ।