रायपुर। वरिष्ठ भाजपा नेता और लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अपनी सत्ता बचाने के लिये न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर त्यागपत्र न देकर देश में आपातकाल लगा हजारों विपक्षी नेताओं को रातों-रात 21 माह तक के लिए जेल की सीखचों में डालना, समाचार पत्रों पर सेंसरशिप लगा उनकी स्वतंत्रता छिन लोकतंत्र की हत्या कांग्रेस की तानाशाही का जीवन्त प्रमाण है। उपासने ने कहा कि यह कांग्रेस के इतिहास व देश के लोकतंत्र पर काला धब्बा व काला इतिहास है। कांग्रेस की हथधर्मिता का चरम यह है कि उसने आज तक अपने इस कृत्य के लिए देश से माफी नहीं मांगी। उपासने ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आज भी कांग्रेस के तानाशाही, लोकतंत्र की हत्या व न्यायालय के आदेश को न मानने की हठधर्मिता की राजनीति कर रही है, यही कारण है कि आपातकाल में जिन राष्ट्र भक्तों को कांग्रेस की राज्य सरकार ने 21माह तक बिना किसी वैधानिक आदेश के जेल की सीखचों में डाल उनके परिवारों को नेस्तनाबूत कर दिया उन्हें भाजपा रमन सरकार ने सम्माननिधि दे सम्मानित किया जिसे भूपेश सरकार ने सत्ता में आते ही दुर्भावनापूर्ण व वंशवाद को खुश करने बंद कर दिया, शासन के इस आदेश को सेनानियों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिस पर सिंगल व डबल बेंचों ने सरकार के आदेश को निरस्त कर तत्काल सम्माननिधि देने के आदेश सरकार को दिये पर आदेश का पालन न कर अपनी दुर्भावना के चलते सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर पेशियां ले लेकर सेनानियों को अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा। उपासने ने कहा प्रदेश के सेनानियों ने संकल्प लिया है कि जैसे इंदिरा की सरकार को उन्होंने सत्ता से हटाया वैसे ही अब भूपेश सरकार को भी हटाने सेनानी घर घर जा आपातकाल की ज्यादतियों को बता सरकार को उखाड़ फेकेंगे।