अपनी नाकामी पर पर्दा डालने दुर्भावनापूर्वक आंकड़े छुपा रही है मोदी सरकार, भाजपाई बताए आम जनगणना क्यों रोका गया है?

अपनी नाकामी पर पर्दा डालने दुर्भावनापूर्वक आंकड़े छुपा रही है मोदी सरकार, भाजपाई बताए आम जनगणना क्यों रोका गया है?
  • आर्थिक सामाजिक न्याय कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता है, प्रदेशव्यापी सर्वेक्षण 2023 का स्वागत है
 
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज से शुरू हुए प्रदेशव्यापी सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि सामाजिक न्याय कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता है। देश में हर 10 वर्ष के अंतराल में आम जनगणना की व्यवस्था रही है, लेकिन मोदी सरकार देश की पहली और इकलौती सरकार है जो अपनी नाकामी पर पर्दा डालने इरादतन, षडयंत्र पूर्वक आंकड़े छुपाने का काम कर रही है और इसी के चलते राष्ट्रीय जनगणना की अपनी जिम्मेदारियों से केंद्र की मोदी सरकार भाग रही है। केवल जनगणना ही नहीं एनएसएसओ सहित तमाम केंद्रीय एजेंसियां विगत 9 वर्षों से मोदी सरकार के कुशासन पर पर्दा डालने, केंद्र सरकार के दबाव में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, असमानता, वर्तमान आर्थिक नीतियों की जमीनी हकीकत और वास्तविक स्थिति को लेकर तमाम आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है। उज्जवला योजना और शौचालय भी केवल सरकारी आंकड़ों में दर्ज है। उज्ज्वला योजना के हितग्राहीयों में से 90 प्रतिशत रिफिल कराने में अक्षम हैं। पीएम आवास के मामले में भी भाजपा का दावा पूरी तरह से झूठा निकला। विधानसभा में दिए गए लिखित आंकड़ों में यह प्रमाणित हुआ है कि छत्तीसगढ के लिए अब तक स्वीकृत कुल 18 लाख़ आवास में से पूर्ववर्ती रमन सरकार ने केवल 237000 ( मात्र 19 हज़ार शहरी और 2 लाख़ 18 हज़ार ग्रामीण) आवास बनाए थे, वर्तमान भूपेश बघेल सरकार ने विगत 4 वर्षों में छत्तीसगढ़ में 13 लाख़ (10 लाख़ 53 हज़ार ग्रामीण और 2 लाख़ 47 हज़ार शहरी क्षेत्रों में) आवास बनाएं हैं। 2011 के बाद से मोदी सरकार के द्वारा जनगणना और सर्वेक्षण की प्रक्रिया दुर्भावना पूर्वक रोक दी गई है, जिससे पात्र हितग्राहियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि विगत 6 मार्च 2023 को बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में आर्थिक सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 की घोषणा की थी, 25 मार्च को पोर्टल लांच हुआ, 28 मार्च से सर्वेक्षण दल, सुपरवाइजर और प्रगणकों की ट्रेनिंग शुरू हुई और आज 1 अप्रैल को सर्वेक्षण का काम विधिवत शुरू हो गया है। प्रत्येक जिला कलेक्टरों को अपने अपने जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है 146 ब्लॉक के अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। 30 अप्रैल तक सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सर्वे कार्य के लिए एक प्रगणक दल का गठन किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार है जिसके अधीन केंद्र की सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय अपनी जिम्मेदारी और भूमिका भूल चुका है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार है जिन्होंने आर्थिक-सामाजिक न्याय के लिए तत्परता दिखाते हुए समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर इसकी शुरुआत की है। आवास, रसोई गैस, शौचालय सहित सरकार के अन्य योजनाओं में भी अब पात्र हितग्राहियों को लाभ मिल सकेगा। ऐसे हितग्राही जो अब तक केवल सर्वे सूची में नाम दर्ज नहीं होने के कारण वंचित थे उन्हें पात्रतानुसार शासन की सभी जनकल्याणकारी का लाभ मिलेगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी आज से आरंभ हुये प्रदेशव्यापी आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण का स्वागत करती है।

The News India 24

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