महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग के लिए 1468.77 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे स्वीकृत

महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग के लिए 1468.77 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे स्वीकृत
  •  मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने की अनुदान मांगे प्रस्तुत
  •  महिला कोष के बजट में वृद्धि: 25.20 करोड़ रुपये का हुआ प्रावधान
  •  सामाजिक सहायता पेंशन राशि में 150 रूपए की वृद्धि: अब मिलेंगे 500 रूपए

रायपुर/ छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया केे विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 1468 करोड़ 77 लाख 08 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्व सम्मति से पारित की गई। इसमें महिला एवं बाल विकास के लिए 1357 करोड़ 17 लाख 95 हजार रूपए तथा समाज कल्याण विभाग के लिए 111 करोड़ 59 लाख 13 हजार रूपए की राशि शामिल हैं। अनुदान मांगों की चर्चा में सदस्य विधायकगण श्रीमती रंजना दीपेन्द्र साहू और श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी ने भाग लिया।

मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने सदन में चर्चा में कहा कि पिछले बजट की तुलना में उनके विभाग के बजट में 14.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कामकाजी महिलाओं के लिए 4 जिलों में 6 सखी सेंटर संचालित किया जा रहा है।  इसके लिए वर्ष 2023-24 के बजट में 1.37 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिये निःशुल्क हेल्पलाइन सेवा नंबर 181 संचालित है ।

मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि इस वर्ष महिला कोष के बजट में वृद्धि करते हुए 25.20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ महिला कोष के माध्यम से स्व-सहायता समूहों को दिए जाने वाले ऋण सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर ऋण की सफलतापूर्वक वापसी पर 2 लाख रूपये से 4 लाख रूपये तक का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा संचालित ऋण योजनांतर्गत ऋण लेने वाले ऐसे समूह जो अपरिहार्य कारणों से लंबी अवधि से ऋण एवं ब्याज नहीं चुका पा रहे थे, उनके प्रति संवेदनशीलता से निर्णय लेते हुए उनका 11.03 करोड़ का ऋण माफ कर दिया है।

         श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि महिलाओं को अर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य स्तर पर महिला मड़ई का आयोजन हर साल महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है। जिले में भी महिलाओं को जागृत और सशक्त बनाने इसी तरह के आयोजन किए जा रहे हैं, जिसमें महिलाएं लाखों रुपए कमाती है। इसके साथ ही  अन्य महिलाओं के लिए भी स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की बहनें गौठानों, मध्यान्ह भोजन और वन उत्पादों के विक्रय सहित कई कामों में लगी हुई हैं। छत्तीसगढ़ की बहनें कमजोर नहीं हैं, वे बैंकिंग लेनदेन सहित अपने सारे काम खुद करती हैं।

श्रीमती भेड़िया ने बताया कि राज्य सरकार ने सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत पेंशन राशि में वृद्धि करते हुए उसे 500 रूपए कर दिया है। विगत 15 सालों में जहां पेंशन राशि में मात्र 50 रूपए की बढ़ोतरी की गई थी, वहीं हमारी सरकार ने 150 रूपए की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि उभयलिंगी समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप उभयलिंगी समुदाय के व्यक्ति पुलिस और बस्तर फाइटर्स में चयनित हुए हैं।

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *