आरएसएस वैमनस्यता फैलाती है – कांग्रेस
- आरएसएस के शाखा में जाये बगैर, देश संघ का चरित्र से वाकिफ
रायपुर। कांग्रेस के नेताओं के आरएसएस की शाखाओं में आकर संघ को समझने की संघ प्रमुख मोहन भागवत की नसीहत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के लोगों को शाखा में जाकर संघ को समझने की जरूरत नहीं। बिना शाखा में गये सारा देश जानता है कि संघ की नीति में विभाजनकारी गतिविधियां और देश की एकता अखंडता के विरुद्ध विचारों का रोपड होता है। संघ अपने शाखा में स्वयं सेवकों को लाठी भांजना सिखाता है। लाठी भांजना हिंसा का प्रतीक है। कांग्रेस गांधी के विचारों को अंगीकार करने वाली पार्टी है। संघ लाठी के माध्यम से विद्वेष और हिंसा को प्रचारित करती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोहन भागवत बताये आरएसएस की ऐसी क्या विचारधारा है जिसे शाखा में जाने से ही पता चलेगा? ऐसा क्या कारण है कि आरएसएस अपनी शिक्षा और विचारधारा को सिर्फ शाखा तक ही सीमित रखा है? आम जनता से दूर रखा है? कांग्रेस की गांधीवादी विचारधारा पूरा देश में प्रवाहित हो रही, पूरा विश्व गांधीवादी अहिंसा की विचारधारा को मानता है, पर संघ की विचाराधारा शाखा तक सीमित है। असल में संघ की विचारधारा तोड़ने-फोड़ने वाली है। नफरत फैलाने वाली है। इसलिए शाखा से बाहर नहीं निकल पायी इसलिए संघ प्रमुख को बैठक भी गोपनीय करनी पड़ती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि संघ अपने शाखा में कूपमंडूकता को बढ़ावा देता है। संघ संकीर्ण मानसिकता का पोषक है। मिसाईल और परमाणु के युग में संघ लाठी के आधार पर विश्वविजय की हास्यास्पद परिकल्पना करता है। संघ बहुसंख्यक जनता में अल्पसंख्यको का भय पैदा कर अपने राजनैतिक हितों को पूरा करता है। संघ हिन्दुओं के उत्थान की बात करता है लेकिन कभी भी संघ के द्वारा रोटी, कपड़ा, मकान के लिये कोई बात नहीं की जाती है। संघ के किसी नेता ने बेरोजगारी, अशिक्षा तथा महंगाई के लिये कोई आवाज नहीं उठाया। संघ का जनसरोकारों से कोई नाता नहीं रहा। कहने को संघ खुद को गैर राजनैतिक दल कहता है लेकिन जमीनी स्तर पर वह भाजपा के राजनैतिक उत्थान के लिये योजना बनाता है उसी के लिये काम करता है।