राज्य के कर्मचारियों के लिए लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को रोकने के लिए मोदी सरकार कर्मचारियों के 17240 करोड़ जमा राशि को देने में आनाकानी कर रही:कांग्रेस
- भाजपा स्पष्ट करें कि वो प्रदेश के कर्मचारियों के लिये लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के पक्ष में है या विरोध में?
रायपुर/12 नवंबर 2022। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा राज्य के कर्मचारियों के पेंशन राशि 17,240 करोड़ रुपया को देने से इंकार करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार प्रदेश के कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद उनके बेहतर भविष्य के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की है जिसके कारण अब रिटायरमेंट के बाद होने वाले आर्थिक कठिनाइयों से कर्मचारियों को मुक्ति मिला है। केंद्र के कर्मचारियों का लगभग 17,240 करोड़ रुपए की राशि जिसमें कर्मचारियों के वेतन एवं राज्य सरकार के द्वारा जमा की गई राशि है जिस पर पूरा अधिकार राज्य के कर्मचारियों का है उसे देने से मना कर केंद्र की भाजपा सरकार ने अपने कर्मचारी विरोधी होने का प्रमाण दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र में जब अटल भाजपा की सरकार थी तब कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बंद कर कर्मचारियों के साथ धोखा बाजी किया गया था। रिटायरमेंट के बाद उनके भविष्य को अंधकारमय किया गया था। आज कांग्रेस की सरकार प्रदेश के कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया है इससे कर्मचारी विरोधी भाजपा को पीड़ा हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल को स्पष्ट करना चाहिए कि वो राज्य के कर्मचारियों के बेहतर भविष्य के लिए लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के समर्थन में है कि विरोध में है और समर्थन में है तो केंद्र सरकार पर प्रदेश के कर्मचारियों के 17,240 करोड़ रुपए को वापस दिलाने कब दबाव बनायेगें?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों के पेंशन स्कीम में जमा राशि प्रदेश के कर्मचारियों के वेतन से काटी गई एवं राज्य सरकार के द्वारा जमा की गई अंशदान की राशि है इस पर केंद्र सरकार का कोई अधिकार नहीं है। इस राशि को तत्काल प्रदेश के कर्मचारियों के बेहतर भविष्य के लिए राज्य सरकार को लौटाना चाहिए। केंद्र सरकार राशि नहीं लौटा कर मनमानी कर रही है, अपने शक्तियों का दुरुपयोग कर ही है। भाजपा आदतन कर्मचारी विरोधी है इसीलिए कर्मचारियों के हित के खिलाफ कार्य कर रही हैं।