भाजपा की जान ईवीएम में बसती है
भाजपा निकाय चुनाव की तैयारी के बजाय हार के बहाने खोज रही है – कांग्रेस
अभी यह फैसला नहीं हुआ चुनाव ईवीएम से होगा या बैलेट पेपर भाजपा तिलमिला रही है
रायपुर/10 सितंबर 2019। भाजपा द्वारा नगरीय निकाय चुनाव बैलेट से करवाने की संभावना के विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से होगा या बैलेट पेपर से अभी यह फैसला नहीं हुआ है लेकिन बैलेट पेपर से चुनाव होने की चर्चा मात्र से भाजपा के तिलमिलाने से यह साफ हो रहा है कि भाजपा की जान ईवीएम में बसती है। चुनाव के लिये कौन सा तरीका अपनाया जायेगा यह तय करने का अधिकार निर्वाचन पदाधिकारी का है। भाजपा जब केन्द्र में थी तब ईवीएम का विरोध करती थी। केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही अचानक भाजपा ईवीएम की समर्थक बन गयी। भाजपा की केन्द्र सरकार बनने के बाद लगातार ईवीएम की निष्पक्षता पर सवाल उठे है। कांग्रेस सहित देश के 17 राजनैतिक दलों के लोगों ने ईवीएम से चुनाव कराने का विरोध करते हुये केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौपा था। देश भर में ईवीएम के खिलाफ वातावरण है तब चुनाव की निष्पक्षता को देखते हुये छत्तीसगढ़ के निकाय चुनाव बैलेट से करवाने का फैसला यदि लिया भी जाता है तो यह कांग्रेस पार्टी की सदाशयता और कांग्रेस की चुनावों की निष्पक्षता के लिये प्रतिबद्धता है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिन राज्यों में ईवीएम से चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी उन्हीं राज्यों में कुछ महिनों के अंदर बैलेट पेपर से हुये स्थानीय निकाय के चुनावों में भाजपा की बुरी तरह पराजय हुई थी। भाजपा यह जान रही है छत्तीसगढ़ में चाहे ईवीएम से चुनाव हो या बैलेट पेपर से नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव में भाजपा नहीं जीतने वाली है। भाजपा के नेता चुनाव की तैयारी करने के बजाय अभी से अपनी सुनिश्चित हार के बहाने तलाश रहे है।