विशेष लेख:छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की लहर चहुंओर- सुनील त्रिपाठी, सहायक संचालक
- पारंपरिक खेलों में युवा से लेकर बुजुर्ग ले रहे उत्साह से हिस्सा
रायपुर/ छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों के प्रति लोगों की रूचि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार गांव, नगर, कस्बों में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन कर रही है। इस खेल महाकुंभ को लेकर बच्चों से लेकर युवा, पुरुषों और महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। हर वर्ग के लोग पारंपरिक खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार जिस तरह से छत्तीसगढ़ी परंपरा विरासत और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को सहेजने में लगी है। उसी तरह से प्रदेश के पारंपरिक खेल कंचा, भंवरा, कबड्डी, खो-खो, लंगडी दौड़, 100 मीटर दौड़, कुर्सी दौड़, पिट्ठुल, गेड़ी दौड़, बिल्लस फुगड़ी, गिल्ली डंडा, लंबी कूद जैसे पारंपरिक खेलों को भी बचाए रखने के लिए प्रयासरत है। इन खेलों के प्रति लोगों में रूचि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन कर रही है। इन पारंपरिक खेल प्रतिस्पर्धाओं में तो लोग हिस्सा ले ही रहे हैं, प्रतिभागियों का उत्साह और हौसला बढ़ाने के लिए खासी भीड़ भी जुट रही है। खेल मैदान में वृद्धजन नजर आ रहे है, जो बरसों से इन खेलों से दूरी बना रखे थे, लेकिन अब मैदान में उतरकर अपने पुराने दिनों की यादों को ताजा कर रहे हैं। यह आयोजन छह चरणों में होना है। अभी तक दो चरण में प्रतिस्पर्धाएं हो चुकी है। राज्य सरकार ने इस आयोजन के माध्यम से ऐसे लोगों को अपना खेल हुनर दिखाने का अवसर दिया है, जो खुद की खेल प्रतिभा से अंजान थे।
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार जिस तरह से छत्तीसगढ़ी परंपरा विरासत और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को सहेजने में लगी है। उसी तरह से प्रदेश के पारंपरिक खेल कंचा, भंवरा, कबड्डी, खो-खो, लंगडी दौड़, 100 मीटर दौड़, कुर्सी दौड़, पिट्ठुल, गेड़ी दौड़, बिल्लस फुगड़ी, गिल्ली डंडा, लंबी कूद जैसे पारंपरिक खेलों को भी बचाए रखने के लिए प्रयासरत है। इन खेलों के प्रति लोगों में रूचि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन कर रही है। इन पारंपरिक खेल प्रतिस्पर्धाओं में तो लोग हिस्सा ले ही रहे हैं, प्रतिभागियों का उत्साह और हौसला बढ़ाने के लिए खासी भीड़ भी जुट रही है। खेल मैदान में वृद्धजन नजर आ रहे है, जो बरसों से इन खेलों से दूरी बना रखे थे, लेकिन अब मैदान में उतरकर अपने पुराने दिनों की यादों को ताजा कर रहे हैं। यह आयोजन छह चरणों में होना है। अभी तक दो चरण में प्रतिस्पर्धाएं हो चुकी है। राज्य सरकार ने इस आयोजन के माध्यम से ऐसे लोगों को अपना खेल हुनर दिखाने का अवसर दिया है, जो खुद की खेल प्रतिभा से अंजान थे।
आयोजन समितियों का किया गया है गठन
राजीव युवा मितान क्लब एवं जोन स्तर पर खेल प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन हेतु प्रत्येक स्तर के लिए अलग-अलग विकासखंड नगरीय क्लस्टर स्तर पर आयोजन के लिए समिति का गठन किया गया है।
घरेलु महिलाएं भी ले रही हिस्सा:
ग्रामीण क्षेत्र की ऐसी महिलाएं जो हमेशा घर के काम-काज में व्यस्त रहती हैं उन्हें भी छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के माध्यम से मैदान में उतरने का मौका मिला है। इस कारण महिलाएं उत्साहित हैं और एक दो नहीं, बल्कि कई खेल प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा ले रही हैं।
एकल और दलीय प्रतिस्पर्धा के लिए अलग-अलग पुरस्कार राशि निर्धारित
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रत्येक आयु वर्ग के एकल और दलीय प्रतिस्पर्धा के लिए अलग-अलग पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है। दलीय खेल विधा में प्रथम पुरस्कार 10 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 7 हजार 500 रूपये, तृतीय पुरस्कार 05 हजार रूपये से पुरस्कृत किए जाएंगे। इसी तरह एकल विद्या में प्रथम पुरस्कार 01 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 750 रुपये, तृतीय पुरस्कार 500 रूपए तय किए गए हैं।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रत्येक आयु वर्ग के एकल और दलीय प्रतिस्पर्धा के लिए अलग-अलग पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है। दलीय खेल विधा में प्रथम पुरस्कार 10 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 7 हजार 500 रूपये, तृतीय पुरस्कार 05 हजार रूपये से पुरस्कृत किए जाएंगे। इसी तरह एकल विद्या में प्रथम पुरस्कार 01 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 750 रुपये, तृतीय पुरस्कार 500 रूपए तय किए गए हैं।
क्रमांक-4521/सुनील त्रिपाठी