विश्व बाजार में क्रूड ऑयल के दाम घटे, जनता को राहत क्यों नहीं – कांग्रेस
- मोदी सरकार की पेट्रोल-डीजल में 50 प्रतिशत मुनाफाखोरी से देश परेशान – घनश्याम तिवारी
कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा मोदी सरकार की मुनाफाखोरी नीतियों से देश में महंगाई चरम पर है। 8 सितंबर 2022 की डाटा अनुसार भारत औसतन 88 डॉलर प्रति बैरल की दर से क्रूड ऑयल आयात कर रहा है..बीते जून में 116. 01 डॉलर था जुलाई में कीमतें गिरकर 105.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई अगस्त में औसत 97.40 डॉलर रहा है। कुल मिलाकर 116 डॉलर से 88 डॉलर मतलब 28 डॉलर प्रति बैरल दाम घटे है मगर जनता को राहत शून्य ही रहा है। देश की जीडीपी बढ़ नहीं रही और पेट्रोल तथा डीजल के दाम विश्व बाजार में घटने के बावजूद कम नहीं हो रहे हैं। घरेलू गैस के दाम विश्व बाजार में 7 माह के न्यूनतम स्तर पर है। यदि डीजल 100 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है तो इसमें से 50 रुपए सीधे सरकार को जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले सात माह में कच्चे तेल की कीमत निम्नतम स्तर पर है और महंगाई दर छह प्रतिशत से ज्यादा बनी हुई है तो इस अवधि में तेल के दाम में आई कमी का लाभ सरकार को खजाना भरने के लिए नहीं बल्कि मोदी सरकार को 50 प्रतिशत की मुनाफाखोरी छोड़ इसका लाभ महंगाई के बोझ तले दबी देश की जनता को देना चाहिए।