दु:ख को जो नही जानता है वह अविद्या है- भंते धम्म तप
धम्म देशना प्रबोधन का सफल आयोजन
भारतीय बौद्ध महासभा जिला इकाई रायपुर द्वारा बौध्दौ के वर्षावास के पावन अवसर पर भंते धम्मतप जी और भंते कुणाल किर्ती जी की धम्म देशना (प्रबोधन) रखा गया था कार्यक्रम के आरंभ में बुद्ध वंदना करने के पश्चात भतें जी का स्वागत पुष्प वर्षा एवं पुष्प गुच्छे से उपस्थित सदस्यों द्वारा किया गया इसके पश्चात भंते कुणाल किर्ती द्वारा धम्म देशना की गई उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर की लिखी पुस्तक हमारे लिए पावन पुस्तक है जिसमें बाबा साहेब ने अनेक बातें त्रिपिटक से लिया है वह हमारे जीवन के लिए सार्थक है भंते धम्म ताप ने अविद्या पर दुख और दुख के निवारण हेतु आर्य सत्य अष्टांगिक मार्ग, दु:ख का निवारण धम्म प्रसार, बुद्ध के द्वारा दिए गए प्रवचनों की सार्थकता उनके उद्देश्य इत्यादि के बारे में सहजता से बताया सभी उपासकों को धम्म के लिए हर संभव प्रयास करने कहा आने वाली पीढ़ी को समृद्ध करने के लिए हर समाज के लोगों को कार्य करने कहा | इस अवसर जयभीम लोककला सुरेन्द्र कोल्हेकर एवं साथियों द्वारा धम्म गीत प्रस्तुत किये गए |
भारतीय बौध्द महासभा जिला ईकाई द्वारा नंदा गजघाटे आई एव्ं इंजि,बिम्बिसार जी को उनके सामाजिक कर्तव्य हेतु आदरणीय भंते जी के हाथों से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में भारतीय बौद्ध महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके जी ने धम्म कार्यो को अपनी पहली प्राथमिकता बताई।
इस पावन अवसर पर धम्मचारी नागरत्न जी द्वारा खिर पुड़ी का वितरण किया गया है, सपना गजघाटे जी के नेतृत्व में त्रिशरण महिला समिती के सदस्यों ने धम्म दान किया,कार्यक्रम का संचालन विजय गजघाटे ने किया सहयोग जी.एस.मेश्राम,ने किया आभार प्रदर्शन सी.डी.खोब्रागड़े जी ने किया है, इस अवसर पर कार्यक्रम में समाज के सेकड़ो लोग उपस्थित थे।