भाजपा नेता पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति बांधी के द्वारा युवाओं को गांजा पीने भांग खाने की सलाह आपत्तिजनक -कांग्रेस
रायपुर /पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी के द्वारा युवाओं को गांजा पीने और भांग खाने की सलाह देना बेहद आपत्ति जनक है ।प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बांधी के इस बयान से भारतीय जनता पार्टी का नशे के प्रति नजरिया सामने आया है ।बांधी इस बयान को देते समय काफी गम्भीर नजर आ रहे और इस बात के लिए चिंतित है कह रहे है कि हम लोगो को गांजे की कैसे ले जाये इसके लिये प्रयत्न करने की आवस्यकता है ।बांधी शराब के विकल्प के तौर पर गांजे और भांग के सेवन की वकालत कर रहे उस गांजे की जिसको की मादक द्रब्य के रूप में पूरे देश मे प्रतिबंधित किया गया है ।बड़ा ही हास्यस्पद है कि बांधी जी गांजा पीने से अपराध पर अंकुश लगने की नई थ्योरी प्रस्तुत कर रहे हैं।
कांग्रेस संचार प्रमुख ने कहा कि भाजपा बताए वह अपने विधायक और वरिष्ठ नेता बांधी के बयान से कितना सहमत है ।भाजपा शासन काल मे प्रदेश के गली मुहल्लों में हुक्काबार हर ठेले पर गांजे की निर्बाध बिक्री क्या इसी लिए होती थी कि भाजपा शराब के वैकल्पिक नशे को प्रोत्साहित कर रही थी ।बांधी की चिंता को देखते हुए भाजपा को उनके नेतृत्व में गांजा भांग के प्रचार की एक समिति बना देना चाहिये।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बांधी के बयान से साफ हो गया कि भाजपा छत्तीसगढ़ को नशे की गर्त में धकेलने की साजिश में लगी है ।जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब भाजपा के द्वारा शराब का सरकारी करन किया गया ।रमन राज में शराब के नशे को इतना प्रोत्साहित किया गया कि छत्तीसगढ़ प्रतिव्यक्ति शराब की खपत में देश मे नम्बर एक हो गया था ।जिस शराब से प्रति साल 300 करोड़ राजस्व मिलता था वह 5000 करोड़ पहुच गया था ।कांग्रेस सरकार ने शराब बंदी की जो कमेटी बनाई भाजपा ने उसमें अपने विधायक का नाम भी नहीं दिया ताकि शराब बंदी के प्रयास विफल हो जाय।कांग्रेस सरकार ने राज्य में शराब की खपत कम करने के लिये ठोस प्रयास किया।70 से अधिक शराब दुकानों को बन्द किया ।शराब के दुष्परिणामो को बताने जन जागरण अभियान चलाया जा रहा जिसके फल स्वरूप छत्तीसगढ़ प्रतिव्यक्ति शराब की खपत में देश मे पहले से 18 वे स्थान पर आ गया है।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा की बांधी प्रदेश की वरिष्ठ राजनेता है उनको बयान देने से पहले यह गम्भीरता से मनन करना चाहिए कि जो वो बोल रहे है उसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा।