खाद्य पदार्थ, आटा, दही, पनीर पर जीएसटी गरीबों के साथ अत्याचार-कांग्रेस
- मोदी सरकार की नीतियों के कारण महंगाई बेलगाम-कांग्रेस
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार की मुनाफाखोरी वाली नीतियों के कारण महंगाई बेलगाम हो गयी है। मोदी सरकार आम आदमी पर टैक्स का बोझ लगातार बढ़ाते जा रही है। जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से महंगाई बढ़ेगी यह जनता के साथ क्रूर मजाक है। अब तो 25 किलो के नीचे खाद्य सामाग्री खरीदने पर 5 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ेगा। रोजी मजदूरी करने वाले दिहाड़ी मजदूर रिक्शा चालक ठेला चालक सुबह शाम राशन खरीद कर अपने एवं परिवार का पेट भरते है। गरीब एकमुश्त 25 किलो से ऊपर चावल, दाल, बेसन दही मिर्च मसाला की खरीदी कैसे खरीदेंगे? और बाजार में 100 ग्राम से लेकर 5 किलो तक के मिर्च मसाला आटा चावल बेसन दही और अन्य खाद्य सामग्री के पैकेट ही मिलते हैं जिस पर मोदी सरकार ने 5 परसेंट जीएसटी लगाया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि एक ओर खुदरा महंगाई में लगातार बढ़ोतरी के कारण आम आदमी अपनी रोजमर्रा के जरूरत की चीजों से दूर होते जा रहा है वही अब थोक महंगाई दर में 14.55 प्रतिशत का उछाल यह बताता है कि आम आदमी को अब खाने और पहनने के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा। हर जगह महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है,मगर देश की गूंगी-बहरी सरकार को कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। केवल आम जनता से लूटना और अपने उद्योगपति मित्रों की जेब भरना मोदी सरकार का मुख्य धंधा बना हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी निर्मित महंगाई देश के आम आदमी पर चौतरफा अत्याचार कर रही है। ईंधन के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले आठ सालों में केंद्र सरकार ने बार-बार पेट्रोल और डीजल पर करों में वृद्धि कर जनता से 26 लाख करोड़ रुपये वसूल लिए हैं। इसके बावजूद मोदी सरकार के वसूली का सिलसिला थम नहीं रहा है। मोदी सरकार के चालचलन से साफ समझ आता है कि देश की पूंजीवादी सरकार चंद औद्योगिक घरानों की चाकरी और चौकीदारी कर रही है। देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी ने उत्पात मचा रखा है, मगर जनता की चुनी केंद्र सरकार उद्योगपतियों को राहत देने में लगी है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश में हर रोज गरीबों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, हर रोज किसी न किसी उपक्रम पर ताला लग रहा है, प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने की बात करने वाली सरकार में हर रोज सैकड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं। देश के आजाद होने के बाद नई योजनायें बनाया। सिंचाई सुविधायें बढ़ाकर नये कल कारखाने लगाकर शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधायें बढ़ाकर कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने भारत को मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा किया। मोदी सरकार की नीतियों से देश का आम आदमी बदहाल और कर्जदार हो रहा है। भाजपा देश को आजादी के तुरंत बाद वाली उस स्थिति में लाना चाहती है, जब लोगों के पास खाने के लिए अनाज और पहनने के लिए कपड़ा नहीं था। जनता को दाने-दाने का मोहताज करने वाली मोदी सरकार को सत्ता में रहने का बिल्कुल भी नैतिक अधिकार नहीं है।