अजीत जोगी ने मंत्री टीएस सिहंदेव को पत्र लिखकर जाति को लेकर दिए गए बयान पर गलती स्वीकार करने के लिए कहा, नही तो अवमानना का प्रकरण दर्ज करेंगे
रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिहंदेव को पत्र लिखकर उनके द्वारा जाति को लेकर दिए गए बयान पर गलती स्वीकार करने के लिए कहा है। जोगी ने कहा है कि अपने सम्मान की रक्षा के लिये मंत्री सिंहदेव के खिलाफ न्यायालय में आईपीसी की धारा 497 और 500 के अंतर्गत अवमानना का प्रकरण दायर करना होगा। एक सप्ताह व्यतीत होने के बाद ही मैं यह कार्यवाही करूंगा। अजीत जोगी ने पत्र में लिखा है कि मैं अत्यन्त दुख एवं आश्चर्य के साथ यह पत्र लिख रहा हूं। समाचार पत्रों और टीवी के माध्यम से आपने यह बयान दिया है कि मेरे पिता सतनामी जाति के थे, वास्तव में मेरे पिता एवं पूर्वज मूढ़ी गोत्र के कंवर जाति के आदिवासी थे। न तो किसी दस्तावेज में और न किसी भू-अभिलेखों में और न ही वर्तमान छानबीन समिति के समक्ष आये साक्ष्य में कहीं भी मेरे पिता की जाति सतनामी होने का उल्लेख नहीं हैं। लगता है कि बेबुनियाद अफवाहों के आधार पर आपने ऐसा कहा है। मेरे आपसे पारिवारिक एवं व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं। अतः मैं चाहूंगा कि आप गलती स्वीकार करके इसका खंडन करें। यदि ऐसा नहीं होता है तो हमारे अच्छे पारिवारिक एवं व्यक्तिगत संबंधों के बावजूद अपने सम्मान की रक्षा के लिये न्यायालय में प्रकरण दायर करूंगा । बता दें कि छानबीन कमेटी के फैसले के बाद से प्रदेश में जोगी की जाति को लेकर राजनीति में उबाल है। छानबीन समिति ने अजीत जोगी के आदिवासी होने के दावे को ख़ारिज कर दिया है। इस मामले को लेकर बयान का दौर चला, इस बीच स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव की प्रतिक्रिया आई थी। सिंहदेव ने कहा था कि सबको पता है कि जोगी के पिता सतनामी थे। जाति की संबद्धता पिता से ही मिलती है।
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