मोदी सरकार ने बौखला कर ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ यानी ईडी के पीछे छिपकर देश की निडर आवाज राहुल गांधी पर हमला बोला:डॉ. शिव कुमार डहरिया
ऽ मोदी सरकार तानाशाही पर उतर आई है। इनका चरित्र आलोकतांत्रिक तो था ही अब यह क्रूर और आताताई भी हो चुके हैं।
ऽ कांग्रेस मुख्यालय एआईसीसी दफ्तर के अंदर में दिल्ली पुलिस ने घुसकर लाठीचार्ज किया।
ऽ कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी एआईसीसी दफ्तर के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा।
ऽ केंद्र सरकार दमनकारी और अलोकतांत्रिक बर्बर रुख पर उतर आई है ।
ऽ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को विद्वेष पूर्ण तीन दिनों से ईडी दफ्तर बुला कर परेशान किया जा रहा ।
ऽ राहुल गांधी पूरा सहयोग कर रहे ,सारे तथ्यों को स्प्ष्ट कर दिया गया उसके बावजूद राहुल गांधी जी के साथ जानबूझ कर ऐसा व्यवहार कर रही जैसे वे बहुत बड़े गुनाहगार हो ।
ऽ राहुल गांधी जी से पूछताछ में कुछ भी गलत नही मिल रहा तो विपक्ष का मनोबल तोड़ने के लिए मोदी सरकार सत्ता का दुरूपयोग कर रही है।
ऽ मोदी सरकार अपनी चौतरफा नाकामियों को छिपाने के लिए विपक्ष पर अनैतिक प्रहार कर मंहगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए यह स्तरहीन राजनीति कर रही है।
ऽ आप सबके माध्यम से हम सवाल खड़ा करते है जो आप सब भी जानते हैं। आखिर राहुल गांधी जी को निशाने पर क्यो लिया गया है –
ऽ राहुल गांधी देश के अकेले विपक्षी नेता है जो बेखौफ होकर मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक खड़े रहे हैं। मोदी सरकार ने बौखला कर ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ यानी ईडी के पीछे छिपकर देश की निडर आवाज राहुल गांधी पर हमला बोला है। ये हमला विपक्ष की उस निर्भीक आवाज पर है, जो जनता के सवालों को दृढ़ता से सरकार के समक्ष रखते हैं और सरकार से जवाबदेही मांगते हैं, जो जनता के मुद्दों को भयमुक्त तरीके से, निडरता से उठाते हैं। भाजपाई सत्ता की एजेंसियों के डर से कितने ही लोगों ने समझौता कर लिया, भाजपा में माफीनामा देकर शामिल हो गए, दूध के धुले बन गए। कितनों ने घुटने टेक दिए। कितनों ने अपनी आत्मा बेच दी, लेकिन राहुल गांधी वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने सरकार की आँख में आँख डालकर जनता के सवाल उठाए हैं। इसलिए उनसे मोदी को परेशानी है।
ऽ हमला जनता के मुद्दों पर है, सिर्फ कांग्रेस या राहुल गांधी पर नहीं है। ये हमला बेरोजगारों पर है, ये हमला गरीबों पर है, ये हमला मध्यम वर्ग पर है, ये हमला नौकरीपेशा लोगों पर है, ये हमला महिलाओं, युवाओं, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों पर हैं। ये हमला देश के संविधान से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछने पर है। भाजपाई आतंक के खिलाफ कांग्रेसी न डरेंगे, न झुकेंगे, न दबेंगे, राहुल गांधी,के नेतृत्व में कांग्रेसी देश के लिए लड़ेंगे।
ऽ राहुल गांधी ने बार-बार देश के हित के लिये मोदी और उनकी नीतियों को कटघेरे में खड़ा किया है इसलिये मोदी को राहुल गांधी से परेशानी है और पूरी केंद्र सरकार राहुल गांधी के पीछे पड़ी है। जब चीन ने हमारे देश की सरजमीं पर कब्ज़ा किया, हमारे जवान शहीद हुए, तो प्रधानमंत्री जी ने कहा, सर्वदलीय बैठक में कहा – ‘न कोई घुसा है, न कोई आया है’। तब विपक्ष की एकमात्र आवाज़, राहुल गांधी ने सरकार के इस झूठ को घेरा और देश की माटी के लिए, शहीद जवानों के लिए आवाज उठाई। आज दो साल बीत जाने के बावजूद भी चीन को भारत मां की सीमा से खदेड़ नहीं पाए। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है।
ऽ राहुल गांधी, मोदी की आंख की किरकिरी इसलिए बने हुए है क्यो कि वे महंगाई से हो रही जनता की बदहाली पर राहुल गाँधी ने लगातार सरकार को घेरा। पेट्रोल-डीजल के दामों पर, रसोई गैस के दामों पर, सीएनजी-पीएनजी के दामों पर, बढ़ते खाने-पीने की वस्तुओं के दामों पर, उन्होंने लगातार देश के मध्यम वर्ग, देश के नौकरीपेशा लोग, देश के गरीब, देश के दलित, देश के पिछड़े, देश के आदिवासी की आवाज उठाई और सरकार को घेरा, जिसका जवाब सरकार के पास नहीं है। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है। डूबती अर्थव्यवस्था और गिरते रुपये को लेकर, एमएसएमई की बदहाली को लेकर, छिनती नौकरियों को लेकर, चौतरफा 45 साल की सबसे भयंकर बेरोजगारी को लेकर, युवाओं के गुस्से को लेकर, राहुल गांधी ने सवालों की झड़ी लगाकर मोदी सरकार को घेरा। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है।
राहुल जी को निशाना इसलिए बनाया गया क्यो की
कोरोना में जब मोदी जी ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया, उस समय राहुल गांधी ने समय रहते न केवल सरकार को चेताया, बल्कि सरकार को देर से ही सही, कार्यवाही के लिए मदद के लिए मजबूर किया। जब सरकार कोरोना के टीके से हजारों करोड़ का मुनाफा प्राइवेट कंपनियों को कमवा रही थी, तो राहुल गांधी ने सरकार को बाध्य किया कि टीकाकरण मुफ्त हो, जो करने पर वो मजबूर हुए। जब लाखों मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाने को मजबूर थे, तो सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाली आवाज का नाम श्री राहुल गांधी है। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है।
राहुल जी को निशाना इसलिए बनाया जा रहा
जब लाखों किसान न्याय की गुहार के लिए राजधानी दिल्ली के बाहर आठ महीने तक बैठे रहे, जब मोदी सरकार उन्हें आतंकवादी और नक्सलवादी बता रही थी, जब उनको अपराधी और देशद्रोही घोषित कर दिया गया था, जब उनके रास्ते में कील और कांटे बिछा दिए गए थे, जब 700 किसान कुर्बानी के लिए दिल्ली की सीमा पर मजबूर हो गए, तो ट्रैक्टर यात्रा कर किसान और खेत मजदूर की आवाज उठाकर और किसान की संसद में देश के सांसद ले जाकर राहुल गांधी ने किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर किसान की आवाज उठाई और सरकार को मजबूर किया कि वो तीनों काले कानून वापस लेने पड़े। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है। मोदी कभी प्राइवेट कंपनी के नुमाइंदे बनकर राफेल का ठेका फ्रांस में दिलवाते हैं और कभी एक प्राइवेट कंपनी का नुमाइंदा बनकर श्रीलंका में प्राइवेट कंपनी को बिजली का ठेका दिलवाने की सिफारिश करते हैं। राहुल गांधी ने मुट्ठी भर उद्योगपतियों के नुमाइंदे बने प्रधानमंत्री से सवाल कर उनको कठघरे में खड़ा कर दिया। इसलिए राहुल गांधी से भाजपा और मोदी को परेशानी है।