मोदी के मंत्री छत्तीसगढ़ मॉडल का अध्ययन करने आ रहे-मोहन मरकाम

मोदी के मंत्री छत्तीसगढ़ मॉडल का अध्ययन करने आ रहे-मोहन मरकाम
  • छत्तीसगढ़ राजनीतिक पर्यटन के लिए आ रहे मोदी सरकार के मंत्रियों से कांग्रेस का सवाल

रायपुर/14 अप्रैल 2022। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के यह मंत्री सामाजिक न्याय पखवाड़ा के बहाने छत्तीसगढ़ मॉडल का अध्ययन करने आ रहे है। ऐसा कोई सप्ताह नहीं होता जब नीति आयोग छत्तीसगढ़ के किसी योजना कार्यक्रम को लेकर ट्वीट न करता हो। भाजपा के मंत्री और गुजरात मॉडल फेल होने के बाद छत्तीसगढ़ की नकल करने आ रहे। देश भर में छत्तीसगढ़ की योजनाओं की तारीफ हो रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना ऐसी योजनायें है, जिनका देश भर की राज्य सरकारों के साथ संसद की चार स्थाई कमेटियों ने अध्ययन किया अब मोदी के मंत्री आ रहे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री छत्तीसगढ़ राजनीतिक पर्यटन पर आ रहे हैं तो उन्हें जनता को मोदी सरकार की वादाखिलाफी, नाकामी, विफलताओं और मुनाफाखोरी का जवाब देना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मोदी सरकार के मंत्रियों से सवाल पूछा कि-देश की जनता मोदी सरकार की नीतियों के कारण महंगाई की मार झेलने को मजबूर है, जनता को महंगाई से राहत कब मिलेगी? सस्ता गैस, डीजल, पेट्रोल जनता को कब मिलना शुरू होगा? युवाओं को 2 करोड़ रोजगार देने का जो वायदा भाजपा ने किया था 8 साल के 16 करोड़ युवाओं को रोजगार कब मिलेगा? किसानों की आय कब दुगुनी होगी? छत्तीसगढ़ के लिये क्या लेकर आ रहे मोदी?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की विफलता से बेलगाम महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी, भुखमरी और असमानता के बीच भूपेश बघेल सरकार ने रोज़गार, विकास और समृद्धि के अनेकों प्रतिमान स्थापित किए हैं। भाजपा सांसदो के गोद लिए गांव का पता नहीं और अब बिना किसी फंड के, घोषित आकांक्षी जिलों में सामाजिक अखाड़ा के नाम पर केंद्रीय मंत्री दौरे पर आ रहे है। छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है सीमेंट और स्टील उत्पादन में अग्रणी स्थान पर है। कॉल, आयरनओर, बॉक्साइट जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में है जिसका दोहन केंद्र लगातार कर रही है। केंद्रीय राजस्व के संग्रहण में भी छत्तीसगढ का स्थान अग्रणी है, लेकिन जब देने की बारी आती है तो भाजपा नेताओं का रवैया छत्तीसगढ़ के प्रति सदैव उपेक्षा पूर्ण रहा है। विगत 3 वर्षों में 15वें वित्त आयोग के तहत बजट में राज्य का हिस्सा लगभग 13 सौ करोड़, कोल पेनल्टी की राशि 4140 करोड़ और जीएसटी की क्षतिपूर्ति का बकाया अब तक नहीं दिया गया है। लगभग सभी केंद्रीय योजनाओं में राज्यांश बढ़ाए गए हैं। खाद्य सब्सिडी खाद्य सब्सिडी और मनरेगा जैसे लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों के बजट में मोदी सरकार लगातार कटौती कर रही है। डीजल पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज के स्थान पर सेस लगाना राज्यों के आर्थिक हितों के खिलाफ है लेकिन इन विषयों पर भाजपा नेता मौन हैं।

The News India 24

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