शासकीय जमीन के कब्जे और बिक्री को लेकर मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश : अंकित
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अंकित बागबाहरा ने बताया कि बागबाहरा में मुख्य मार्ग 353 के किनारे विश्वनाथ पाणिग्रही के घर के बगल में लगी बेशकीमती प्रचलित आबादी की जमीन क्रमांक 1/388 लगभग 3 से 5 एकड़ को पैसेवालों रसूखदारों के द्वारा कब्जा कर बेचे जाने व नगर पालिका प्रशाशन से मिलकर कब्जे दार व पीछे की जमीन मालिको को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से शासन के मद का दुरुपयोग करते हुए वहां सीसी रोड व बहुत छोटे छोटे निर्माण पौनी पसारी योजना के नाम पर भी नगर पालिका द्वारा करवाया जा रहा है जिस पर कई बार लिखित आपत्ति व सूचना के अधिकार के माध्यम से जानकारी मांगी गई पर कब्जे दार को फायदा पहुंचाने कुछ भी सच नही बताया गया। यहां से बताना अत्यंत आवश्यक है कि एक तरफ नगर विकास के लिए शासकीय जमीनों का बागबाहरा में टोटा है और दूसरी तरफ़ नगर पालिका द्वारा ही इस बेशकीमती जमीन को सुगमता से कब्जे में मदद किया जाना व पीछे की जमीन मालिक को रास्ता उपलब्ध करवाया जाना समझ से परे है ।
इसी प्रकार राष्ट्रीय मार्ग पर बड़े झाड़ के जंगल क्रमांक 141/9 पर भाजपा के बड़े पदाधिकारियों पैसेवालों व सरकारी कर्मचारी द्वारा कब्जा किया जाना और अनगिनत बार लिखित आपत्ति के बावजूद निर्माण होने दिया जाना सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत को दर्शाने पर्याप्त है । भ्रष्टाचार की इन्तेहाँ तो ये है कि स्पष्टतया बड़े झाड़ का जंगल होने के बाद भी अवैध कब्जा दारों को सुनवाई का मौका दे उनकी पूरी मदद की जा रही है अंकित ने कहा एक तरफ गरीब अपने घर को तरसता है,जरूरत में 50 फ़ीट यदि कब्जा करता है तो नगरपालिका एस डी एम तहसीलदार तोड़ने पहुंच जाते है और दूसरी तरफ़ पैसों के लालच में रसूखदारों,भाजपा पदाधिकारियों,पैसेवालों से सेवा भगत करवा कोई कार्यवाही नही की जाती । अंकित ने चेतावनी दी कि ऐसा खुला शाश्कीय कर्मचारियों का भ्रष्ट आचरण कतई बर्दाश्त करने योग्य नही है । अनगिनत बार लिखित शिकायत तहसील,नगरपालिका,एस डी एम,जिलाधीश महोदय को करने के बाद भी जब कोई कार्यवाही नही की गई तो अंततः मजबूर हो अंकित ने प्रदेश के मुखिया को इस संदर्भ में शिकायत की व मदद कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर भी कार्यवाही की मांग की जिसपर त्वरित संज्ञान लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जिलाधीश महासमुंद को कार्यवाही हेतु आदेशित किया है ।
अब देखना है कि अधिकारी कर्मचारी अभी भी भ्रष्टाचार को महत्व देते है कि जनहित को । आगे यदि कार्यवाही तत्काल में नही की जाती है तो शीघ्र होने वाले माननीय मुख्यमंत्री जी के दौरे में इस मुद्दे को बढ़ चढ़ कर उठाया जायगा ।