दिव्यांग कल्याण के उल्लेखनीय कामों के लिए पुरस्कृत
रायपुर, 04 मार्च 2022/ समाज कल्याण विभाग द्वारा रायपुर के माना कैम्प स्थित संचालनालय परिसर में 4 मार्च को दिव्यांगजन राज्य स्तरीय पुरस्कार 2021 का वितरण समारोह आयोजित किया गया। समोराह में समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया द्वारा 8 व्यक्तियों और संस्थाओं को दिव्यांगजन राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 2 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त संस्थाओं और दिव्यांगता, समाज सेवा एवं विशेष उपलब्धियों वाले 5 व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा भी उपस्थित थे।
इन्हें मिला दिव्यांगजन राज्य स्तरीय पुरस्कार-
1. श्री तेजराम साहू-सर्वश्रेष्ठ दृष्टि बाधित कर्मचारी की श्रेणी में बालोद जिला के दियाबाती गांव के निवासी श्री तेजराम साहू को उनके विशिष्ट और उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया। श्री साहू जन्म से ही दृष्टि बाधित है। वे एम.ए. हिन्दी डीएड उत्तीर्ण होने के साथ ही गायन में सगीत विशारद हैं। शत प्रतिशत दृष्टि बाधित होने के बाद भी वे 16 वर्षों से दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को ब्रेल लिपि में शिक्षा प्रदान कर उन्हें स्वावलम्बी बना रहे हैं। वर्तमान में आप शाासकीय प्राथमिक शाला दर्रा, विकासखण्ड गुरूर जिला बालोद में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनका विशेष योगदान रहता है।
2. श्री अरविंद शर्मा-सर्वश्रेष्ठ दृष्टि बाधित कर्मचारी की श्रेणी में धमतरी जिले के सोरिद नगर निवासी श्री अरविंद शर्मा को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री शर्मा जन्म से दृष्टि बाधित हैं। उन्होंने एमएमसी, एनएबी, आईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की। वे आवासीय विशेष प्रशिक्षण केन्द्र कचांदुर जिला बालोद में 2013 से दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को कम्म्यूटर की तकनीकी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्हेंने वर्ष 2014-15 के नेशनल पैरालिम्पिक जूडो प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए कंास्य पदक प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ दिव्यांग मंच से जुड़कर कोविड महामारी के दौरान उन्होंने दिव्यांगजनों को सूखा राशन पहुंचाने में मदद के साथ टीकाकरण के प्रति जागरूक किया।
3. श्री सौरभ कुमार पांडेय-रायपुर के डंगनिया निवासी श्री सौरभ कुमार पांडेय को उनकी कार्य कुशलता और कर्तव्य निष्ठा के लिए सर्वश्रेष्ठ श्रवण बाधित कर्मचारी का पुरस्कार प्रदान किया गया। श्री पांडेय 80 प्रतिशत श्रवण बाधित हैं, वे भारतीय स्टेट बैंक रायपुर में विशेष सहायक के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें बैंक द्वारा सर्वोत्तम कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।
4. श्री रामेश्वर प्रसाद साहू-रायपुर जिले की गुढ़ियारी निवासी श्री रामेश्वर प्रसाद साहू 80 प्रतिशत अस्थि बाधित हैं। उन्हें उनकी कार्य निष्ठा और लगनशीलता के लिए सर्वश्रेष्ठ अस्थि बाधित कर्मचारी का पुरस्कार दिया गया है। वे डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में दवाई वितरण केन्द्र में 2015 से डाटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने डीसीए, बीए और अंग्रेजी, हिन्दी भाषा में टाईपिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान फं्रट लाईन वारियर्स के रूप में मानव सेवा करते हुए प्रतिदिन कार्य पर उपस्थित होकर अपनी सेवाएं दी।
5. खेमराज जन कल्याण सेवा समिति-सर्वश्रेष्ठ अस्थि बाधित नियोक्ता की श्रेणी में बालोद जिले के पड़कीभाट की खेमराज जन कल्याण सेवा समिति को दिव्यांगजन के लिए किए जा रहे अनुकरणीय कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया। समिति द्वारा दिव्यांग पुरूष और महिलाओं को स्व-रोजगार प्रशिक्षण प्रदान कर स्वावलम्बी बनाया जा रहा है। समिति द्वारा दिव्यांगजन महिलाओं प्रशिक्षण दिया गया है। 13 महिलाओं को खादी उद्योग द्वारा गणवेश का काम दिया गया है। यहां वर्तमान में 83 दिव्यांगजन स्व-रोजगार के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
6. फॉर्चून फाउण्डेशन समाजसेवी संस्था –महासमुंद जिले के सरायपाली स्थित फॉर्चून फाउण्डेशन समाजसेवी संस्था को सर्वश्रेष्ठ दृष्टि बाधित संस्था हेतु पुरस्कृत किया गया है। संस्था द्वारा 2013-14 से दृष्टि बाधित दिव्यांगों के शैक्षणिक विकास और उनके समग्र पुनर्वास का काम किया जा रहा है। संस्था में 70 प्रतिशत दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इन बच्चों को ब्रेल लिपि मोबिलिटी और संगीत की शिक्षा दी जा रही है। संस्था द्वारा 44 दृष्टि बाधित बच्चों को समावेशी शिक्षा के तहत शिक्षा प्रदान की जा रही है। संस्था द्वारा राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में 5 स्वर्ण पदक, 11 रजत पदक और 7 कांस्य पदक प्राप्त किया गया है। इसके साथ ही राज्य स्तरीय पैरा स्पोर्ट प्रतियोगिता में 2 बालक एवं 2 बालिकाओं द्वारा स्वर्ण पदक प्राप्त किया है।
7. प्रेमधारा चेरीटेबल सोसायटी (नव जीवन मूब बधिर विद्यालय)-जांजगीर-चांपा जिले के प्रेमधारा चेरिटेबल सोसायटी को सर्वश्रेष्ठ श्रवण बाधित संस्था का पुरस्कार दिया गया है। संस्था द्वारा वर्ष 2018 से श्रवण बाधितार्थ विशेष विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। यहां श्रवण बाधित विद्यार्थियों को शैक्षणिक और पुनर्वास सेवाएं दी जा रही हैं। संस्था द्वारा विद्यार्थियों को समुचित तकनीक से योगाभ्यास, वाणी, वाचन और सामूहिक श्रवण यंत्र के माध्यम से शिक्षण कार्य किया जा रहा है। विद्यालय शिक्षा के साथ-साथ इन बच्चों को उनकी योग्यता के अनुसार व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोविड महामारी के दौरान संस्था ने गांवों में राशन एवं मास्क का वितरण किया और छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की।
8. जांजगीर-चांपा जिला-दिव्यांजनों को पुनर्वास सेवांए प्रदान करने के लिए जांजगीर-चांपा को सर्वश्रेष्ठ जिला का राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। जिले में दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास के अनुकूल वातावरण निर्मित किया गया है। जिले में 12 हजार 861 दिव्यांगजनों का प्रमाणीकरण एवं यूडीआईडी रजिस्ट्रेशन किया गया है और 8545 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए। इसके साथ ही दिव्यांगजनों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं से उन्हें लाभांन्वित किया गया।