जेलों में बढ़ती कैदियों की तादाद: सर्वोच्च न्यायालय का अहम फैसला,
10 साल से ज्यादा की सजा काट चुके कैदियों को मिल सकती है जमानत, लेकिन…
नई दिल्ली/ बरसों से जेल में सज़ा काट रहे कैदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि उत्तर प्रदेश में उन दोषियों की जमानत मंजूर की जा सकती है, जिनके आपराधिक रिकॉर्ड नहीं हैं. कई कैदी सिर्फ एक अपराध के लिए, जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने इस आदेश में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट उन दोषियों की जमानत पर विचार कर सकता है, जो 10 से 14 साल या उससे अधिक की सजा जेल में काट चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि इससे जेलों में कैदियों की भीड़ और अदालतों में लंबित मामले घटेंगे. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट की इस खंडपीठ ने कहा कि 10 से 14 साल तक कैद की सजा काट चुके कैदियों की जमानत पर रिहाई करने से उच्च न्यायालयों में उनके खिलाफ लंबित अपील भी घटेगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट और इसकी लखनऊ पीठ के सामने अगस्त 2021 तक, ऐसे लंबित मामलों की संख्या 83 हजार से ज्यादा थी. जबकि राज्य की कई जेलों में 7,214 अपराधी दस साल से अधिक की सजा काट चुके हैं. अपनी जमानत के लिए उनकी अपील अदालतों में लंबित हैं.