पुरंदेश्वरी ने बस्तर के चिंतन शिविर से थूक फार्मूला निकाला था अब देखते है इस दौरे में क्या निकलेगा?:सुशील आनंद शुक्ला
- बस्तर की जनता के पास पुरंदेश्वरी के लिये अनेकों सवाल है जिसका जवाब उनको देना होगा
- 15 साल के भ्रष्टाचार की चर्चा न हो जाये इसलिये किसी नेताओं को बस्तर नहीं ले जा रही
रायपुर/18 फरवरी 2022। भारतीय जनता पार्टी के सहप्रभारी नितिन नवीन के सरगुजा संभाग के दौरे के बाद भाजपा प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के बस्तर दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इसके पहले भी डी. पुरंदेश्वरी ने बस्तर में भाजपा का चिंतन शिविर आयोजित किया था। दो दिन के गहन चिंतन के बाद पुरंदेश्वरी का थूक फार्मूला निकल कर सामने आया था। अब तीन दिन के दौरे के बाद पुरंदेश्वरी कोई नया थूक फार्मूला निकालेगी। भाजपा प्रभारियों का बस्तर सरगुजा दौरा फिजूल की कवायद है। छत्तीसगढ़ की जनता ने 15 साल तक भाजपा के कुशासन को भोगा है। 15 साल के दंश के बाद राज्य के नागरिकों को एक संवेदनशील जनकल्याणकारी सरकार मिली है। कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर वर्ग के लोगों के लिये न सिर्फ योजनायें बना रहे उनकी प्रभावी क्रियान्वयन भी करवा रहे है। राज्य का किसान, नौजवान, मजदूर, उद्योगपति, व्यापारी, महिला, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति सभी वर्ग के लोग कांग्रेस सरकार के कामों से संतुष्ट है। ऐसे में भाजपा प्रभारियों का बस्तर, सरगुजा की कुछ विधानसभा सीटों का चयन कर वहां पर दौरा कर बदलाव का ख्याली पुलाव भाजपा प्रभारियों का मुंगेरी लाल के हसीन सपने के अलावा कुछ भी नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी अपने बस्तर दौरे पर किन मुद्दों पर जनता से बात करेंगी? भाजपा का फर्जी धर्मांतरण और सांप्रदायिकता का मुद्दा तो दम तोड़ दिया है। बस्तर की जनता जब उनसे पूछेगी कि 15 साल सरकार में रहने के बाद भाजपा ने बस्तर के लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिये कुछ प्रयास क्यों नहीं किया? क्यों बस्तर के लोगों को वन अधिकार पट्टे से वंचित रखा गया था? क्यों बस्तर से सिर्फ 7 वनोपजों की खरीदी की जाती थी? कांग्रेस सरकार जो 52 वनोपज खरीद रही भाजपा ने 15 साल तक क्यों नहीं खरीदा? क्यों आदिवासियों की अधिग्रहित जमीनों को वापस नहीं किया गया था? क्यों तेंदूपत्ता संग्राहकों को भाजपा राज में सिर्फ 2500 ही मिलता था। कांग्रेस की सरकार 4000 कर सकती है तो भाजपा ने क्यों नहीं किया? क्यों बस्तर के आदिवासियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को भाजपा सरकार ने छीन लिया था? बस्तर में स्वास्थ्य, शिक्षा की जो सुविधाएं तीन साल में जुटाई गयी है उसके लिये प्रयास 15 साल तक क्यों नहीं किया गया? ऐसे अनेकों सवाल बस्तर के आम आदमी के जेहन में पुरंदेश्वरी जी के लिये हैं जिनका उनको जवाब देना होगा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि खबरे आ रही कि भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी बस्तर का दौरा अकेले करेगी, वहां पर वे अपने साथ रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, विष्णुदेव साय सहित किसी भी पूर्वमंत्री को साथ नहीं ले जा रही। इसका सीधा मतलब है पुरंदेश्वरी को भय है कि 15 साल सत्ता में रहे इन नेताओं के प्रति जनता की नाराजगी उभर कर फिर सामने न आ जाये। पुरंदेश्वरी के इस परहेज से भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला भाजपा नेताओं ने 15 साल इतन भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी किया है। जनता को इतना परेशान किया है। इनको भाजपा प्रभारी सात सालों भी छुपा कर रखेंगी तो भी इनकी करतूतें लोगों को याद रहेगी।