सांसद संतोष पाण्डेय के जिला प्रशासन द्वारा किये गए अपमान पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक बिफरे

सांसद संतोष पाण्डेय के जिला प्रशासन द्वारा किये गए अपमान पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक बिफरे

रायपुर/20 अगस्त 2019। छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय के जिला प्रशासन द्वारा किये गए अपमान पर कड़ी प्रतिक्रया व्यक्त की है. कौशिक ने कहा कि राज्य शासन के इशारे पर कलक्टर राजनांदगांव ने तमाम लोकतांत्रिक परम्पराओं को ताक पर रख कर जिस तरह जनप्रतिनिधियों के लोकार्पण/उदघाटन/शिलान्यास आदि के अधिकार पर कुठाराघात किया है, उसका भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है.
कौशिक ने कहा सांसद राजनांदगांव के ग्राम-पंचायत सहसपुर दल्ली, खैरा व बाटगांव विकासखंड, राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के डोंगरगढ़ में स्थानीय सरपंच व जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के आमंत्रण पर भवनों के लोकार्पण कार्यक्रम निर्धारित था किन्तु अचानक 17 अगस्त की देर रात को प्रशासन द्वारा उक्त भवनों को सील कर दिया गया. यही नही पुलिस प्रशासन द्वारा 18 अगस्त की रात उन पंचायतों के सरंपच क्रमशः संतराम नागपुरे, सरस्वती कौशिक एवं मनीष यादव को थाना लाने का भी प्रयत्न किया गया. साथ ही जिला पंचायत राजनांदगांव द्वारा श्री बंसत कुमार साहु सचिव ग्राम पंचायत बाटगांव, श्री मोरध्वज पटेल ग्राम पंचायत खैरा, श्री विजय कुमार वर्मा सचिव ग्राम पंचायत सहसपुर दल्ली को 19 अगस्त को अचानक निलंबित भी कर दिया गया. तीनों निलबंन आदेश एक साथ एक ही मनगढन्त आरोप से जारी किया गया है. ये तमाम कारवाई बौखलाहट में की गयी है. कौशिक ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव समेत पूरे प्रदेश में बुरी तरह हारने से भूपेश बघेल सदमे में हैं और डरे हुए हैं. इसी कारण वे तानाशाही पर उतर गए हैं. बघेल का यह कृत्य आपातकाल की याद दिला रहा है.
कौशिक ने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को प्रदत्त अधिकारों के हनन के प्रयास का भाजपा पुरजोर विरोध करती है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा है की जनप्रतिनिधियों के प्रजातांत्रिक अधिकारों के हनन एवं अपमान की लडाई को पार्टी सड़क से संसद तक ले जायेगी.

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर राजनांदगांव ने 19 अगस्त को एक तुगलकी आदेश जारी कर जनप्रतिनिधियों द्वारा किसी भी प्रकार के लोकार्पण/ भूमिपूजन/ शिलान्यास आदि कलेक्टर के बिना अनुमति के किया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है. कलेक्टर का उक्त आदेश जनप्रतिनिधियों का अपमान है. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत तथा नगरीय प्रशासन एवं निर्माण समितियों द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों के उदघाटन के संबंध में किसे आमंत्रित किया जाना है इसका निर्णय वहा के स्थानीय जनप्रतिनिधि करते हैं. यह सर्वमान्य प्रक्रिया वर्षो से चल रहा है, इस परम्परा पर बौखलाहट में कुठाराघात कर शासन ने लोकतंत्र की हत्या की है. कौशिक ने कहा कि त्रिस्तरीय निगम और पंचायत चुनावों में लोकसभा की तरह ही अपनी आसन्न हार से कांग्रेस विचलित है. लेकिन बजाय जनता का भरोसा जीतने के भूपेश गुट पूरी तरह से प्रतिशोध पर उतारू है. कौशिक ने कहा कि इस चुनाव में भी जनता इस सरकार को माकूल जवाब देगी. उन्होंने शासन से ऐसे लोकतंत्र विरोधी निर्णय को तुरंत वापस लेते हुए सांसद पाण्डेय से शासन द्वारा माफी मांगने को कहा है.

The News India 24

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