सफलता की कहानी: बंगाल से भटककर छत्तीसगढ़ पहुंची युवती का सहारा बना सखी सेंटर

सफलता की कहानी: बंगाल से भटककर छत्तीसगढ़ पहुंची युवती का सहारा बना सखी सेंटर
  • पतासाजी कर परिवार तक पहुंचाया गया – सुरक्षित आसरे के लिए राज्य सरकार का जताया आभार
 

रायपुर, 05 जनवरी, 2022/अनजान जगह में भटक गई महिलाओं के लिए सखी सेंटर सुरक्षित आसरा बन रहे हैं, जिसकी मदद से वे अपने परिवार तक पहुंचने में सफल हो रही हैं। इसी तरह का एक मामला छत्तीसगढ़़ में सामने आया जब रोजगार की तलाश में निकली बंगाली युवती भटकते हुए छत्तीसगढ़ के जांजगीर-जांपा जिले पहुंच गई। अनजान जगह में उसके लिए संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर सहारा साबित हुआ। सखी सेंटर में युवती को न सिर्फ सुरक्षित आसरा मिला बल्कि सेंटर ने अथक प्रयास कर उसे उसके परिवार से भी मिला दिया। जिससे उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।
युवती बंगाल की रहने वाली थी। उसे केवल बंगाली भाषा का ज्ञान था। वह दूसरी भाषा बोलने और समझने में सक्षम नहीं थी। भटकते पाए जाने पर युवती को चाम्पा थाना के माध्यम से सखी वन स्टॉप सेंटर जांजगीर लाया गया। यहां उसे तत्काल अस्थाई आश्रय प्रदान करते हुए उसके भोजन और रहने का प्रबंध किया गया। सखी स्टाफ के द्वारा युवती की बातों को समझने तथा उसे अपनी बातें समझाने का प्रयास किया गया। युवती से जानकारी मिली कि वह पश्चिम बंगाल के मध्यम के उदयराजपुर की निवासी है, जो बारासात थाने के अंतर्गत आता है।  वह रोजगार की तलाश में घर से निकली थी, किंतु वह भटक गयी। सखी जांजगीर द्वारा पश्चिम बंगाल में कई लोगों से संपर्क कर युवती के निवास स्थान व उसके परिवार का पता लगा लिया। इसके बाद युवती के भाई को पूरी जानकारी देते हुए सखी कार्यालय बुलाया गया। युवती के भाई ने जांजगीर के सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचकर युवती की सुपुर्दगी ली। युवती के भाई ने सखी संेटर में उसकी बहन का ध्यान रखने और उसकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार और संेटर के लोगों का आभार व्यक्त किया है।

The News India 24

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